साल के अंत तक 67 करोड़ लोग हो सकते हैं कोरोना से प्रभावित : निम्हांस

By उस्मान | Published: May 30, 2020 09:45 AM2020-05-30T09:45:27+5:302020-05-30T09:45:27+5:30

रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि 90% लोगों को इस बात का पता ही नहीं होगा कि वो कोरोना से संक्रमित हैं

NIMHANS claim 67 crore Indians almost half of the country's population, is estimated to be infected with the virus by the end of this year | साल के अंत तक 67 करोड़ लोग हो सकते हैं कोरोना से प्रभावित : निम्हांस

साल के अंत तक 67 करोड़ लोग हो सकते हैं कोरोना से प्रभावित : निम्हांस

Highlightsरिपोर्ट में दावा 90% लोगों को पता ही नहीं होगा कि वो कोरोना पॉजिटिव हैं गंभीर हालत में केवल 5% मरीज अस्पताल में होते हैं भर्ती

कोरोना वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर में 6,033,754 संक्रमित हो चुके हैं और यह आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है जबकि 366,890 लोगों की मौत हो गई है। भारत में संक्रमितों की संख्या 173,763 हो गई है और यहां मरने वालों का आंकड़ा 4,980 हो गया है। 

कोरोना के थमने का अभी कोई आसार नजर नहीं आ रहे हैं और यह बात नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरो साइंसेज (NIMHANS) ने भी मान ली है। संस्था का दावा है कि भारत में कोरोना वायरस के मामले जिस तेजी से बढ़ रहे हैं, अनुमान है कि दिसंबर तक देश में 67 करोड़ लोग यानी भारत की आधी आबादी कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हो सकती है। 

डीएनए की एक रिपोर्ट के अनुसार, संस्था का मानना है कि 90 फीसदी लोगों को इस बात का पता ही नहीं होगा कि वो कोरोना से संक्रमित हैं क्योंकि सभी प्रभावित रोगियों में लक्षण दिखाई नहीं देते हैं। गंभीर हालत में केवल 5% मरीज अस्पताल में भर्ती होते हैं। यदि भारत में 67 करोड़ लोगों में से 5% लोग गंभीर रूप से बीमार पड़ गए, तो यह आंकड़ा लगभग 30 मिलियन होगा।

इसके अलावा, देश के अभी तक के आंकड़े देखें तो वायरस की घातक दर 5% से कम है, जिसका अर्थ है कि 95% से अधिक रोगी ठीक हो जाते हैं। इनमें से 5 से 10% मामले ऐसे होंगे जिन्हें ऑक्सीजन के हाई फ्लो के साथ इलाज करना होगा और केवल 5% मरीजों को वेंटीलेटर के सपोर्ट की जरूरत होगी। 

कोरोना से लड़ने के लिए करने होंगे यह काम

आने वाले कोरोना चरम से बचने और सुरक्षा के लिए देश में जल्द से जल्द प्रयास करने होंगे। राज्यों को चिकित्सा से जुड़े बुनियादी ढांचे को सुधारना होगा और आने वाली गंभीर परिस्थितियों के लिए मेडिकल सेवाओं को तैयार करना होगा।

सवाल उठता है कि क्या भारत वास्तव में कोरोना के खतरे से निपटने के लिए पर्याप्त स्वास्थ्य देखभाल उपाय हैं? भारत में कोरोनो वायरस प्रभावित रोगियों के इलाज के लिए केवल 1.30 लाख अस्पताल के बिस्तर उपलब्ध हैं। आने वाले दिनों में अस्पतालों में मरीजों को भर्ती करने के लिए बेड नहीं होंगे। वास्तव में, कई राज्य पहले से ही इस स्थिति का सामना कर रहे हैं, ग्रामीण भारत में हालात बदतर हैं।

पीएम मोदी के आदेशानुसार आईसीएमआर ने सभी राज्यों के प्रत्येक जिले में कम से कम दो कोरोना परीक्षण प्रयोगशालाएं बनाने का निर्देश दिया है। इसी आदेशानुसार 60 प्रयोगशालाओं के लक्ष्य तक पहुंचने वाला कर्नाटक देश का पहला राज्य बन चुका है। बेंगलुरु में 60 प्रयोगशालाएं पूरी होने वाली है। इनमें से 30 जिलों के लिए काम करेंगी।

भारत में शुक्रवार को कोरोना वायरस के रिकॉर्ड संख्या में लगभग 7,500 नए मामले सामने आने के साथ ही इस महामारी के कुल मामलों की संख्या बढ़ कर 1.68 लाख तक पहुंच गई। मृतकों का आंकड़ा 4,700 के आंकड़े को पार कर गया। ठीक होने वालों की संख्या में भी महत्वपूर्ण वृद्धि हुई है तथा अब तक 81 हजार से अधिक लोगों को अस्पतालों से छुट्टी मिल चुकी है।

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सुबह के अपडेट में कहा कि देश में कोरोना वायरस से मरनेवालों की संख्या 4,706 हो गई है, जबकि संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 1,65,799 तक पहुंच गई है। बृहस्पतिवार सुबह आठ बजे से लेकर पिछले 24 घंटे में 175 मौत हुई हैं और रिकॉर्ड 7,466 नए मामले सामने आए हैं। हा

Web Title: NIMHANS claim 67 crore Indians almost half of the country's population, is estimated to be infected with the virus by the end of this year

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