सर्दियों में अगर बच्चे को हो जाए बुखार, तो जितनी जल्दी हो करें ये 6 काम, तुरंत मिलेगा आराम
By उस्मान | Published: December 12, 2019 03:03 PM2019-12-12T15:03:52+5:302019-12-12T15:03:52+5:30
वायरल इन्फेक्शन के लिए बच्चों को गलत तरीके से एंटीबायोटिक दवाइयाँ देना और और ज्यादा दवाएं देने से एंटीबायोटिक-रेसिस्टेंट बग्स (कीड़े) हो सकते हैं
सर्दियों में सर्दी, जुकाम और वायरल बुखार होना एक आम समस्या है। खासकर बच्चे इससे काफी पीड़ित होते हैं। सीडीसी के अनुसार, वायरल इन्फेक्शन के लिए बच्चों को गलत तरीके से एंटीबायोटिक दवाइयाँ देना और और ज्यादा दवाएं देने से एंटीबायोटिक-रेसिस्टेंट बग्स (कीड़े) हो सकते हैं। यही वजह है कि इस तरह की समस्याओं के लिए बार-बार दवाओं का इस्तेमाल हानिकारक हो सकता है।
ऐसा माना जाता है कि अगर बच्चे को बुखार होकर एक दिन में उतर जाता है, तो यह सामान्य है लेकिन अगर बुखार कुछ दिनों के बाद फिर शुरू होता है, तो इन्फेक्शन हो सकता है। इसके बाद अगर बच्चा पांच दिनों में भी ठीक नहीं होता है, तो आपको इसे गंभीरता से लेना चाहिए।
वेबएमडी के अनुसार, अगर बच्चे को बुखार होता है तो बच्चों को डॉक्टर की सलाह पर आइबुप्रोफेन या फिर एसिटामिनोफेन दी जा सकती है। बाल रोग विशेषज्ञ बच्चों को एस्पीरिन न देने की सलाह देते हैं। उनके अनुसार इससे बच्चों के शरीर में रेज़ सिड्रोम होने की संभावना होती है। ये एक तरह की गंभीर बीमारी है जो बच्चे को लीवर और दिमाग पर असर डाल सकती है।
चिकन सूप
आप बच्चे को चिकन सूप दे सकते हैं जो काफी लाभदायक हो सकता है। ऐसा माना जाता है कि गर्म चिकन सूप में बुखार का उपचार करने की क्षमता होती है। ध्यान रहे कि बहुत कम मात्रा में दें और इसे हल्का और पौष्टिक रखें।
गर्म पानी का स्नान
बुखार होने पर बच्चे को गर्म स्नान देने से बेचैनी को कम किया जा सकता है। सुनिश्चित करें कि बच्चे को दमा तो नहीं है क्योंकि नमी में परिवर्तन ब्रोन्कोस्पास्म का कारण बन सकता है।
मेन्थॉल साल्व
सर्दी या बुखार होने पर बच्चे की छाती, माथे और पैरों पर मेन्थॉल साल्व लगाने से सीने में जकड़न कम होती है। कुछ लोग शराब भी लगाते हैं, ऐसा करने से बचें।
गर्म पानी का भाप
इसके अलावा अगर आप कुछ दूसरे इलाज करना चाहती हैं, तो गर्म पानी से भाप लेना, विक्स का भाप लेना, या छाती पर विक्स की मालिश से भी बलगम में राहत मिलती है।
हल्के कपड़े पहनाएं
बुखार के दौरान अपने बच्चे को हल्के कपड़े पहनाएं और उन्हें कम्बल में न लपेटें। अगर उनमें डिहाइड्रेशन के संकेत दिखते हैं, तो तुरन्त डॉक्टर से सम्पर्क करें। उदाहरण के तौर पर अगर आपको बच्चे का डाइपर, जीभ या मुंह ड्राई लगता है या वो ठीक से फीडिंग नहीं कर रहा है तो बच्चे को तुरन्त डॉक्टर को दिखाएं।
कब जायें डॉक्टर के पास
अगर बच्चा एक साल से छोटा है और आपको लगता है कि उसे फ्लू है या वो ठीक से पानी नहीं पी रहा, तो डॉक्टर को दिखाएं। इसके अलावा अगर उसकी नाक से पीला या हरा बलगम आ रहा है तो भी डॉक्टर को दिखाना चाहिए। अगर बुखार दो दिन से ज्यादा समय से है तो भी डॉक्टर से दवा लें। लेकिन अगर बच्चे को सांस लेने में परेशानी हो रही है तो तुरन्त इमरजेंसी रूम में ही डॉक्टर को दिखाएं।
इस बात का रखें ध्यान
इसके अलावा अगर आप कुछ दूसरे इलाज करना चाहते हैं, तो गर्म पानी से भाप लेना, विक्स का भाप लेना, या छाती पर विक्स की मालिश से भी बलगम में राहत मिलती है। इस बात का ध्यान रखें कि सिर्फ घरेलू उपायों पर निर्भर न रहे, अगर लक्षण गंभीर है, तो जितनी जल्दी हो सके डॉक्टर से संपर्क करें।