सुप्रीम कोर्ट के 6 जज खतरनाक वायरस की चपेट में, जानिये इस वायरस के कारण, लक्षण और बचाव
By उस्मान | Published: February 25, 2020 01:00 PM2020-02-25T13:00:28+5:302020-02-25T13:00:28+5:30
H1N1 Swine flu prevention tips: जानें इस खतरनाक वायरस से बचने के तरीके और घरेलू उपाय
न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ ने मंगलवार को बताया कि सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीश स्वाइन फ्लू वायरस (एच1 एन1) से संक्रमित हैं। खतरे को देखते सभी न्यायाधीशों ने उपचारात्मक उपाय करने के लिए भारत के मुख्य न्यायाधीश एसए बोबडे के साथ एक बैठक की।
बैठक में फैसला लिया गया है कि न्यायाधीशों और अदालत के कर्मचारियों का टीकाकरण किया जाएगा। बोबडे ने सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष दुष्यंत दवे से भी मुलाकात की।
Justice DY Chandrachud (in file pic) in Supreme Court today said, 6 judges are down with H1N1 virus & that he had asked and requested the Chief Justice of India (CJI) SA Bobde to issue necessary directions in this regard to take care of the emergency situations which has arisen. pic.twitter.com/gfG6z2qOC1
— ANI (@ANI) February 25, 2020
दुष्यंत दवे ने एनडीटीवी को दिए एक इन्टरव्यू में कि इस मामले को लेकर सीजेआई बहुत चिंतित है और कहा है कि सरकार टीकाकरण के लिए सुप्रीम कोर्ट में एक डिस्पेंसरी स्थापित कर रही है।
In Court Room Number-2 in the Supreme Court today, Justice Sanjiv Khanna was seen wearing a mask, during a hearing. https://t.co/cxtoUSyf23
— ANI (@ANI) February 25, 2020
क्या है स्वाइन फ्लू
स्वाइन इन्फ्लूएंजा एक संक्रामक सांस की रोग है जो कि सामान्य रूप से केवल सूअरों को प्रभावित करती है। यह आमतौर पर स्वाइन इन्फ्लूएंजा ए वायरस के H1N1 स्ट्रेंस के कारण होता है। हालांकि H1N2,H3N1 और H3N2 के रूप में अन्य सूअरों में मौजूद रहते हैं।
हालांकि लोगों में स्वाइन फ्लू होना सामान्य नहीं है, मानवीय संक्रमण कभी-कभी होते हैं, मुख्यतः संक्रमित सूअरों के साथ निकट संपर्क में आने के बाद से यह हो सकता है। मौसम खराब होने के साथ स्वाइन फ्लू से होने वाली मौतें भी बढ़ रही हैं, लेकिन अगर इस बीमारी को अच्छी तरह से जान-समझ लिया जाए तो इसे पहचानना और इससे बचना भी आसान हो जाएगा।
ये हैं स्वाइन फ्लू के लक्षण
स्वाइन फ्लू के लक्षण भी सामान्य एन्फ्लूएंजा जैसे ही होते हैं
1. नाक का लगातार बहना, छींक आना
2. कफ, कोल्ड और लगातार खांसी
3. मांसपेशियां में दर्द या अकड़न
4. सिर में भयानक दर्द
5. नींद न आना, ज्यादा थकान
6. दवा खाने पर भी बुखार का लगातार बढ़ना
7. गले में खराश का लगातार बढ़ते जाना
स्वाइन फ्लू का वायरस तेजी से फैलता है। कई बार मरीज के आसपास रहने वाले लोगों को चपेट में ले लेता है। लिहाजा, किसी में स्वाइन फ्लू के लक्षण दिखें तो उससे कम से कम तीन फीट की दूरी बनाए रखना चाहिए, स्वाइन फ्लू का मरीज जिस चीज का इस्तेमाल करे, उसे भी नहीं छूना चाहिए।
ऐसे फैलता है स्वाइन फ्लू
1. स्वाइन फ्लू का वायरस हवा में ट्रांसफर होता है
2. खांसने, छींकने, थूकने से वायरस सेहतमंद लोगों तक पहुंच जाता है
डॉक्टरों का ये भी कहना है कि अगर किसी घर में कोई शख्स स्वाइन फ्लू की चपेट में आ गया तो, घर के बाकी लोगों को इससे बचने के लिए डॉक्टरी सलाह लेना चाहिए।
इन चीजों से मिल सकती है मदद
स्वाइन फ्लू से बचाव इसे रोकना का बड़ा उपाय है, हालांकि इसका इलाज भी अब मौजूद है। आराम करना, खूब पानी पीना, शरीर में पानी की कमी न होने देना इसका सबसे बेहतर है। शुरुआत में पैरासीटमॉल जैसी दवाएं बुखार कम करने के लिए दी जाती हैं।
बीमारी के बढ़ने पर एंटी वायरल दवा ओसेल्टामिविर (टैमी फ्लू) और जानामीविर (रेलेंजा) जैसी दवाओं से स्वाइन फ्लू का इलाज किया जाता है। लेकिन इन दवाओं को कभी भी खुद से नहीं लेना चाहिए। सर्दी-जुखाम जैसे लक्षणों के इलाज में इस्तेमाल होने वाली तुलसी, गिलोए, कपूर, लहसुन, एलोवीरा, आंवला जैसी आयुर्वेदिक दवाईयों का भी स्वाइन फ्लू के इलाज में बेहतर असर देखा गया है।
सर्दियों में इन्हें लेने से वैसे भी जुकाम तीन फिट की दूरी पर रहता है, और स्वाइन फ्लू के वायरस से बचने के लिए भी इतने ही फासले की जरूरत होती है।
स्वाइन फ्लू से बचने के लिए सावधानियां
1. बार-बार साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं
2. जब खांसी या छींक आए तो अपने मुंह और नाक को एक टिश्यू से ढक लें
3. इस्तेमाल किए टिश्यू का तुरंत और सावधानी के साथ निपटान करें। उन्हें एक बैग में डाल कर फिर पात्र में फेंकें
4. स्वच्छ कठोर सतहों (उदाहरण के लिए दरवाजे के हैंडल) को नियमित साफ रखें
5. सुनिश्चित करें कि बच्चे इस सलाह का पालन करें