कच्चे दूध को बिना फ्रिज में रखे पीने से हो सकती हैं कई गंभीर बीमारियां, रिसर्च में हुआ खुलासा
By प्रिया कुमारी | Published: July 2, 2020 05:26 PM2020-07-02T17:26:57+5:302020-07-02T17:26:57+5:30
एक रिसर्च में खुलासा किया गया कच्चे दूध को फ्रिज में रखे बिना पीने से सेहत को नुकसान पहुंचता है। इससे कई गंभीर बीमापरियां होती हैं।
दूध एक सेहतमंद और पौष्टिक आहार है, जिसके फायदे आपको भी पता होंगे। अच्छी सेहत के लिए रोजाना दूध पीने की सलाह दी जाती है। लेकिन हाल ही में किए गए एक रिसर्च में पता चला है कि कच्चा दूध पीना हमारी सेहत के लिए अच्छा नहीं है। दरअसल, कच्चा दूध वह होता है, जिसे पास्चुरीकृत या होमोजेनाइज्ड नहीं किया गया हो, लेकिन दूध को लेकर ये दावा किया जा रहा है कि पास्चुरीकरण करना दूध में हानिकारक बैक्टीरिया हो सकते हैं। जो गंभीर बीमारियो का कारण बन सकते हैं। उनके अनुसार पाश्चराइजेशन दूध पोषण मूल्य को कम किए बिना, इन जीवाणुओं को मारता है। इसलिए बिना रेफ्रिजरेट किए बिना कभी भी कच्चा दूध कभी न पिएं।
शोध में दी गई जानकारी
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, डेविस (University of California, Davis) के रिसर्चस ने अध्ययन में पता लगाया कि अगर आपको कच्चा दूध पीना पसंद है तो एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी जीवाणुओं वाले बैक्टीरिया के जोखिम को कम करने के लिए इसे आपके रेफ्रिजरेटर में रखें उसके बाद इसे पीए। शोध में बताया गया है कि कैसे गायों के दूध को कमरे के तापमान पर छोड़ दिया जाए, तो यह रोगाणुरोधी प्रतिरोध जीन के साथ बैक्चटीरिया को बढ़ा सकता है। वो बैक्टीरिया जो रोगाणुरोधी-प्रतीरोधी जीन को परेशान करते हैं। उन्हें अन्य बैक्टीरिया में स्थानातरित कर सकते हैं और संभावित बीमारी फैला सकते हैं।
लंबे समय तक दूध को बाहर रखने से बैक्टिरिया बढ़ने लगते हैं
यूसी डेविस के रिसर्चस ने कहा है कि दूध को फ्रिज के बाहर रखने से दूध न केवल खराब होता है बल्कि एंटीबायोटिक प्रतिरोधी रोगाणुओं की वृद्धि हो सकती है। अध्ययन 2000 से अधिक खुदरा दूध के नमूनो का विश्लेषण किया गया, जिसमें कच्चे और पाश्चुरीकृत दूध दोनों शामिल थे। आपको ये बात जानकर हैरानी होगी कि कमरे में छोड़ जाने पर कच्चे दूध में एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी रोगाणुओं की अधिकता थी। कुछ लोग जानबूझकर कच्चे दूध को कमरे के तापमान पर किण्वन होने के लिए घंटों तक रखते हैं और इसे क्लैबर के रूप में जाना जाता है।
लेकिन इस रिसर्च ने ये चेतावनी दी है कि कच्चे दूध के थक्के खाने से आंत में रोगाणुरोधी-प्रतिरोधी जीन की बाढ़ आ सकती है। इसलिए ये सुझाव दिया गया है कि यदि वे कच्चे दूध को किण्वित करना चाहते हैं तो वे स्टार्टर कल्चर का उपयोग करें। हालांकि, अध्ययन में यह नहीं कहा गया है कि कच्चे दूध में एंटीबायोटिक-प्रतिरोधी जीन मनुष्यों के लिए स्वास्थ्य जोखिम में बदल सकते हैं या नहीं।