निमोनिया को जड़ से खत्म कर सकती हैं घर-घर में मिलने वाली ये 4 चीजें

By उस्मान | Published: November 13, 2018 07:31 AM2018-11-13T07:31:52+5:302018-11-13T07:31:52+5:30

ब्रिटेन स्थित गैर सरकारी संगठन 'सेव द चिल्ड्रन' की एक रिपोर्ट के अनुसार, आसानी से उपचार किये जाने योग्य बीमारी निमोनिया से 2030 तक भारत में पांच साल से कम उम्र के 17 लाख और दुनिया में 1.1 करोड़ बच्चों की मौत होने की आंशका है।

pneumonia status in india : Symptoms, causes, treatments and home remedies of pneumonia | निमोनिया को जड़ से खत्म कर सकती हैं घर-घर में मिलने वाली ये 4 चीजें

फोटो- पिक्साबे

निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो छोटे बच्चों में ज्यादा देखने को मिलती है। सर्दी और बारिश के मौसम में इस बीमारी का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है। निमोनिया के प्रमुख दो लक्षण हैं, पहला खांसी और दूसरा सांस चलना। निमोनिया होने पर पहले हल्का सर्दी-जुकाम और फिर तेज बुखार भी होता है। यह कोई छोटी-मोटी बीमारी नहीं है। निमोनिया फेफड़ों में असाधारण तौर पर सूजन आने के कारण होता है। इसमें फेफड़ों में पानी भी भर जाता है। निमोनिया यदि तीन माह से छोटे बच्चों में हो तो ज्यादा खतरनाक होता है। निमोनिया ज्यादातर बैक्टीरिया, वायरस या फंगल के हमले से होता है। मौसम बदलने, सर्दी लगने, फेफड़ों पर चोट लगने के अलावा खसरा और चिकनपॉक्स जैसी बीमारियों के बाद भी इसकी आशंका बढ़ जाती है। 

निमोनिया के लक्षण
तेज सांस लेना
कफ और खांसी
होंठों और नाखुन का रंग पीला पड़ना
उल्टी आना
सीने और पेट में दर्द 

भारत में 2030 तक 17 लाख से अधिक बच्चों की मौत होने की आशंका
ब्रिटेन स्थित गैर सरकारी संगठन 'सेव द चिल्ड्रन' की एक रिपोर्ट के अनुसार, आसानी से उपचार किये जाने योग्य बीमारी निमोनिया से 2030 तक भारत में पांच साल से कम उम्र के 17 लाख और दुनिया में 1.1 करोड़ बच्चों की मौत होने की आंशका है। इस रोग के चलते सबसे अधिक मौतें नाइजीरिया, भारत, पाकिस्तान और कांगो लोकतांत्रिक गणराज्य में हो सकती हैं।

निमोनिया से ऐसे बच सकती है बच्चों की जान
रिपोर्ट के अनुसार इनमें से एक तिहाई यानी 40 लाख से अधिक मौतें टीकाकरण, उपचार और पोषण की दरों में सुधार के ठोस कदम से आसानी से टाली जा सकती हैं। दुनियाभर में यह बच्चों के लिए सबसे बड़ी जानलेवा संक्रामक बीमारी है। मलेरिया, दस्त एवं खसरा को मिलाकर जितनी मौतों होती हैं, उससे कहीं ज्यादा अकेले इस बीमारी से मौतें होती हैं।

साल 2016 में निमोनिया से हुई 880,000 बच्चों की मौत
वर्ष 2016 में 880,000 बच्चों की इस बीमारी से जान चली गयी। उनमें से ज्यादातर दो साल से कम उम्र के थे। यह सबसे हाल का वर्ष है जिसके लिए इस बीमारी के संदर्भ पूरे आंकड़े उपलब्ध हैं। इस अध्ययन के अनुसार वर्तमान रुझान के हिसाब से 2030 तक इस बीमारी से करीब 10,865,728 बच्चे मौत की मुंह में जायेंगे । सबसे अधिक 1,730,000 बच्चे नाइजीरिया में, 1,710,000 बच्चे भारत में, 706,000 बच्चे पाकिस्तान में और 635,000 बच्चे कांगो में मौत के मुंह समा जायेंगे।

निमोनिया से राहत पाने के घरेलू उपचार

1) हल्दी और लौंग
हल्दी में मौजूद एंटीबायोटिक गुण शरीर को कई बीमारियों से दूर रखते हैं। निमोनिया होने पर थोड़ी-सी हल्दी को गुनगुने पानी में मिलाएं और इसे छाती पर लगाने से राहत मिलती है। एक गिलास पानी में 5-6 लौंग, काली मिर्च और 1 ग्राम सोडा डालकर उबाल लें। अब इस मिश्रण को दिन में 1-2 बार लेने से फायदा होता है।

2) लहसुन का पेस्ट
इसके लिए लहसुन की कुछ कलियों को मसलकर उसका पेस्ट बना लें और रात को सोने से पहले बच्चे की छाती पर लगा दें जिससे शरीर को गर्माहट मिलेगी और कफ बाहर निकलेगा।

3) लहसुन का पानी
लहसुन कुदरती रूप से बैक्‍टीरिया से लड़ने की क्षमता रखता है। यह वायरस और फंगस से भी शरीर की रक्षा करता है। लहसुन में शरीर का तापमान कम करने और छाती व फेफड़ों में जमा बलगम को बाहर निकालने की क्षमता होती है। लहसुन का गर्म का दिन में तीन-चार बार, दो से तीन चम्‍मच सेवन करने से निमोनिया में आराम मिलता है। 

4) लाल मिर्च
लाल मिर्च में कैप्‍स‍ासिन होता है जो श्‍वसन मार्ग से बलगम को हटाने में मदद करता है। लाल मिर्च बीटा-कोरटेन का भी अच्‍छा स्रोत होती है, जो कफ की झिल्‍ली को सुरक्षित रखता है। करीब 250 मिली पानी में थोड़ी सी लाल मिर्च और थोड़ा सा नींबू का रस मिलाकर दिन में कुछ बार इसका सेवन करें।

इनपुट: भाषा

Web Title: pneumonia status in india : Symptoms, causes, treatments and home remedies of pneumonia

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