तिल और मस्से कितने ही बड़े क्यों न हो, जड़ से साफ कर देंगे पान के पत्ते, ऐसे करें इस्तेमाल
By उस्मान | Published: February 22, 2019 10:03 AM2019-02-22T10:03:47+5:302019-02-22T11:56:00+5:30
अगर आप अपने चेहरे और शरीर के किसी भी अंग से तिल और मस्से को दूर करना चाहते हैं, तो पान के पत्ते इसका सबसे बेहतर और असरदार उपाय है।
तिल (Mole) और मस्से (Wart) किसी भी इंसान की खूबसूरती को खराब कर सकते हैं। इनकी अनदेखी या सही समय पर सही इलाज नहीं करने से आपको आगे चलकर और ज्यादा मुसीबत हो सकती है। कई बार लोग तिल और मस्से हटाने के लिए नये-नये बाजारी नुस्खे इस्तेमाल करते हैं। आपको बता दें कि इनसे आपको फायदे की जगह नुकसान हो सकता है।
अगर तमाम इलाज और उपायों के इस्तेमाल के बावजूद आपको फायदा नहीं हो रहा है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। हम आपको एक आयुर्वेदिक उपाय बता रहे हैं जिससे आपको काफी हद तक लाभ हो सकता है। यह आयुर्वेदिक उपाय है पान का हरा पत्ता।
तिल और मस्से हटाने के लिए ऐसे करें पान के पत्ते का इस्तेमाल
अगर आप अपने चेहरे और शरीर के किसी भी अंग से तिल और मस्से को दूर करना चाहते हैं, तो पान के पत्ते इसका सबसे बेहतर और असरदार उपाय है। यह आपके मस्से और तिल को जड़ से साफ कर देंगे। सबसे बड़ी बात पान के पत्ते से चेहरे को कोई नुकसान नहीं पहुंचता है। पान के पत्ते के साथ आपको सफेद चूने का इस्तेमाल भी करना होगा। सफेद चूना और पत्ते दोनों चीज आपको पान वाली दुकान पर आसानी से मिल जाएंगी।
- सबसे पहले पान के पत्ते पर थोड़ा सा चूना लगायें
- इसके बाद जहां पर मस्सा या तिल हो, वहां पर उसे लगाएं और उसे सूखने दे
- ऐसा आपको दो से तीन बार करना होगा
इस बात का रखें ध्यान
जब भी आप यह नुस्खा प्रयोग करेंगे, तो आपको थोड़ी जलन महसूस हो सकती है। लेकिन कुछ समय बाद जलन खत्म हो जाएगी। ऐसे नुस्खे को इस्तेमाल करने आपके चेहरे से तिल और मस्से हमेशा के लिए दूर हो जाएंगे।
तिल और मस्सों को कैसे खत्म करते हैं चूना और पान के पत्ते
मस्से ह्यूमन पैपिलोमावायरस (एचपीवी) नामक वायरस के कारण होते हैं जबकि तिल तब होते हैं, जब त्वचा में कोशिकाएं पूरे त्वचा में फैलने के बजाय एक क्लस्टर में बढ़ती हैं। इन कोशिकाओं को मेलानोसाइट्स कहा जाता है और ये पिग्मेंट बनाती हैं, जो त्वचा को अपना प्राकृतिक रंग देता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, पान और चूने में एंटीवायरल गुण होते हैं जो संक्रमित एपिडर्मल सेल्स पर हमला करता है और कोशिकाओं के भीतर वायरस को मारता है।