नेजल वैक्सीन क्या है, कैसे काम करती है ये और मौजूदा कोविड टीके से कितना अलग है, जानें सबकुछ
By विनीत कुमार | Published: June 8, 2021 08:16 AM2021-06-08T08:16:52+5:302021-06-08T08:30:01+5:30
Nasal Vaccine: कोरोना के खिलाफ जंग के लिए नेजल वैक्सीन की इन दिनों खूब चर्चा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसका जिक्र अपने संबोधन में किया है। जानिए क्या है नेजल वैक्सीन और ये कितना प्रभावी साबित हो सकता है।
भारत में आखिरकार कोरोना की दूसरी लहर से पैदा हुए हालात अब ठीक होते नजर आ रहे हैं। इस बीच तीसरे लहर की आहट भी है। ऐसे में तीसरी लहर के आने से पहले सरकार की ये कोशिश है कि टीकाकरण की प्रक्रिया में और तेजी लाई जाए और ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन मिल सके।
इसके लिए जरूरी है कि ज्यादा संख्या में वैक्सीन उपलब्ध हो ताकि इसे आम लोगों तक पहुंचाया जा सके। पीएम मोदी ने सोमवार को देश के नाम संबोधन में भी इसका जिक्र किया। साथ ही उन्होंने एक नेजल वैक्सीन की भी बात कही और बताया कि इस पर रिसर्च जारी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अगर नेजल वैक्सीन से संबंधित रिसर्च सफल होती है तो भारत के टीकाकरण अभियान को बहुत मजबूती मिल जाएगी। ऐसे में सवाल है कि ये नेजल वैक्सीन क्या है? आईए जानते हैं।
नेजल वैक्सीन क्या होता है?
नेजल वैक्सीन या टीका दरअसल नाक से दिया जाता है। कोरोना की अभी हम जो वैक्सीन देख रहे हैं, उसे इंजेक्ट कर यानी सुई के माध्यम से शरीर में पहुंचाया जाता है। वहीं नेजल वैक्सीन में नाक के रास्ते आपके शरीर में टीके को पहुंचाया जाएगा। इसमें सुई लगाने की जरूरत नहीं पड़ती है।
वैक्सीन की कुछ बूंदे आपके नाक में छिड़की जाती हैं और फिर सांस के रास्ते इसे शरीर में पहुंचाया जाता है। पिछले साल वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के खिलाफ एक वैक्सीन बनाई थी जिसका एक डोज नाक के रास्ते दिया जा सकता था और ये कोरोना के खिलाफ चूहों पर असरदार साबित हुआ था।
हाल में एक जर्नल 'सेल' (Cell) में छपी स्टडी के मुताबिक नाक से दिया जाने वाला वैक्सीन सीधे उस हिस्से पर प्रभाव डालता है जो कोरोना से सबसे पहले प्रभावित होता है। ऐसे में जानकारों के अनुसार ये वैक्सीन ज्यादा प्रभावी साबित हो सकती है क्योंकि कोरोना जिस रास्ते से ज्यादा शरीर में फैलता है, वहीं इसे रोका जा सकेगा।
कुछ दिन पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन की मुख्य वैज्ञानिक सौम्या स्वामीनाथन ने भी कहा था कि नेजल वैक्सीन कोरोना के खिलाफ लड़ाई में बच्चों के लिए 'गेम चेंजर' साबित हो सकता है। वहीं भारत बायोटेक द्वारा बनाई गई BBVI54 नेजल वैक्सीन प्री-क्लीनिकल ट्रायल फेज में हैं।
वहीं, एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार इस वैक्सीन का एक फायदा ये भी है कि इसके लिए इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ती है। ऐसे में इसे लगाने के लिए बड़ी संख्या में स्वास्थ्य कर्मियों की भी जरूरत नहीं पड़ेगी।
नेजल वैक्सीन कैसे काम करता है?
बिजनेस इनसाइडर के मुताबिक आईएपी कमिटी ऑन इम्यूनिजेशन और पेडियाट्रिशियन डॉ विपिन एम वशिष्ठ ने बताया कि नेजल वैक्सीन का सबसे बड़ा फायदा ये है कि ये वायरस के शरीर में दाखिल होने के रास्ते में बड़ा अवरोध पैदा कर सकता है। ये एक तरह से वायरस के खिलाफ दीवार का काम करेगा।
ऐसे में वायरस को अगर नाक के पास ही रोक लिया जाता है तो शरीर में दाखिल होकर फेफड़े को संक्रमित नहीं कर सकेगा। वहीं प्रभावी इम्यूनिटी इस वैक्सीन से पैदा होती है तो न केवल ये संक्रमण के खतरे को कम करेगा बल्कि इसके फैलने की आशांका भी बहुत कम हो जाएगी।
भारत बायोटेक के नेजल वैक्सीन के बारे में
फिलहाल भारत बायोटेक की नेजल वैक्सीन BBV154 पर परीक्षण जारी है। इसके निर्माताओं के अनुसार ये संक्रमण की जगह पर एक इम्यूनिटी बनाता है। इससे शरीर में पहुंचने वाले संक्रमण के रास्ते को भी रोका जा सकता है और कोविड-19 के फैलाव पर भी काबू पाया जा सकता है।
भारत बायोटेक की बनाई कोवैक्सीन पहले ही भारत में दी जा रही है। वहीं नेजल वैक्सीन को लेकर उम्मीद है कि इसे साल के अंत तक लाया जा सकता है। स्टडी के अनुसार नेजल वैक्सीन और अभी दी जा रही वैक्सीन दोनों ही प्रभावी हैं। माना जा रहा है कि नेजल वैक्सीन बच्चों के लिए ज्यादा प्रभावी होगी। वहीं व्यस्कों के लिए नेजल वैक्सीन एक फ्लू के वैक्सीन जितनी काम कर सकेगी।