ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए करें ये 8 आसान योगासन
By उस्मान | Published: November 26, 2019 07:02 AM2019-11-26T07:02:05+5:302019-11-26T07:02:05+5:30
योग का बीपी और डायबिटीज के मरीजों पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया है
योग का बीपी और डायबिटीज के मरीजों पर सकारात्मक प्रभाव देखा गया है और यह उपयोगी साबित हुआ है। विभिन्न अध्ययनों के अनुसार योग ना केवल शरीर को बाहर से बल्कि भीतर से भी स्वस्थ रखता है। यह डायबिटीज से पीड़ित रोगियों के लिए भी बहुत उपयोगी है, जो अग्न्याशय द्वारा इंसुलिन उत्पादन की कमी के कारण होता है। हम आपको कुछ योगासन बता ररहे हैं, जो डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकते हैं।
1) वृक्षासन
रीढ़ की हड्डी को सीधा करके खड़े हो जाएं और पैरों को एक साथ रखें। अब अपने दाहिने पैर को बायीं जांघ पर रखें, आपकी हथेलियां जुड़ी हों और अपनी हथेलियों को अपने सिर से ऊपर उठाएं। कुछ समय इस मुद्रा में रहें और दूसरी तरफ से भी ऐसे ही करें। इस योगासन को करने से अग्न्याशय (pancreas) उत्तेजित होता है।
2) धनुरासन
इस आसन के माध्यम से आंतों और अग्न्याशय के कामकाज में सुधार किया जा सकता है और ब्लड प्रेशर लेवल को कंट्रोल किया जा सकता है। अपने पेट के बल पर लेट जाओ और अपने घुटनों को झुकाकर अपने टखनों को पकड़ो। सांस लें और अपनी छाती को ऊपर उठाएं और अपने पैरों को ऊपर और पीछे खींचें। इस पोजीशन में 15-20 सेकंड तक रहें।
3) हलासन
यह आसन सभी आंतरिक अंगों की मालिश करता है। अपनी पीठ के बल लेट जाएं, सांस लें और अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं। अपने कूल्हों को अपने हाथों के समर्थन से उठाएं और पैरों को फर्श तक पहुंचने का प्रयास करें। इसे लगभग 10 सेकंड के लिए करें और फिर आसन को छोड़ दें और आराम करें।
4) जानुशीर्षासन करने की प्रकिया
- पैरों को सामने की ओर सीधे फैलाते हुए बैठ जाएं,रीढ़ की हड्डी सीधी रखें।
- बाएं घुटने को मोड़े और बाएं पैर के तलवे को दाहिनी जांघ के पास रखें, बायां घुटना जमीन पर रहे।
- सांस लेते हुए दोनों हाथों को सिर से ऊपर उठाएं, खींचे ओर कमर को दाहिनी तरफ घुमाएं।
- सांस छोड़ते हुए कूल्हों के जोड़ से आगे झुकें,रीढ़ की हड्डी सीधी रखते हुए, ठोड़ी को पंजों की तरफ बढ़ाएं।
- अगर संभव हो तो अपने पैरों के अंगूठों को पकड़ें,कोहनी को जमीन पर लगायें, उंगलियों को खींचते हुए आगे की ओर बढ़े।
- सांस लें और इसके बाद सांस छोड़ते हुए ऊपर उठें, हाथों को बगल से नीचे ले आएं।
- पूरी प्रक्रिया को दूसरे यानि दाएं पैर के साथ दोहराएं।
डेली मेल की एक रिपोर्ट के अनुसार, पुरुषों में सबसे ज्यादा पाए जानी वाली सेक्स समस्या इरेक्टाइल डिस्फंक्शन है। यह वो स्थिति है जिसमें पीड़ित व्यक्ति का लिंग यौन संबंध बनाने के लिए पर्याप्त उत्तेजित नहीं होता है। रिपोर्ट के अनुसार इस समस्या से पीड़ित पुरुष नीचे दिए पांच योगासनों से लाभान्वित हो सकते हैं-
5) अर्ध मत्स्येन्द्रासन
इस योगासन को करने से पाचन शक्ति को दुरुस्त बनाया जा सकता है। लीवर और पाचक ग्रंथि संबंधी परेशानियां सॉल्व हो जाती हैं।
योगासन करने का तरीका:
जमीन पर बैठकर दोनों पैरों को आगे फैलाएं।
अब बाएं पैर को इस प्रकार मोड़ें कि एड़ी कूल्हेध के किनारे को स्पर्श कर रही हो
इसके बाद दाहिने पैर को बाएं पैर के पास इस तरह लाएं कि वो बाएं पैर की एड़ी के पास आए
अब बाईं बांह को दाएं घुटने के ऊपर रखें और दाएं पैर के पंजे को बाएं हाथ से पकड़ लें
अब दाईं बांह को पीछे की ओर ले जाकर सीधा खींच कर रखें
अब धीरे से सांस भरें और फिर सांस छोड़ते हुए अपने सिर को दाईं ओर घुमाएं और पीछे की ओर देखें
अब इसी क्रिया को दूसरी दिशा में भी दोहराएं
6) सिद्धासन
सिद्धासन एक प्रचलित योगासन है जिसे वर्षों से तप अभ्यास के रूप में भी प्रयोग में लाया जाता है। इस योगासन को करने से बॉडी में लचीलापन आता है।
योगासन करने का तरीका:
इस योगासन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर सीधे बैठ जाएं।
अब अपने दाएं पैर को गुदा से सटाकर रखें
बाएं पैर की एड़ी को अंडकोष के नीचे रखें
अब अपने हाथों को घुटनों के ऊपर रखें
ध्यान रहे कि इस योगासान में आपका पूरा शरीर एकदम सीधा होना चाहिए
7) गरुड़ासन
इस योगासन को करने से शरीर में रक्त का स्राव बढ़ता है जो कि सेक्स के दौरान इरेक्शन में मदद करता है।
योगासन करने का तरीका:
इस योगासन को खड़े होकर किया जाता है और इसमें संतुलन की बेहद आवश्यकता होती है। अगर आपको परेशानी हो तो आप इसे करने के लिए किसी दिवार का सहारा भी ले सकते हैं
सबसे पहले सीधे खड़े हो जाएं। बाजुओं को उठाएं, कोहनियों को मोड़ें और दाईं बाजू को बाईं बाजू की कोहनी से लेते हुए घेरे में ले लें
अब दायीं टांग को बाईं टांग के घुटने से लेते हुए बाईं टांग पर लपेट दें
अब थोड़ा झुकें ताकि आपकी बाईं कोहनी दाहिनी टांग के घुटने को छू सके
थोड़ी देर इस पोजीशन में रहने के बाद वापिस अपनी पोजीशन में लौट जाएं
3 से 4 बार इसका अभ्यास किया जाना चाहिए
8) पवनमुक्तासन
जैसा कि नाम से ही जाहिर है इस योगासन को शरीर में जमा हुई अनावश्यक गैस को बाहर करने के लिए किया जाता है। इस आसन को करने से पाचन शक्ती दुरुस्त होती है और यदि कब्ज है तो उससे भी छुटकारा मिलता है।
योगासन करने का तरीका:
सबसे पहले जमीन पर सीधे लेट जाएं।
अब सांस भरें और धीरे-धीरे सांस छोड़ते हुए अपनी टांगों को मोड़कर पेट की तरफ लाएं और अपनी बाजुओं में टांगों को घुटने वाली तरफ से लपेट लें।
कोशिश करें कि आपकी टांगें आपके पेट के काफी करीब तक आएं।
इस योगासन को 4 से 5 बार दोहराएं।