दिल को अंदर तक झकझोर देगी ताहिरा कश्यप की ये फोटो, ऐसे जीती कैंसर की जंग
By उस्मान | Published: February 4, 2019 04:28 PM2019-02-04T16:28:49+5:302019-02-04T16:28:49+5:30
ब्रेस्ट कैंसर से जूझ रही ताहिरा को इलाज के दौरान 12 बार कीमोथेरेपी सेशन से गुजरना पड़ा। ताहिरा का मानना है कि हिम्मत और जज्बे के साथ ही कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में मदद मिल सकती है।
वर्ल्ड कैंसर (World Cancer Day) पर बॉलीवुड एक्टर आयुष्मान खुराना की पत्नी ताहिरा कश्यप ने अपने इंस्टाग्राम पर एक फोटो अपलोड की है, जो काफी वायरल हो रही है। हाल ही में ब्रेस्ट कैंसर स्टेज 1 से जंग जीतने वाली ताहिरा ने अपने इलाज के दिनों को याद करके दिल को छू लेने वाला मैसेज भी लिखा है। आप इस फोटो में देख सकते हैं कि उनकी पीठ पर एक लंबा कट का निशान है। ताहिरा को इलाज के दौरान 12 बार कीमोथेरेपी सेशन से गुजरना पड़ा। ताहिरा का मानना है कि हिम्मत और जज्बे के साथ ही कैंसर जैसी बीमारी से लड़ने में मदद मिल सकती है।
पिछले साल ताहिरा ने खुलासा किया था कि वो pre-invasive cancer-DCIS (ductal carcinoma in situ) का इलाज करा रही हैं। यह एक तरह का ब्रेस्ट कैंसर है, जिससे ताहिरा का दाहिना स्तन प्रभावित हुआ था। इलाज के दौरान ताहिरा नियमित रूप से अपने स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी सोशल मीडिया पर शेयर करती रहती थीं।
कैंसर से निपटने के लिए ताहिरा के टिप्स
ताहिरा ने डटकर कैंसर का सामना किया है। इलाज के दौरान अपने एक मैसेज में उन्होंने लिखा था कि कैंसर जैसी बीमारी का सभी लोगों को डटकर सामना करना चाहिए और इसे बाहर का रास्ता दिखाना चाहिए।
ताहिरा के अनुसार, 'मेरा मानना है कि अगर आपके जीवन में कोई बाधा आती है, तो आपको उससे निपटने और काबू पाने के लिए हिम्मत से काम लेना चाहिए।इलाज के दौरान मैं 12 बार कीमोथेरेपी (जिसमें 6 नीचे और छह लेफ्ट) सेशन से गुजरी हूं।'
Breast Cancer Stage 1 क्या है?
ब्रेस्ट कैंसर के पहले को 1 ए और 1 बी में भी बांटा जा सकता है। 1 ए की अवस्था में आम तौर पर घातक ऊतक आकार में 2 से 3 सेमी से अधिक नहीं होते हैं। सही समय पर पहचान नहीं होने के कारण ये बढ़ जाती हैं। दूसरे स्टेज में गांठ दो से पांच सेंटीमीटर तक हो जाती है। तीसरे स्टेज में गांठ 5 सेंटीमीटर से भी बड़ी हो जाती है। चौथे स्टेज में बीमारी स्तन से निकल कर शरीर के अन्य भागों में फैलने लगती है। इस समय बीमारी को कंट्रोल करना काफी मुश्किल होता है।
भारत में ब्रेस्ट कैंसर की स्थिति और इलाज
ब्रेस्ट कैंसर के मामले देशभर में तेजी से बढ़ रहे हैं। महिलाओं में होने वाले कुल कैंसर में 30 से 40 फीसद स्तन कैंसर के मामले पाए जा रहे हैं। बदलती जीवनशैली के कारण कम उम्र की लड़कियां भी इसका शिकार हो रहीं हैं। सबसे जरूरी है कि बीमारी की पहचान पहले चरण में हो। मेमोग्राफी की नई तकनीक स्तन कैंसर की पहचान में बेहद कारगर है।
ब्रेस्ट कैंसर के पहले स्टेज का इलाज पक्का
कैंसर एक्सपर्ट्स का मानना है कि ब्रेस्ट कैंसर की पहचान पहले स्टेज में होना होना बहुत जरूरी है। इसके लिए महिलाओं को जागरूक रहना होगा। इस तरह के कैंसर को पूर्ण रूप से ठीक किया जा सकता है। दूसरे स्टेज में कैंसर की पहचान होने पर भी 80 फीसद तक बीमारी का इलाज संभव है। मरीज के तीसरे या चौथे चरण में जाने पर, उसे बचाना काफी मुश्किल होता है।