सेक्स इच्छा में कमी या साफ-सफाई, जानिए लड़कियों का खतना के बारे में सब कुछ

By उस्मान | Published: September 25, 2018 01:16 PM2018-09-25T13:16:31+5:302018-09-25T13:16:31+5:30

Female Genital Mutilations (फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन) क्या है FGM, मुस्लिम बच्चियों का खतना? धारा 377 की तरह इस पर भी सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ करेगी फैसला

what is female genital mutilations in islam, fact and side effects in hindi | सेक्स इच्छा में कमी या साफ-सफाई, जानिए लड़कियों का खतना के बारे में सब कुछ

फोटो- पिक्साबे

फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (FGM) यानी लड़कियों का खतना (खफ्द) के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल है। इस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने इसे पांच जजों की संविधान पीठ को भेज दिया है। इस मामले में अंतिम फैसले का इंतजार अभी बाकी है। भारत में महिलाओं का खतना मामले का बहुत पहले से विरोध होता आया है। केंद्र सरकार भी इस प्रथा के विरोध में है। याचिका में महिलाओं का खतना किए जाने की प्रथा पर भारत में पूरी तरह बैन लगाने की मांग की गई है। याचिकाकर्ता ने इसे संज्ञेय और गैरजमानती धारा के तहत अपराध की श्रेणी में रखने की मांग करते हुए कहा है कि किसी के प्राइवेट पार्ट को छूना पॉस्को के तहत अपराध है। केंद्र सरकार ने भी कहा है कि धर्म की आड़ में लड़कियों का खतना जुर्म है और इस पर रोक लगनी चाहिए। चलिए जानते हैं कि लड़कियों का खतना क्या होता है और इससे लड़कियों को क्या-क्या नुकसान हो सकते हैं। 

मुस्लिम बोहरा समुदाय में है लड़कियों का खतना की प्रथा

लड़कियों क खतना करने की प्रथा शिया मुस्लिम के दाऊदी बोहरा समुदाय में है। भारत में लगभग 20 लाख बोहरा हैं।आपको बता दें कि इस समुदाय को मुस्लिम का सबसे संपन्न और शिक्षित समुदाय माना जाता है। यह समुदाय मुख्यतः गुजरात से ताल्लुक रखता है लेकिन अब ये मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश और उत्तर प्रदेश जैसे कई राज्यों में फैला हुआ है।  

महिलाओं का खतना क्या है?

महिलाओं का खतना करते समय उनके प्राइवेट पार्ट के बाहरी हिस्से क्लाइटोरिस (clitoris) को पूरी तरह काट दिया जाता है। इस प्रथा को मानने वाले समुदाय का मानना है कि इससे महिलाओं की सेक्स इच्छा में कमी आती है। आमतौर पर महिलाओं का खतना करते समय उन्हें बेहोश या प्राइवेट पार्ट के हिस्से को सुन्न नहीं किया जाता है। सबसे बड़ी बात इस दौरान कोई डॉक्टर भी निगरानी के लिए मौजूद नहीं होता है। बोहरा समुदाय के एक शख्स मीर शाह के अनुसार, 'बोहरा समुदाय में ऐसा माना जाता है कि इस अंग की मौजूदगी से लड़की की यौन इच्छा बढ़ती है। इसे हटाने से उसके यौन इच्छा में कम हो जाएगी और वह शादी से पहले यौन संबंध नहीं बनाएगी। इसके अलावा यह प्रथा साफ-सफाई और पवित्रता के लिए है।' डबल्यूएचओ के अनुसार, अफ्रीका और एशिया के करीब 30 देशों में 20 करोड़ से ज्यादा लड़कियों का खतना हो चुका है। 

महिलाओं का खतना से जुड़ी कुछ अहम बातें

- वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन (WHO) के अनुसार, फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन (FGM) यानि लड़कियों की खतना एक ऐसी प्रक्रिया है जिससे उनके प्राइवेट पार्ट्स को को नुकसान हो सकता है। 

- इस प्रक्रिया का लड़कियों और महिलाओं को कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं होता है। 

- इस प्रक्रिया से लड़कियों को ब्लीडिंग और पेशाब की समस्याएं हो सकती हैं और उसके बाद सिस्ट यानी गांठ, इन्फेक्शन के साथ-साथ प्रसव में जटिलता और नवजात शिशुओं की मौत के खतरे में वृद्धि हो सकती है।

- एफजीएम ज्यादातर 15 साल तक की लड़कियों या बचपन में किया जाता है।

- एफजीएम लड़कियों और महिलाओं के मानवाधिकारों का उल्लंघन है।

फीमेल जेनिटल म्यूटिलेशन के प्रकार

टाइप 1
इसे क्लिटरिडॉक्टॉमी (clitoridectomy) के रूप में जाना जाता है। इसमें क्लाइटोरिस (clitoris) को पूरी तरह हटा दिया जाता है। यह मादा जननांगों का एक छोटा, संवेदनशील और सीधा हिस्सा है। कुछ मामलों में क्लाइटोरिस को कवर करने वाली स्किन को हटा दिया जाता है। 

टाइप 2 
इसे अक्सीजन (excision) कहते हैं। इसमें क्लाइटोरिस और लेबिया माइनोरा (योनि के अंदर की स्किन) को आंशिक या पूरी तरह हटा दिया जाता है। लेकिन इसमें योनि की बाहर की त्वचा नहीं हटाई जाती। 

टाइप 3
इसे इनफिबुलेशन (infibulation) कहते हैं। योनि के मुख को संकरा बनाया जाता है। इसके लिए लेबिया माइनोरा को काटकर दोबारा लगा दिया जाता है या कई बार योनि मुख को आंशिक रूप से सील कर दिया जाता है। 

टाइप 4 
गैर-चिकित्सीय कारणों से लड़कियों के प्राइवेट पार्ट में छेद करना, काटना, जलना आदि को चौथे प्रकार में रखा जाता है। 

महिलाओं का खतना के नुकसान

WHO के अनुसार, एफजीएम से कोई स्वास्थ्य लाभ नहीं है और इससे कई तरीकों से लड़कियों और महिलाओं को नुकसान पहुंचता है। इसमें लड़कियों के प्राइवेट पार्ट के टिश्यू को हटाना या नुकसान करना शामिल है और यह लड़कियों और महिलाओं के शरीर के प्राकृतिक कार्यों में हस्तक्षेप करता है। आम तौर पर इस प्रक्रिया से लड़कियों को कई गंभीर जोखिमों का सामना करना पड़ता है जो हैं- 

एफजीएम के तुरंत बाद हो सकती हैं ये समस्याएं

- गंभीर दर्द
- अत्यधिक रक्तस्राव (रक्तस्राव)
- जननांग के ऊतकों में सूजन
- बुखार
- संक्रमण जैसे, टेटनस
- मूत्र संबंधी समस्याएं
- घाव भरने में समस्या
- जननांग ऊतक के आसपास जख्म 
- सदमा 
- मौत

एफजीएम के दीर्घकालिक परिणाम

- मूत्र संबंधी समस्याएं (दर्दनाक पेशाब, मूत्र पथ संक्रमण)
- योनि की समस्याएं (डिस्चार्ज, खुजली, बैक्टीरियल योनिओसिस और अन्य संक्रमण)
- मासिक धर्म की समस्याएं (दर्दनाक मासिक धर्म, मासिक धर्म के रक्त में गुजरने में कठिनाई)
- यौन समस्याएं (संभोग के दौरान दर्द, संतुष्टि में कमी)
- प्रसव की जटिलताओं में वृद्धि का जोखिम (कठिन वितरण, अत्यधिक रक्तस्राव, सीज़ेरियन सेक्शन)
- मनोवैज्ञानिक समस्याएं (अवसाद, चिंता, पोस्ट-ट्रॉमेटिक स्ट्रेस डिसऑर्डर)  

English summary :
What is Female Genital Mutilations (FGM): The petitioner has demanded to keep it in the category of crime under the cognizable and illegitimate section, saying that touching someone's private party is a crime under Posco. The central government has also said that circumcision of girls is a crime under the guise of religion and should be stopped. Today we are sharing what is the Female Genital Mutilations of girls and its fact and side effects in hindi.


Web Title: what is female genital mutilations in islam, fact and side effects in hindi

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