गंभीर एलर्जी हुई तो नहीं लें दूसरा डोज, सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बायोटेक ने टीके के जोखिम और फायदे बताए
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 20, 2021 01:38 PM2021-01-20T13:38:46+5:302021-01-20T13:40:34+5:30
भारत ने घोषणा की कि वह सहायता अनुदान के तहत बुधवार से भूटान, मालदीव, बांग्लादेश, नेपाल, म्यांमा और सेशेल्स को कोविड-19 के टीके की आपूर्ति करेगा.
नई दिल्लीः टीका लगवाने के बाद कुछ लोगों को एलर्जी और शारीरिक समस्याएं होने के बाद कोविशील्ड बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा है कि अगर किसी को 'कोविशील्ड' के निर्माण में इस्तेमाल किसी घटक से कोई गंभीर एलर्जी होने की आशंका है तो वे यह टीका न लगवाएं.
कंपनी की ओर से जारी 'फैक्ट शीट' में कहा गया है कि अगर टीके के पहले डोज से किसी तरह की कोई गंभीर एलर्जी की शिकायत हुई हो तो कोविशील्ड का दूसरा डोज नहीं लेना चाहिए. कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर टीका लेने वालों को कोविशील्ड की जोखिम और फायदों से अवगत कराने का प्रयास किया है.
वैक्सीन में इन घटकों का किया गया है इस्तेमाल सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि कोविशील्ड के निर्माण में एल-हिस्टीडाइन, एल-हिस्टीडाइन हाइड्रोक्लोराइड मोनोहाइड्रेट, मैग्नेशियम क्लोराइड हेक्साहाइड्रेट, पॉलीसॉरबेट 80, इथेनॉल, सुक्रोज, सोडियम क्लोराइड, डाइसोडियम इडेटेट डाइहाइड्रेट (ईडीटीए), पानी की कुछ मात्रा का इस्तेमाल किया गया है.
बुखार या खून संबंधी बीमारी है तो डॉक्टर से सलाह लें सीरम इंस्टीट्यूट ने कहा कि अगर किसी को बुखार है, अत्यधिक रक्तस्राव या खून से संबंधित बीमारी है, रोग प्रतिरोधक क्षमता कम है अथवा वे प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए कोई दवा लेते हैं तो वे टीका लेने से पहले डॉक्टर को इस बारे में जरूर बताएं.
खुलासा करना होगा, दूसरा टीका तो नहीं लिया 'फैक्ट शीट' में कहा गया है कि अगर कोई महिला गर्भवती है या भविष्य में गर्भधारण करना चाहती है अथवा स्तनपान कराती है तो उन्हें भी टीका लेने से पहले डॉक्टर को बताना चाहिए. साथ ही इसका खुलासा करना चाहिए कि कोविड-19 का कोई और टीका तो नहीं लिया है.
गर्भवती, स्तनपान कराने वाली महिलाएं न लगाएं कोवैक्सीन: भारत बायोटेक ने अपने टीके 'कोवैक्सीन' को लेकर परामर्श जारी किया है. कंपनी ने फैक्ट शीट में बुखार से पीडि़त लोगों, गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाओं तथा रक्त विकारों से पीडि़त लोगों को टीका नहीं लगवाने की सलाह दी है.
कंपनी ने कहा कि टीके के असर को लेकर परीक्षण अभी बाकी है तथा तीसरे चरण के परीक्षण में इसका अध्ययन किया जा रहा है. बताना जरूरी हो जाता है कि टीका लगवाने का मतलब यह नहीं है कि कोविड-19 से संबंधी जरूरी एहतियातों का पालन करना छोड़ दिया जाए.
कोवैक्सीन की 45 लाख डोज के लिए भारत बायोटेक को आशय पत्र जारी भारत बायोटेक को कोविड-19 के टीके 'कोवैक्सीन' की 45 लाख अतिरिक्त खुराकों के लिए केंद्र से आशय पत्र मिला है. इन 45 लाख खुराकों में से आठ लाख से अधिक खुराक मॉरीशस, फिलीपींस और म्यांमार जैसे मित्र देशों को सद्भावना के तौर पर नि:शुल्क दी जाएंगी.
सूत्रों ने कहा, ''मंत्रालय जब कंपनी को ऑर्डर देगा, तब खुराकों की आपूर्ति की जाएगी.'' सरकार से 55 लाख खुराकों का ऑर्डर मिलने के बाद भारत बायोटेक ने टीकों (हर शीशी में 20 डोज) का पहला बैच गन्नवरम (विजयवाड़ा), गुवाहाटी, पटना, दिल्ली, कुरुक्षेत्र, बेंगलुरु, पुणे, भुवनेश्वर, जयपुर, चेन्नई और लखनऊ भेजा गया है. भारत बायोटेक ने कहा कि उसने भारत सरकार को 16.5 लाख खुराक दान की हैं.