कोविड-19 से ठीक हो चुके लोग अब टीबी की चपेट में आ रहे, मध्य प्रदेश के डॉक्टरों ने चेताया
By अभिषेक पारीक | Published: July 15, 2021 03:03 PM2021-07-15T15:03:43+5:302021-07-15T15:14:10+5:30
मध्य प्रदेश के डॉक्टरों ने हाल ही में टीबी के मामले बढ़ने की ओर ध्यान दिलाया है। यह मामले ऐसे लोगों में सामने आ रहे हैं जो कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद ठीक हुए हैं। उनका कहना है कि कोविड-19 से ठीक होने के बाद कई मरीज टीबी की चपेट में आ गए।
मध्य प्रदेश के डॉक्टरों ने हाल ही में टीबी के मामले बढ़ने की ओर ध्यान दिलाया है। यह मामले ऐसे लोगों में सामने आ रहे हैं जो कि कोविड-19 से संक्रमित होने के बाद ठीक हुए हैं। उनका कहना है कि कोविड-19 से ठीक होने के बाद कई मरीज टीबी की चपेट में आ गए।
कोविड-19 एक संक्रामक बीमारी है और यह सार्स-सीओवी-2 वायरस के कारण फैलती है। वहीं टीबी बैक्टीरिया से फैलने वाली बीमारी है। हालांकि दोनों ही बीमारियों में जो बात एक है, वो है इनका श्वसन तंत्र और फेफड़ों को प्रभावित करना।
डॉक्टरों के अनुसार, ज्यादातर टीबी के मरीजों में कोरोना वायरस से संक्रमित होने का इतिहास रहा है। मध्य प्रदेश के भोपाल हमीदिया हॉस्पिटल के मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. लोकेंद्र दवे के मुताबिक, असामान्य रूप से टीबी से संक्रमित पाए जा रहे बहुत से रोगियों का कोरोना वायरस का इतिहास रहा है। यह तथ्य है लेकिन फिलहाल इस वक्त ज्यादा निर्णायक रूप से नहीं कहा जा सकता है कि यह कोरोना का सीधा प्रभाव है या फिर इसके बाद रोगियों को मिले उपचार का परिणाम है।
हमीदिया अस्पताल गांधी मेडिकल कॉलेज का हिस्सा है। अस्पताल की ओपीडी में रोजाना करीब एक दर्जन लोगों में टीबी की पुष्टि हो रही है। भोपाल सरकार द्वारा संचालित टीबी अस्पताल में पिछले 15 दिनों में भर्ती होने वाले ज्यादातर लोग जिन्हें टीबी की पुष्टि हुई है, वे हैं जो कोविड-19 से उबर चुके हैं।
डॉक्टर्स के मुताबिक, कई नए टीबी के रोगी जिनमें साफ लक्षण नजर आ रहे हैं। कोरोना से ठीक हो चुके हैं और जांच में उनके टीबी होने की पुष्टि हो रही है। यह चिंताजनक नहीं तो निश्चित रूप से गंभीर जरूर है। इस बारे में अभी तक कोई अध्ययन या सर्वे सामने नहीं आया है।
डॉक्टर लोगों को सतर्क रहने के लिए कह रहे हैं। हालांकि डॉक्टरों का यह भी कहना है कि सबसे अच्छी बात यह है कि टीबी के मरीज ठीक भी हो रहे हैं।