एग्जाम से एक रात पहले हर बच्चा जरूर कर ले ये काम, कितना ही मुश्किल क्यों न हो पेपर नहीं होगा फेल!
By भाषा | Published: December 6, 2018 03:31 PM2018-12-06T15:31:57+5:302018-12-06T15:31:57+5:30
एग्जाम के दिनों बच्चे रात-रातभर जागकर पढ़ाई करते हैं। पैरेंट भी अपने नींद खराब करके उनकी पूरी मदद करते हैं। लेकिन अब आपको और बच्चे को ऐसा करने की जरूरत नहीं है। यानी अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बिना तनाव लिए परीक्षा में पास हो जाए, तो उसे एग्जाम की एक रात पहले पर्याप्त नींद लेने को कहें।
परीक्षा में फेल होने का न सिर्फ बच्चे बल्कि परिजनों पर भी बुरा असर पड़ता है। हर मां-बाप चाहते हैं कि उसका बच्चा अच्छे नम्बरों से टॉप करे। यही वजह है कि बच्चों पर पढ़ाई का बोझ बढ़ता जा रहा है। पढ़ाई के बोझ और टॉप करने की होड़ में कई बच्चे तनाव का शिकार हो रहे हैं। इतना ही नहीं परीक्षा में फेल होने के कारण बच्चों द्वारा आत्महत्या कर लेना कोई नई बात नहीं है।
एग्जाम के दिनों बच्चे रात-रातभर जागकर पढ़ाई करते हैं। पैरेंट भी अपने नींद खराब करके उनकी पूरी मदद करते हैं। लेकिन अब आपको और बच्चे को ऐसा करने की जरूरत नहीं है। यानी अगर आप चाहते हैं कि आपका बच्चा बिना तनाव लिए परीक्षा में पास हो जाए, तो उसे एग्जाम की एक रात पहले पर्याप्त नींद लेने को कहें। स्वस्थ रहने के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है लेकिन एक नए शोध में पता चला है कि परीक्षा के वक्त भरपूर नींद लेने से बच्चों के ग्रेड में काफी सुधार आ सकता है।
अमेरिका के बायलर विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने छात्रों को '8-घंटे चुनौती' में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया। इसमें उन्हें परीक्षा के सप्ताह में पांच रातों के दौरान औसतन आठ घंटे का नींद पूरी करने पर कुछ अतिरिक्त अंक दिए गए। अध्ययन में पता चला कि जिन लोगों ने चुनौती को पूरा किया उन लोगों ने परीक्षा में बेहतर किया।
बायलर विश्वविद्यालय के माइकल स्कुलिन कहते हैं, 'अच्छी नींद लेने से परीक्षा में किसी प्रकार के नुकसान की बजाए मदद मिली। यह छात्रों की उस विचारधारा के एकदम विपरीत है कि उन्हें या तो पढ़ाई कुर्बान करनी पड़ेगी या अपनी नींद।'
विश्वविद्यालय में सहायक प्रोफेसर एलिस किंग कहते हैं, 'छात्र यह जानते हैं कि स्कूल का काम समाप्त करने के लिए नींद कुर्बान करना उचित नहीं है लेकिन वे मान लेते हैं कि उनके पास कोई विकल्प नहीं है और वे मान लेते हैं कि कोर्स का काम,अन्य गतिविधियों तथा नौकरी और अन्य कामों के लिए दिन के घंटे पर्याप्त नहीं है।'