प्रेगनेंसी में आपकी इस भूल के कारण डायबिटीज का शिकार हो सकता है शिशु

By उस्मान | Published: September 21, 2018 08:16 AM2018-09-21T08:16:16+5:302018-09-21T08:16:16+5:30

गर्भावस्था के दौरान ज्यादा ग्लूटेन युक्त आहार लेने से शिशु में टाइप 1 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो गेहूं, राई और ज्वार में पाया जाता है। एक नए अध्ययन से इस बात का पता चला है।

tips to follow during pregnancy to save your child diabetes | प्रेगनेंसी में आपकी इस भूल के कारण डायबिटीज का शिकार हो सकता है शिशु

प्रेगनेंसी में आपकी इस भूल के कारण डायबिटीज का शिकार हो सकता है शिशु

गर्भावस्था के दौरान ज्यादा ग्लूटेन युक्त आहार लेने से शिशु में टाइप 1 डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है। ग्लूटेन एक प्रकार का प्रोटीन है, जो गेहूं, राई और ज्वार में पाया जाता है। एक नए अध्ययन से इस बात का पता चला है।

जंतुओं पर किए गए शोध में गर्भावस्था के दौरान ग्लूटेन रहित आहार से शिशुओं में टाइप1 मधुमेह नहीं पाया गया, लेकिन गर्भवती महिलाओं में इस प्रकार का कोई अध्ययन नहीं हुआ था।

डेनमार्क के बार्थोलिन इंस्टीट्यूट के शोधार्थियों ने यह पता लगाने पर काम किया कि क्या गर्भावास्था के दौरान ज्यादा ग्लूटेन युक्त आहार लेने से बच्चों में टाइप - 1 मधुमेह का खतरा बढ़ जाता है।

उन्होंने जनवरी 1996 से अक्तूबर 2002 के बीच डैनिश नेशनल बर्थ कोहॉट में पंजीकृत 63,529 गर्भवती महिलाओं के आंकड़ों का अध्ययन किया।

महिलाओं ने गर्भावस्था के 25वें सप्ताह में लिए गए आहार पर 'फूड फ्रीक्वेंसी क्वेश्चनेयर' को भरा और बताया कि उनके बच्चों में टाइप - 1 मधुमेह पाया गया।

इसमें औसत ग्लूटेन इनटेक 13 ग्राम प्रतिदिन थी। हालांकि यह मात्रा प्रतिदिन सात ग्राम से लेकर 20 ग्राम प्रतिदिन से भी अधिक थी। शोधार्थियों ने 247 ऐसे मामलों की पहचान की, जिनमें बच्चों में टाइप -1 मधुमेह पाया गया।

हालांकि, शोधार्थियों ने कहा कि खानपान में बदलाव का सुझाव देने से पहले इस विषय पर अभी और अध्ययन करने की जरूरत है। 

प्रेगनेंसी में महिला अगर अच्छा सोचेगी तो उसके होने वाले बच्चे पर उसका सकारात्मक प्रभाव ही होगा। कुछ खास बातें अगर वह सोचेगी तो बच्चे के स्वस्थ विकास में यह मददगार सिद्ध होंगी। चलिए आपको बताते हैं कि प्रेगनेंसी में महिला को क्या-क्या सोचना चाहिए:

1. शिशु को बढ़ते हुए सोचें
गर्भ में बच्चा स्वस्थ है, खुश है और धीरे-धीरे उसका विकास हो रहा है इस खुशी को महसूस करें और सकारात्मक रूप से उसके बेहतर विकास के बारे में सोचें।

2. सोचिये वह कैसा होगा
गर्भ में पल रहा बच्चा स्वस्थ है, उसका शारीरिक और मानसिक विकास हो रहा है लेकिन जब वह दुनिया में आएगा तो वह कैसा दिखेगा इसके बारे में सोचें। इसके लिए गर्भवती के सोने के कमरे में सुन्दर और क्यूट बच्चों की तस्वीरें लगाएं ताकि वह उनमें अपने होने वाले शिशु की छवि देख सके और अन्दर से खुश हो सके।

3. शिशु को महसूस करें
गर्भ में शिशु स्वस्थ है और उसकी ग्रोथ भी हो रही है, इस खुशी को हर गर्भवती को महसूस करना चाहिए। मां अगर मानसिक रूप से खुश होगी तो होने वाली संतान पर इसका अच्छा असर होगा।

4. उसके बारे में सोचें
आपका शिशु जब इस दुनिया में आयेगा तो उसकी आवाज कैसी होगी, उसकी आँखें कैसी होंगी, उसके हाथ-पांव कैसे होंगे। ये बातें जब गर्भवती सोचती है तो खुशी से भर जाती है। उसके हर अच्छे इमोशन का होने वाले शिशु पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

Web Title: tips to follow during pregnancy to save your child diabetes

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