पंजाब में नशा खत्म करने के लिए अफीम की खेती की मांग, आयुर्वेद में जोड़ों के दर्द, यूटीआई, डायबिटीज, खूनी दस्त का काल है अफीम
By उस्मान | Published: January 15, 2019 12:37 PM2019-01-15T12:37:26+5:302019-01-15T12:37:26+5:30
एनजीओ का कहना है कि अफीम की खेती एक संभव उपाय है जो पंजाब को नशीली दवाओं की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। इसकी खेती से राज्य को आर्थिक लाभ भी होगा। जब कनाडा और अमेरिका जैसे देशों ने अफीम की खेती की अनुमति दी है, तो भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता है?
एक तरफ जहां पंजाब को नशा मुक्त बनाने के लिए राज्य सरकार कई योजनाओं पर काम कर रही है, वहां एक एनजीओ ने राज्य में अफीम की खेती करने की अनुमति मांगी है। एनजीओ का कहना है कि इससे बेरोजगार युवाओं को रोजगार मिलेगा और अन्य नशीले दवाओं के खतरे से लड़ने में भी मदद मिलेगी। 'इंसाफ' नामक एनजीओ ने मुक्तसर में माघी मेले में इस बात को लोगों के सामने रखा और इस उन लोगों को एक लाख रुपये देने का ऐलान किया जो यह साबित कर देगा कि अफीम सिंथेटिक दवाओं का समाधान नहीं है।
'इंसाफ' के अध्यक्ष जगमीत सिंह जग्गा ने कहा, 'हम जनता को जागृत कर रहे हैं। अफीम की खेती एक संभव उपाय है जो पंजाब को नशीली दवाओं की समस्या से छुटकारा दिला सकता है। इसकी खेती से राज्य को आर्थिक लाभ भी होगा। जब कनाडा और अमेरिका जैसे देशों ने अफीम की खेती की अनुमति दी है, तो भारत ऐसा क्यों नहीं कर सकता है? हम इसके लिए कानूनी रूप से लड़ाई लड़ेंगे। हमारी टीम इसे लागू करने के लिए पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय में याचिका दायर करेगी। याचिका दायर करने से पहले, हम एक नया हस्ताक्षर अभियान शुरू करेंगे।
उन्होंने बताया कि बेराजगार यूथ नशे की लत का शिकार हो रहा है। कश्मीर, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश सहित 12 राज्यों में किसानों को अफीम की खेती के लाइसेंस दिए गए हैं। एक किल्ले में अफीम की खेती करने पर 30 लाख की आमदनी होती है। साल में दो बार इस फसल का लाभ ले सकते हैं। अफीम की खेती का लाइसेंस मिलने से यूथ को रोजगार मिलेगा। अफीम से प्रतिबंध हटा देंगे तो नशा भी कम हो जाएगा।
अफीम क्या है?
आम आदमी के लिए अफीम एक लोकप्रिय मादक पदार्थ है। लोग इसे हीरोइन का स्रोत मानते है और इसका उपयोग वैध ड्रग व्यापार के लिए किया जाता है। अफीम वार्षिक रूप से उगने वाला पौधा है जिसके डंठल पर सफेद और नीले फूल उगते जो कटोरीनुमा होते हैं।
अफीम बीज के फली से प्राप्त लेटेक्स, मॉर्फिन, कोडेन, पनैनथ्रिन और कई और अधिक ऑक्सीओड जैसे सबसे शक्तिशाली एल्कालोड्स का स्रोत है। इसमें मार्फिन, नर्कोटीन, कोडीन, एपोमॉर्फीन, आपिओनियन, पापावरीन, लेक्टिक एसिड, राल, ग्लूकोज जैसे रसायन होते हैं।
आयुर्वेद और यूनानी चिकित्सा पद्धति में अफीम के फायदे
आयुर्वेद के अनुसार, संतुलित मात्रा में अफीम के सेवन से इंसान के लिए फायदेमंद है. अफीम की प्रकृति गर्म और प्रभाव में नशीली होने के कारण कफ-वात शामक, पित्त प्रकोपक, नींद लाने वाली, दर्दनाशक, पसीना लाने वाली, शारीरिक स्रावों को रोकने वाली होती है। यूनानी डॉक्टर के अनुसार, कमर दर्द, जोड़ों के दर्द, यूटीआई, डायबिटीज, श्वास के रोग, डायरिया और खूनी दस्त में गुणकारी है। सिर दर्द या पुराने सर के दर्द को ठीक करने में अफीम लाभकारी है।
इस बात का रखें ध्यान
अफीम एक मादक पदार्थ है और इसके अधिक इस्तेमाल से आपको कई गंभीर नुकसान भी हो सकते हैं। इसलिए आपको इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर या एक्सपर्ट से सलाह लेनी चाहिए।