World Diabetes Day: डायबिटीज के मरीजों को एचआईवी, हेपेटाइटिस का रोगी बना सकती है ये छोटी सी गलती

By उस्मान | Published: November 13, 2019 10:33 AM2019-11-13T10:33:59+5:302019-11-13T10:54:20+5:30

भारत में 2025 तक डायबिटीज के मरीजों की संख्या करीब 13.4 करोड़ तक हो सकती है। इससे हर साल करीब 5 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

World Diabetes Day: diabetes statistics in India, how to use insulin injection to manage blood sugar, tips to prevent of diabetes | World Diabetes Day: डायबिटीज के मरीजों को एचआईवी, हेपेटाइटिस का रोगी बना सकती है ये छोटी सी गलती

World Diabetes Day: डायबिटीज के मरीजों को एचआईवी, हेपेटाइटिस का रोगी बना सकती है ये छोटी सी गलती

World Diabetes Day : पिछले दो दशकों में भारत में डायबिटीज के मामलों (Diabetes statistics in India) में खतरनाक बढ़ोतरी देखी गई है। 2017 में तकरीबन 7.29 करोड़ मामलों के साथ भारत दुनिया के डायबिटीज बोझ का 49% प्रतिनिधित्व करता है, और ये संख्या अनुमान के मुताबिक साल 2025 तक दोगुना यानि करीब 13.4 करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है। डायबिटीज भारत में प्रमुख गैर संचारी रोगों में से एक है जिससे हर साल करीब 5 लाख लोगों की मौत हो जाती है।

इंसुलिन से रोकथाम संभव (diabetes insulin injection)

इन्सुलिन थेरेपी अक्सर डायबिटीज़ प्रबंधन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। वर्तमान में डायबिटीज़ से पीड़ित लगभग 35% लोग इन्सुलिन पर हैं। टाइप 1 डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों में इन्सुलिन उपचार का प्रमुख हिस्सा है।

हालांकि टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित लोगों को जिनमें मौखिक रूप से ली जाने वाली दवाईयां, आहार और व्यायाम के बावजूद शुगर नियंत्रण में नहीं रहता, उन्हें भी ब्लड शुगर का स्तर नियंत्रित करने और कार्डियोवैस्कुलर बीमारी, स्ट्रोक, पैरिफेरल वैस्कुलर रोग, किडनी रोग इत्यादि जैसी बीमारियों से लंबे समय तक होने वाली समस्याओं की रोकथाम के लिए इन्सुलिन इंजेक्शन्स लेने की जरूरत होती है।

बेहतर ग्लाइसेमिक नियंत्रण, आहार, व्यायाम और योग्य तरीके से इन्सुलिन लेकर इन जोखिमों को बड़े पैमाने पर कम किया जा सकता है।

इंसुलिन इंजेक्शन लगाने का सही तरीका क्या है  

इन्सुलिन थेरपी लेने वाले मरीजों में डायबिटीज पर ज्यादा से ज्यादा नियंत्रण बनाए रखने के लिए इंजेक्शन तकनीक महत्वपूर्ण होती है। शरीर में इन्सुलिन के इष्टतम समावेश के लिए, मांसपेशी से बचने हेतु इन्सुलिन को त्वचा के नीचे मोटी परत पर इंजेक्ट किए जाने की जरूरत होती है।

इसके साथ ही प्रत्येक इंजेक्शन के लिए हर समय नई जगह का उपयोग करना महत्वपूर्ण होता है। इसके साथ ही ये सलाह दी जाती है कि एक ही जगह पर बार बार इंजेक्ट न करें और ये सलाह दी जाती है कि हर इस्तेमाल के बाद इंजेक्शन की सुई को बदला जाए।  

जयपुर स्थित डायबिटीज, थायरॉइड और एन्डोक्राइन सेंटर के डॉक्टर एसके शर्मा के अनुसार, इंसुलिन पेन और सीरिंज की सुईयों का इस्तेमाल एक बार ही किए जाने के लिए होता है लेकिन ये पाया गया है कि डायबिटीज से पीड़ित 70% लोग सुईयों का फिर से इस्तेमाल करते हैं. इसका प्रमुख कारण है जागरुकता और योग्य तरीके से इंजेक्शन लेने के तरीकों के प्रशिक्षण की कमी।

इंसुलिन इंजेक्शन लगाते समय इन बातों का रखें ध्यान 

उन्होंने कहा, 'सुईयों के बार-बार इस्तेमाल से सुई की नोंक कुन्द हो जाती है और मुड़ जाती है जिससे दर्द और खून निकल सकता है, खुराक की मात्रा सही नहीं होती और लिपोहायपरट्रोफी की समस्या होती है। लिपो मरीज़ के आमतौर पर इंजेक्शन वाली जगहों पर त्वचा के अंदर एक मोटी, रबर की तरह सूजन होती है। लिपोहायपरट्रोफी के कारण ग्लाइसेमिक नियंत्रण में खराबी, हाइपोग्लाइसेमिया और ग्लाइसेमिक विषमता की समस्या आ सकती है।

बार-बार एक ही इंजेक्शन लगाने से बीमारियों का खतरा 

इंजेक्शन पूरा हो जाने के बाद सुई पर बैक्‍टीरिया मौजूद होता है और इसके बार-बार इस्तेमाल से बैक्‍टीरिया का विकास बढ़ जाता है। कार्ट्रिज में इसका प्रत्यावहन स्थूल रुप से देखा जा सकता है। यदि देखभाल करनेवाले को इस सुई से कोई जख्‍म हो जाए तो इससे खून से संचारित होने वाले रोगों जैसे एचआईवी या हेपेटाइटिस का खतरा हो सकता है।

स्वास्थ्य देखभाल मुहैया कराने वाले पेशेवरों द्वारा मरीज़ों में सुई के बार-बार इस्तेमाल से होने वाले विपरीत परिणामों के बारे में जागरुकता फैलाई जानी चाहिए और ऐसे तरीकों पर रोक लगाना चाहिए। मरीज़ों के लिए उपचार के परिणामों का पता लगाने के लिए दवाईयों का लिया जाना प्रमुख कारक होता है।

डायबिटीज़ जैसे लंबे समय तक चलने वाले प्रबंधनीय रोगों के प्रबंधन के मामले में भारत में ये खास तौर पर सच है। दवाईयों के प्रभावी होने के लिए ये समझना महत्वपूर्ण है कि इसे सही तरीके से लिया जाना चाहिए और क्यों मरीज़ों द्वारा प्रत्येक इंजेक्शन के लिए हमेशा एक नई सुई का इस्तेमाल किया जाना चाहिए।

सुईयों के बार-बार इस्तेमाल और इंजेक्शन लेने के गलत तरीकों से गंभीर लेकिन फिर भी टाले जा सकने वाले परिणाम और समस्याएं और दवाईयों की त्रुटियां हो सकती है। इसलिए, मरीज़ों की सुरक्षा के लिए, इन्सुलिन की सुईयों के दोबारा इस्तेमाल किए जाने से बचने के बारे में जागरुकता फैलाने की अत्यधिक आवश्यकता है।   

English summary :
World Diabetes Day: Diabetes statistics in India has seen increase in the last two decades. India represents 49% of the world's diabetes burden with around 7.29 crore cases in 2017, and these numbers are expected to double by the year 2025 i.e. around 13.4 crore.


Web Title: World Diabetes Day: diabetes statistics in India, how to use insulin injection to manage blood sugar, tips to prevent of diabetes

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