World Kidney Day : धीरे-धीरे दोनों किडनियों में पथरी बना देते हैं रोजाना के ये 5 काम, ये 5 चीजें करेंगी बाहर
By उस्मान | Published: March 12, 2020 09:23 AM2020-03-12T09:23:04+5:302020-03-12T10:03:30+5:30
World Kidney Day : किडनी की पथरी से बचना है, तो आपको आज ही से इन कामों को छोड़ देना चाहिए
दुनियाभर में आज विश्व किडनी दिवस (World Kidney Day) मनाया जा रहा है। लोगों को किडनी और इससे जुड़े पहलुओं के संबंध में जागरूक करने के लिए हर वर्ष मार्च महीने के दूसरे गुरूवार को यह दिवस मनाया जाता है। किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है जिनका मुख्य काम मानव शरीर से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालना और शरीर में पानी, रसायन और खनिज स्तर को बनाए रखना है। इसमें कसी भी तरह की खराबी आपको मुसीबत में डाल सकती है।
शरीर में किडनी का क्या काम है?
किडनी शरीर का मुख्य अंग है जिसका काम खून साफ करना, अनावश्यक जहरीले पदार्थों को पेशाब द्वारा बाहर निकालना, अपशिष्ट उत्पादों को निकलना, अम्ल एवं क्षार का संतुलन बनाना, खून के दबाव पर नियंत्रण रखना, हड्डियों को मजबूती प्रदान करना है। खराब खानपान के कारण किडनी से जुड़ीं कई बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं। इसमें से एक है किडनी की पथरी।
किडनी की पथरी क्या है?
किडनी की पथरी खनिज और लवणों से बने कठोर पदार्थ होते हैं। किडनी की पथरी के कई कारण होते हैं और आपके मूत्र मार्ग के किसी भी हिस्से को प्रभावित कर सकते हैं। अक्सर पथरी का निर्माण तब होता है, जब पेशाब गाढ़ा हो जाता है, जिससे खनिज क्रिस्टलीय हो जाते हैं और एक साथ चिपक जाते हैं।
गुर्दे की पथरी होने पर काफी दर्दनाक हो सकता है। लेकिन आमतौर पर पथरी से कोई स्थायी नुकसान नहीं होता है। आपकी स्थिति के आधार पर, आपको गुर्दे की पथरी को पारित करने के लिए दर्द की दवा लेने और बहुत सारा पानी पीने के अलावा और कुछ नहीं चाहिए।
एक गुर्दे की पथरी होने पर आपको पसलियों के नीचे, पक्ष और पीठ में गंभीर दर्द होना, यह दर्द पेट और कमर के निचले हिस्से में होता है। दर्द जो लहरों में आता है और तीव्रता में उतार-चढ़ाव होता है। पेशाब करने पर दर्द होना, गुलाबी, लाल या भूरे रंग का मूत्र, बदबूदार या दुर्गंधयुक्त पेशाब, मतली और उल्टी, लगातार पेशाब करने की जरूरत होना, सामान्य से अधिक बार पेशाब करना, यदि कोई संक्रमण मौजूद है तो बुखार और ठंड लगना और छोटी मात्रा में पेशाब करना आदि शामिल हैं।
किडनी की पथरी का कारण
1) ज्यादा नमक खाना
जो लोग नमक का अधिक मात्रा में सेवन करते हैं, उनकी किडनी फेल होने का खतरा होता ई, क्योंकि नमक में मौजूद सोडियम किडनी की समस्याओं को बढ़ा देता है। नमक के और भी कई नुकसान हैं जिनमें हाइपरटेंशन और अन्य हार्ट डिजीज शामिल हैं।
2) ज्यादा कॉफी का सेवन
कुछ लोग कॉफी के बहुत शौक़ीन होते हैं, लेकिन कॉफ़ी में मौजूद कैफीन किडनी को डैमेज कर सकती है इसलिए कॉफ़ी का अधिक सेवन न करें। कॉफ़ी में कई ऐसे तत्व होते हैं, जो सीधे ब्लैडर और किडनी पर प्रभाव डालते हैं, इसलिए आपको दिन में दो कप से ज्यादा कॉफ़ी का सेवन नहीं करना चाहिए।
3) पूरी नींद न लेना
अगर कोई व्यक्ति इससे कम नींद लेता है तो उसकी किडनी फेल होने का खतरा बढ़ जाता है। एक्सपर्ट्स मानते हैं कि हर दिन 7 से 8 घंटे की नींद बेहद जरूरी होती है. देर रात तक टीवी देखना या मोबाइल में बिजी रहना आज की बड़ी समस्या है जिससे नींद पूरी नहीं हो पा रही है।
4) पेशाब रोककर रखना
कभी कभी काम करते हुए या किसी अन्य कारण से बहुत से लोग पेशाब को रोककर रखते हैं, ये किडनी के खतरनाक हो सकता है। इससे ब्लैडर भी असर पड़ता है जिससे आपको सिर्फ किडनी की पथरी ही नहीं बल्कि यूटीआई जैसी गंभीर समस्या भी हो सकती है।
5) शराब का सेवन
शराब सेहत के लिए बुत खतरनाक होती है, जो लोग प्रतिदिन अधिक मात्रा में शराब का सेवन करते हैं, तो उनकी किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है, और इससे किडनी खराब भी हो सकती है।
किडनी की पथरी के लिए घरेलू उपचार
पहला आयुर्वेदिक उपचार
10 ग्राम मूली के बीज, 10 ग्राम गाजर के बीज, 20 ग्राम गोखरू, 5 ग्राम जवाखार और 5 ग्राम हजरूल यहूद को कूटकर पीस लें और चूर्ण जैसा बना लें। अब इसकी कम से कम 3-3 ग्राम की पूड़ियां बना लें। एक खुराक सुबह, दूसरी शाम और तीसरी रात को दूध या पानी से लें।
नींबू का रस जैतून के तेल के साथ
यह संयोजन थोड़ा अजीब लग सकता है लेकिन यह एक प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है। जो लोग अपने गुर्दे से पत्थरों को हटाने की इच्छा रखते हैं, उन्हें प्राकृतिक रूप से इस तरल को रोजाना पीना चाहिए जब तक कि पथरी निकल न जाए। नींबू का रस पथरी को तोड़ने में मदद करता है जबकि जैतून का तेल मुलायम बनाने के कार्य करता है ताकि कम कठिनाई के बिना सिस्टम से गुजर सकें।
भिंडी
भिंडी एक ऐसी सब्जी है जो पोषक तत्वों से भरपूर है। इसमें मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं जो किडनी के स्वास्थ्य को बनाए रखते हैं। यह भी गुर्दे की पथरी के लिए एक बहुत प्रभावी आयुर्वेदिक उपचार है। अपने आहार में भिंडी को शामिल करना बेहद सहायक हो सकता है क्योंकि यह गुर्दे की पथरी के लिए एक उत्कृष्ट आयुर्वेदिक उपचार है।
तुलसी के रस के साथ पानी
यह किडनियों को खनिजों और पोषक तत्वों को तोड़ने में मदद करता है, और पाचन और अवशोषण की प्रक्रिया को बढ़ावा देता है। आमतौर पर, एक स्वस्थ मनुष्य को दिन में 7-8 गिलास पानी पीने की सलाह दी जाती है। पानी शरीर की सफाई और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद करता है जो कि गुर्दे के साथ-साथ अन्य अंगों को भी नुकसान पहुंचा सकते है। गुर्दे की पथरी से पीड़ित लोगों को मूत्र के माध्यम से पथरी को बाहर निकालने के लिए बहुत सारा पानी पीना चाहिए। सर्वोत्तम प्रभावों के लिए, तुलसी के रस के साथ पानी पीना चाहिए क्योंकि तुलसी में शरीर में तरल पदार्थ, खनिज और यूरिक एसिड के संतुलन को बनाए रखने के लिए जाना जाता है।
नारियल पानी
नारियल पोषक तत्वों से भरा होता है और यह किडनी के स्वास्थ्य के लिए बहुत अच्छा है। अगर किसी को किडनी में पथरी है तो उसे रोजाना इसका सेवन करना चाहिए। यह गुर्दे की पथरी के आयुर्वेदिक उपचार के लिए बेहतर विकल्प है और पथरी को घोलने में मदद करता है और अंततः मूत्र के माध्यम से उन्हें बाहर निकाल देता है।