भारत में West Nile virus से पहली मौत, मच्छरों से होने वाली इस खतरनाक बीमारी से ऐसे बचें

By उस्मान | Published: March 18, 2019 06:06 PM2019-03-18T18:06:23+5:302019-03-18T18:06:23+5:30

केरल में पिछले कुछ दिनों से वेस्ट नील फीवर से पीड़ित 6 साल के बच्चे ने दम तोड़ दिया है. इस वायरस की वजह से राज्य में दहशत बनी हुई है. राज्य सरकार ने अलर्ट जारी कर दिया है.

West Nile virus precaution, treatment, ‎Symptoms, Diagnosis Disease in India | भारत में West Nile virus से पहली मौत, मच्छरों से होने वाली इस खतरनाक बीमारी से ऐसे बचें

भारत में West Nile virus से पहली मौत, मच्छरों से होने वाली इस खतरनाक बीमारी से ऐसे बचें

मच्छरों से होने वाले वेस्ट नाइल बुखार (West Nile virus) से पीड़ित छह वर्षीय बच्चे ने सोमवार को दम तोड़ दिया। केरल के स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा ने उसकी मौत की जानकारी देते हुए कहा कि इससे दहशत में आने की जरूरत नहीं है। वायरस को फैलने से रोकने के लिए एहतियाती कदम उठा लिए गए हैं। शैलजा ने स्वास्थ्य सेवा के निदेशक को वायरस को फैलने से रोकने के लिए तत्काल एहतियाती कदम उठाने को कहा है। मच्छर के काटने से मनुष्य को होने वाली यह बीमारी ज्यादातर उत्तरी अमेरिका में होती है।

करीब सात महीने पहले कोजीकोड जिले की रहने वाली एक महिला सरकारी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में भर्ती हुई थी। उसकी बीमारी के लक्षण वेस्ट नाइस वायरल जैसे थे। लेकिन उसकी जांच में ये वायरस नहीं पाया गया।

नेश्नल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) के केरल रीजन के डायरेक्टर केश्वर्ण कुमार के अनुसार, केरल में इस वायरस से यह पहली मौत है। इससे पहले इस बुखार से पीड़ित होने का कोई मामला विभाग के सन्दर्भ में नहीं है। केरल के अलावा किसी अन्य राज्य में भी इस वायरस का कोई मामला नहीं देखा गया है।

इस मामले के प्रकाश में आने से राज्य में दहशत फैल गई है। दिल्ली के मशहूर जरनल फिजिशियन डॉक्टर अजय लेखी बता रहे हैं कि यह वायरस क्या होता है और इंसान के लिए कितना खतरनाक है। 

वेस्ट नील वायरस क्या है? (What is West Nile virus)

यह वायरस एक मच्छर के काटने से मनुष्य के शरीर में प्रवेश करता है और इसके अधिकतर मामले उत्तर अमेरिका में सामने आये हैं। वायरस के संक्रमण के शिकार लोगों को बुखार, सिरदर्द, शरीर में दर्द, चक्कर आना, उल्टी आना और त्वचा पर निशान पड़ना आदि शिकायतें होती हैं।

वेस्ट नील वायरस के लक्षण (symptoms of West Nile virus infection)

वेस्ट नील वायरस से संक्रमित पांच में से चार लोगों में कोई लक्षण नहीं होते हैं। हालांकि ऐसा माना जाता है कि इस वायरस से पीड़ित व्यक्ति को काफी लंबे समय तक बुखार रह सकता है। हालांकि इसके लक्षणों में बुखार के साथ सिरदर्द, शरीर में दर्द, चक्कर आना, उल्टी आना और त्वचा पर निशान पड़ना आदि की समस्या भी हो सकती है। 

वेस्ट नील वायरस का इलाज (How is West Nile virus treated)

वेस्ट नील वायरस संक्रमण के लिए कोई विशिष्ट उपचार नहीं है। अधिक गंभीर मामलों में गहन अस्पताल देखभाल की आवश्यकता होती है।

वेस्ट नील वायरस से मौत का खतरा (Risk factor of West Nile virus) 

वेस्ट नील वायरस गंभीर बीमारी का कारण तब बनता है, जब यह रक्त / मस्तिष्क को बाधित करता है और मस्तिष्क व रीढ़ की हड्डी को संक्रमित करता है। वायरस दिमाग के कामकाज को बाधित करता है जिससे सांस लेने में परेशानी हो सकती है।

वेस्ट नील वायरस बीमारी से बचने तरीका (how to prevent west nile fever)

इससे बचने के लिए पहले आपको मच्छर के काटने से बचना है
जब आप बाहर जाते हैं तो इन्सेक्ट रिपेलेंट्स (बग स्प्रे) का उपयोग करें। 
जब मच्छर सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं यानी सुबह और शाम के समय शरीर को खुला न रखें।
खिड़कियों और दरवाजों को बंद करके रखें। 
अपने घर के आसपास मच्छरों की संख्या कम करने का प्रयास करें। 

कहां से आया वेस्ट नील वायरस

वेस्ट नील वायरस को पहली बार 1999 में न्यूयॉर्क शहर में पाया गया था। यह ज्ञात नहीं है कि अमेरिकी वायरस की उत्पत्ति कहां से हुई थी लेकिन यह मध्य पूर्व में पाए जाने वाले उपभेदों से सबसे अधिक निकटता से संबंधित है।

Web Title: West Nile virus precaution, treatment, ‎Symptoms, Diagnosis Disease in India

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