World Pneumonia Day: भारत में निमोनिया से हर घंटे मरते हैं 18 बच्चे, निमोनिया का घरेलू इलाज करने के लिए आजमाएं 4 तरीके
By उस्मान | Published: November 12, 2020 11:21 AM2020-11-12T11:21:25+5:302020-11-12T11:23:48+5:30
निमोनिया का इलाज : घर में मौजूद चीजों के जरिये सांस की इस बीमारी से राहत पाई जा सकती है
हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस (World Pneumonia Day) मनाया जाता है। इस साल यानी 2020 में विश्व निमोनिया दिवस की थीम 'एवेरी ब्रेथ काउंट' है।इस दिवस को मनाने का उद्देश्य सांस की इस बीमारी के बारे में जागरूकता फैलाना है।
कोरोना वायरस महामारी के दौरान इस बीमारी से बचाव और इलाज बहुत जरूरी है। कोरोना वायरस से फेफड़ों पर वार करता है और इसमें भी सांस से जुड़ी समस्याएं होती हैं।
निमोनिया क्या है ?
निमोनिया एक ऐसी बीमारी है, जो छोटे बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है। निमोनिया के प्रमुख दो लक्षण हैं, पहला खांसी और दूसरा सांस चलना। निमोनिया होने पर पहले हल्का सर्दी-जुकाम और फिर तेज बुखार भी होता है। निमोनिया फेफड़ों में असाधारण तौर पर सूजन आने के कारण होता है।
निमोनिया होने पर क्या होता है ?
इसमें फेफड़ों में पानी भी भर जाता है। निमोनिया ज्यादातर बैक्टीरिया, वायरस या फंगल के हमले से होता है। मौसम बदलने, सर्दी लगने, फेफड़ों पर चोट लगने के अलावा खसरा और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों के बाद भी इसकी आशंका बढ़ जाती है।
देश में निमोनिया से हर घंटे में 14 बच्चों की मौत
'सेव द चिल्ड्रन', यूनीसेफ और 'एवरी बर्थ काउंट्स' के एक अध्ययन के अनुसार, देश में निमोनिया से 2018 में पांच साल से कम आयु के 1,27,000 बच्चों की मौत हुई। इसका मतलब है कि इस साल हर घंटे पांच साल से कम उम्र के 14 से अधिक बच्चों की मौत निमोनिया से हुई।
दुनिया में निमोनिया से रोजाना 2 हजार बच्चों की मौत
निमोनिया बच्चों की मौतों के लिए दुनिया की प्रमुख संक्रामक बीमारी बनकर सामने आया है जिससे हर साल पांच साल से कम आयु के आठ लाख से अधिक बच्चों की मौत हो जाती है। प्रतिदिन के हिसाब से यह संख्या दो हजार से अधिक है।
निमोनिया के लक्षण
निमोनिया के लक्षणों में तेज सांस लेना, कफ और खांसी, होंठों और नाखुन का रंग पीला पड़ना, उल्टी आना, सीने और पेट में दर्द होना शामिल हैं।
निमोनिया से राहत पाने के घरेलू उपचार
1) हल्दी और लौंग
हल्दी में मौजूद एंटीबायोटिक गुण शरीर को कई बीमारियों से दूर रखते हैं। निमोनिया होने पर थोड़ी-सी हल्दी को गुनगुने पानी में मिलाएं और इसे छाती पर लगाने से राहत मिलती है। एक गिलास पानी में 5-6 लौंग, काली मिर्च और 1 ग्राम सोडा डालकर उबाल लें। अब इस मिश्रण को दिन में 1-2 बार लेने से फायदा होता है।
2) लहसुन का पेस्ट
इसके लिए लहसुन की कुछ कलियों को मसलकर उसका पेस्ट बना लें और रात को सोने से पहले बच्चे की छाती पर लगा दें जिससे शरीर को गर्माहट मिलेगी और कफ बाहर निकलेगा।
3) लहसुन का पानी
लहसुन कुदरती रूप से बैक्टीरिया से लड़ने की क्षमता रखता है। यह वायरस और फंगस से भी शरीर की रक्षा करता है। लहसुन में शरीर का तापमान कम करने और छाती व फेफड़ों में जमा बलगम को बाहर निकालने की क्षमता होती है। लहसुन का गर्म का दिन में तीन-चार बार, दो से तीन चम्मच सेवन करने से निमोनिया में आराम मिलता है।
4) लाल मिर्च
लाल मिर्च में कैप्सासिन होता है जो श्वसन मार्ग से बलगम को हटाने में मदद करता है। लाल मिर्च बीटा-कोरटेन का भी अच्छा स्रोत होती है, जो कफ की झिल्ली को सुरक्षित रखता है। करीब 250 मिली पानी में थोड़ी सी लाल मिर्च और थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर दिन में कुछ बार इसका सेवन करें।
निमोनिया से ऐसे बच सकती है बच्चों की जान
रिपोर्ट के अनुसार इनमें से एक तिहाई यानी 40 लाख से अधिक मौतें टीकाकरण, उपचार और पोषण की दरों में सुधार के ठोस कदम से आसानी से टाली जा सकती हैं।
दुनियाभर में यह बच्चों के लिए सबसे बड़ी जानलेवा संक्रामक बीमारी है। मलेरिया, दस्त एवं खसरा को मिलाकर जितनी मौतों होती हैं, उससे कहीं ज्यादा अकेले इस बीमारी से मौतें होती हैं।