COVID-19: अध्ययन में दावा, हवा में 100 गुना अधिक तेजी से फैलता है अल्फा वैरिएंट, बचने के लिए करें दो काम

By उस्मान | Published: September 22, 2021 08:25 AM2021-09-22T08:25:15+5:302021-09-22T08:31:38+5:30

अमेरिका में मेरीलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का दावा है कि अल्फा स्वरूप किसी अन्य स्वरूप की तुलना में हवा में 43 से 100 गुना अधिक फैलता है। 

study claim, Covid Alpha variant exhaled 100 times more virus into the air than people infected with the original strains of the virus | COVID-19: अध्ययन में दावा, हवा में 100 गुना अधिक तेजी से फैलता है अल्फा वैरिएंट, बचने के लिए करें दो काम

कोविड अल्फा वैरिएंट

Highlightsअल्फा हवा में 43 से 100 गुना अधिक फैलता है संक्रमण रोकने के लिए टीकाकरण करवाना भी बहुत जरूरीसर्जिकल मास्क हवा में वायरस को फैलने और लोगों को संक्रमण से रोकते हैं

कोरोना वायरस के कई स्वरूप हवा के जरिए काफी दूरी तक पहुंच सकते हैं और लोगों को सुरक्षा के लिए टाइट फिटिंग वाले मास्क पहनने चाहिए। संक्रमण रोकने के लिए टीकाकरण करवाना भी बहुत जरूरी है। एक अध्ययन में यह कहा गया है। 

अमेरिका में मेरीलैंड विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं की एक टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि कोरोना वायरस से संक्रमित लोग अपनी सांस के जरिए संक्रमण फैला सकते हैं और अल्फा स्वरूप किसी अन्य स्वरूप की तुलना में हवा में 43 से 100 गुना अधिक फैलता है। 

शोध पत्रिका ‘क्लीनिकल इन्फेक्शस डिजीज’ में प्रकाशित अध्ययन में कहा गया है कि कपड़े के बने मास्क और सर्जिकल मास्क हवा में वायरस को फैलने और लोगों को संक्रमण से रोकते हैं। 

मेरीलैंड स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर डॉन मिल्टन ने कहा, ‘‘हमारा नया अध्ययन हवा के जरिए संक्रमण के फैलने के महत्व को रेखांकित करता है।’’ 

मिल्टन ने कहा, ‘‘हम जानते हैं कि अल्फा स्वरूप की तुलना में डेल्टा स्वरूप ज्यादा संक्रामक है। हमारा अध्ययन यह दिखाता है कि कोरोना वायरस का अलग-अलग स्वरूप हवा के जरिए काफी दूरी तक जा सकता है। इसलिए हमें संक्रमण रोकने के लिए टाइट फिटिंग वाले मास्क पहनने चाहिए। इसके साथ टीकाकरण करवाना भी बहुत जरूरी है।’’  

कोरोना से बचने के उपाय

कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए इसे देखते हुए वैज्ञानिकों ने लोगों को टाइट-फिटिंग मास्क पहनने, वैक्सीन लगवाने और वेंटिलेशन को बेहतर बनाने की सलाह दी है।  

शोधकर्ताओं ने पाया कि अल्फा वैरिएंट के संक्रमण से आने वाली हवा में वायरस की मात्रा बहुत अधिक (18 गुना अधिक) था। यह नाक की सूजन और लार में वायरस की बढ़ी हुई मात्रा द्वारा समझाया जा सकता है।

अध्ययन के प्रमुख लेखकों में से एक डॉक्टरेट छात्र जियानयू लाई ने कहा कि हम पहले से ही जानते थे कि अल्फा प्रकार के संक्रमणों में लार और नाक की सूजन में वायरस बढ़ गया था।

लाइ ने कहा कि नाक और मुंह से वायरस संक्रमित व्यक्ति के करीब बड़ी बूंदों के स्प्रे से फैल सकता है। लेकिन, हमारे अध्ययन से पता चलता है कि एक्सहेल्ड एरोसोल में वायरस और भी बढ़ रहा है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Web Title: study claim, Covid Alpha variant exhaled 100 times more virus into the air than people infected with the original strains of the virus

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