कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक में क्या अंतर है, क्या है सबसे ज्यादा खतरानक, इनसे बचने के लिए क्या करें?
By प्रिया कुमारी | Published: July 3, 2020 12:27 PM2020-07-03T12:27:18+5:302020-07-03T12:37:51+5:30
हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट दोनों में अंतर है। कार्डियक अरेस्ट हार्ट अटैक से ज्यादा खतरनाक होता है। इसमें इंसान को बिना किसी चेतावनी के अटैक आता है जिसके बाद शख्स बेहोश हो जाता है।
बॉलीवुड की फेमस कोरियोग्राफर सरोज खान का देर रात मुंबई में निधन हो गया, मौत की वजह कार्डियक अरेस्ट बताई जा रही है। कुछ समय से वह बीमार चल रही थी और अस्पताल में भर्ती थी। दिल का दौरा पड़ने से उनकी मौत हो गई। आपने कई बार दिल का दौरा शब्द सुना होगा, भले वो हार्ट अटैक हो या कार्डियक अरेस्ट दोनों शब्द कई लोगों को एक ही लगते हैं। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट में काफी फर्क होता है।
किन लोगों को आ चुका आ कार्डियक अरेस्ट
बता दें तामिलनाडु की मुख्यमंत्री रह चुकी जयललिता और एक्ट्रेस श्रीदेवी की भी मौत कार्डिएक अरेस्ट से हुई थी। इसके अलावा ऐसे कई सेलेब हैं जिनकी मौत कार्डिएक अरेस्ट से हुई है। हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट ये दोनों दिल से ही संबधिंत है लेकिन दोनों में काफी अंतर होता है आइए समझते हैं कि दोनों में क्या अंतर है।
क्या होता है कार्डअक अरेस्ट
हार्ट विशेषज्ञ के मुताबिक कार्डिएक अरेस्ट अचानक होता है, इसमें हमारे शरीर की तरफ से कोई चेतावनी नहीं मिलती, इसकी वजह है दिल में होने वाली इलेक्टिकल गड़बड़ी जो धड़कन के तालमेल को बिगाड़ती है। इससे दिल की पम्प करने की क्षमता पर असर पड़ता है, और दिल या शरीर के दूसरे हिस्सों तक खून नहीं पहूंचता। कार्डिएक अरेस्ट में इंसान तुंरत बेहोश हो जाता है, और नब्ज जाती रहती है, अगर सही वक्त पर सही इलाज न दिया जाए तो कार्डिएक अरेस्ट से कुछ ही सेकेंड में इंसान की मौत हो सकती है।
क्या कार्डिएक अरेस्ट से मौत होना तय है?
ऐसे कई सवाल मन में उठते हैं जो कि क्या कार्डियक अरेस्ट से इंसान की तुरंत मौत हो जाती है? इसका जवाब है। ये काफी रिस्की है क्योंकि कार्डिएक अरेस्ट आने से पहले शरीर में किसी तरह के कोई लक्षण नहीं दिखते हैं। यही वजह है कि कार्डिएक अरेस्ट में मौत होने का खतरा कई गुणा बढ़ जाता है। इसकी सबसे आम वजह असाधारण हार्ट रिदम बताई जाती है, जिसे विज्ञान की भाषा में वेंट्रिकुलर फिब्रिलेशन कहा जाता है। दिल की इलेक्ट्रिकल गतिविधियां इतनी ज्यादा बिगड़ जाती है कि दिल धड़कना ही बंद कर देता है और वह कांपने लगता है। कार्डिएक अरेस्ट की कई वजह हो सकती है, जैसे दिल से जुड़ी कुछ बीमारियां, कोरोनरी हार्ट की बीमारी, हार्ट मसल्स में इनफ्लेमेशन, लॉन्ग क्यूटी सिंड्रोम जैसे डिसऑर्डर।
हार्ट अटैक कैसे हैं अलग
ज्यादातर लोग हार्ट अटैक और कार्डिएक अरेस्ट को एक ही मान लेते हैं। लेकिन ये दोनों एक दूसरे से काफी अलग दोनों में बहुत अंतर है। हार्ट अटैक तब आता है जब कोरोनरी आर्टरी में थक्का जमने से दिल की मांसपेशियों तक खून जाने के रास्ते में खलल पैदा हो जाए। इसमें छाती में तेज दर्द होता है। इसके लक्षण हमे दिखाई देते हैं, लेकिन दिल को गंभीर नुकसान पहुंचाने के लिए ये काफी होते हैं। इसमें दिल में शरीर में खून पहुंचना नहीं रुकता है मरीज होश में रह सकता है। लेकिन जिस व्यक्ति को हार्ट अटैक जाता है उसे कार्डिएक अरेस्ट का खतरा भी बढ़ जाता है।