Exclusive: लॉकडाउन में लोगों पर डिप्रेशन हावी, कर रहे आत्महत्या, अपनाएं ये टिप्स.. दूर होगा डिप्रेशन

By एसके गुप्ता | Published: June 15, 2020 05:51 PM2020-06-15T17:51:23+5:302020-06-15T17:51:23+5:30

सकारात्मक सोच और योग के माध्यम से बेहतर जीवन शैली अपनाकर हम तनाव से दूर रह सकते हैं। एम्स योगा विशेषज्ञ और जेनेटिक्स प्रयोगशाला प्रभारी रिमा दादा ने लोकमतत से विशेष बातचीत में कहा कि कई रिसर्च के बाद यह साबित हो चुका है कि योग अवसाद को दूर करता है।

People taking frightening steps like suicide by going into depression in lockdown adopt these tips Depression will go away | Exclusive: लॉकडाउन में लोगों पर डिप्रेशन हावी, कर रहे आत्महत्या, अपनाएं ये टिप्स.. दूर होगा डिप्रेशन

कोरोना वायरस और लॉकडाउन के चलते लोगों पर हावी हो रहा डिप्रेसन।

Highlightsतनाव पूर्ण जीवन शैली, लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के भय ने लोगों में अवसाद ला दिया है।सकारात्मक सोच और योग के माध्यम से बेहतर जीवन शैली अपनाकर हम तनाव से दूर रह सकते हैं।

तनाव पूर्ण जीवन शैली, लॉकडाउन और कोरोना संक्रमण के भय ने लोगों में अवसाद ला दिया है। इस अवसाद के कारण ही आए दिन आत्महत्या से जुड़ी खबरें पढ़ने को मिल रही हैं। पिछले माह टीवी एक्ट्रेस प्रेक्षा मेहता ने आत्महत्या कर ली थी। जिसकी वजह लॉकडाउन और उन्हें मिलने वाले काम में कमी बताया गया। हाल ही में अभिनेता सुशांत सिंह की आत्महत्या ने सिने जगत को झगझोर कर रख दिया। लॉकडाउन के कारण कई लोगों के व्यवसाय को नुकसान पहुंचा हैं। लेकिन सकारात्मक सोच और योग के माध्यम से बेहतर जीवन शैली अपनाकर हम तनाव से दूर रह सकते हैं। एम्स योगा विशेषज्ञ और जेनेटिक्स प्रयोगशाला प्रभारी रिमा दादा ने लोकमत से विशेष बातचीत में कहा कि कई रिसर्च के बाद यह साबित हो चुका है कि योग अवसाद को दूर करता है। इससे कई तरह की बीमारियां भी ठीक हो रही हैं।

दिल्ली विश्वविद्यालय में मनोविज्ञान के प्रोफेसर डा. नवीन कुमार ने लोकमत से विशेष बातचती में कहा कि लोगों की महत्वकांक्षाएं काफी बढ़ गई हैं। समाज में दिखावा और महत्वकांक्षाओं को पूरा न कर पाने का डर लोगों को अक्सर आत्महत्या जैसी राह पर ला खड़ा कर देता है। इसलिए यह जरूरी है कि हम सकारात्मक सोचें। कामयाबी के लिए सड़क बनाने से अच्छा है कि हम अपने बच्चों को इस तरह से तैयार करें कि वह कामयाबी की सड़क पर चल सकें। इसके लिए बच्चों में एकाकी पन को दूर करें उनका सामाजिक दायरा बढाएं। लोग ज्यादा से ज्यादा मित्र बनाएं। एसएमएस और वाट्सअप चैटिंग से व्यक्ति अंतर्मुखी बनता है। घर में बंद हैं तो दोस्तों को परिवार वालों को फोन लगाएं। अपनी परेशानियां साझा करें और समस्याओं का हल ढूंढें। टूटे नहीं हालातों से लड़ना सीखें। हमेशा साकारात्मक नजरिया अपनाएं और अगर तनाव हो तो सबसे पहले अपने को अकेला न रखें। जरूरी है कि आप किसी घर में अकेले न रहें आपके साथ दोस्त हों, परिवार के लोग हों। उनके बीच बैठने हंसने-बोलने से तनाव काफी कम हो जाता है। रचनात्मक बनें, डायरी लिखें अपने भीतर की बातों को लिखने से मन हल्का होता है। कई बार उसी से नए समाधान भी निकलते हैं।

एम्स में योगा विशेषज्ञ डा. रिमा दादा ने कहा कि सबसे पहले सकारात्मक बनें और यह सोचें की जीवन बहुत ही अनमोल है। लॉकडाउन में लोग घरों में बंद हैं, उनकी दिनचर्या खराब हुई है। शरीर में अकड़न और ऐंठन है। लोगों के बीच मानसिक तनाव बढ़ रहा है। ऐसे में योग इन सब का बेहतर उपचार है। एम्स में 12 सप्ताह की योग रिसर्च हुई। इससे पता चला कि लगातार योग करने से लोगों की जीवन शैली में काफी सुधार आया। योगा से तनाव बढ़ाने वाले हार्मोन और मस्तिष्क में सूजन बढ़ाने वाले अणुओं का स्तर कम हो जाता है। इससे ऑक्सीडेटिव तनाव कम हो जाता है। लोगों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ने से शरीर स्वस्थ्य रहता है। योग करने से हमारी भूख भी खुलती है और शरीर का तनाव कम रहता है।

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