पश्चिम बंगालः बकरी की कान की हड्डी का उपयोग कर 25 मनुष्यों में शारीरिक विकृति ठीक करने में सफलता, डॉक्टर ने कहा-प्लास्टिक सर्जरी से बच सकते हैं...

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 15, 2022 04:57 PM2022-06-15T16:57:53+5:302022-06-15T17:00:26+5:30

आर जी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चिकित्सकों और वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरी साइंसेज के वैज्ञानिकों ने मानव की कान के बाहरी हिस्से में विकृति (माइक्रोटिया), कटे होंठ और दुर्घटना से हुई अन्य शारीरिक विकृतियों को ठीक करने के लिए बकरी की कान की हड्डियों (उपास्थि) का उपयोग किया।

West Bengal Success curing 25 physical deformities humans using goat ear bone doctor feat kolkata good news | पश्चिम बंगालः बकरी की कान की हड्डी का उपयोग कर 25 मनुष्यों में शारीरिक विकृति ठीक करने में सफलता, डॉक्टर ने कहा-प्लास्टिक सर्जरी से बच सकते हैं...

अनुसंधान के लिए परियोजना को केंद्र के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने वित्त उपलब्ध कराया। 

Highlightsप्रक्रिया में इलाज का खर्च बहुत कम आएगा।विकृतियों को ठीक कराने के लिए प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत पड़ती है।प्रक्रिया न केवल खर्चीली है बल्कि मुश्किल भी है।

कोलकाताः पश्चिम बंगाल में राज्य सरकार द्वारा संचालित एक मेडिकल कॉलेज के अनुसंधानकर्ताओं की एक टीम ने बकरी की कान की हड्डियों का उपयोग कर कम से कम 25 मनुष्यों में शारीरिक विकृतियों को ठीक करने में सफलता पाई है।

आर जी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के चिकित्सकों और वेस्ट बंगाल यूनिवर्सिटी ऑफ एनिमल एंड फिशरी साइंसेज के वैज्ञानिकों ने मानव की कान के बाहरी हिस्से में विकृति (माइक्रोटिया), कटे होंठ और दुर्घटना से हुई अन्य शारीरिक विकृतियों को ठीक करने के लिए बकरी की कान की हड्डियों (उपास्थि) का उपयोग किया।

उन्होंने बताया कि इस प्रक्रिया में इलाज का खर्च बहुत कम आएगा। आर जी कार मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जरी विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. रूप नारायण भट्टाचार्य ने कहा, ‘‘कटे होंठ और घुमावदार कान जैसी विकृतियों को ठीक कराने के लिए प्लास्टिक सर्जरी की जरूरत पड़ती है। यह प्रक्रिया न केवल खर्चीली है बल्कि मुश्किल भी है।

ऐसे उदाहरण हैं, जिनमें मानव शरीर प्लास्टिक और सिलकॉन प्रतिरोपण को लंबे समय तक सहेज कर नहीं रख पाते हैं। ’’ पशु चिकित्सा सर्जन डॉ शमित नंदी और माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ सिद्धार्थ जोरदार ने कहा कि मानव शरीर के लिए सिलकॉन और प्लास्टिक प्रतिरोपण के आसानी से उपलब्ध एक विकल्प की 2013 से ही तलाश की जा रही थी। अनुसंधान के लिए परियोजना को केंद्र के जैव प्रौद्योगिकी विभाग ने वित्त उपलब्ध कराया। 

Web Title: West Bengal Success curing 25 physical deformities humans using goat ear bone doctor feat kolkata good news

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