Monsoon Health Tips: बारिश के मौसम में इन 10 बीमारियों का ज्यादा खतरा, जानें बचने के उपाय
By उस्मान | Published: June 25, 2019 11:21 AM2019-06-25T11:21:13+5:302019-06-25T11:21:13+5:30
मानसून के अमुसम में भारत जैसे देशों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे रोग कई मरीजों के लिए मौत का पैगाम बनकर सामने आता है।
मानसून सीजन जल्द ही दस्तक देने वाला है। बेशक बारिश का मौसम गर्मी से राहत देता है लेकिन यह अपने साथ कई गंभीर बीमारियां भी लेकर आता है। बरसात के मौसम में बार-बार बदलते तापमान का शरीर पर बुरा असर पड़ता है, इसलिए मानसून का आनंद लेने के साथ-साथ खुद को स्वस्थ रखना भी जरूर है। भारत जैसे देशों में डेंगू, मलेरिया और चिकनगुनिया जैसे रोग कई मरीजों के लिए मौत का पैगाम बनकर सामने आता है।
मच्छरों के कारण फैलने वाली इस बीमारी में हर साल कई लाख लोग जान गवां देते हैं। मौसम के बदलने से इम्युनिटी पर असर होता है, जिससे फ्लू, सर्दी, बुखार, एलर्जी और इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है। हम आपको बता रहे हैं कि मानसून के मौसम में किन-किन बीमारियों का सबसे अधिक खतरा होता है और उनसे कैसे बचा जा सकता है।
डेंगू
मानसून के मौसम में मच्छरों का प्रकोप बढ़ने से डेंगू का सबसे अधिक खतरा होता है। डेंगू के लक्षणों में तेज बुखार, प्लेटलेट काउंट कम होना, चकत्ते होना शामिल हैं। इससे बचने के लिए आपको मच्छर भगाने वाले और कीट निरोधक पौधों जैसे सिट्रोनेला का उपयोग करना चाहिए। इसके अलावा अपने पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनने चाहिए।
चिकनगुनिया
चिकनगुनिया मुख्य रूप से एयर कंडीशनर, कूलर, पौधों, बर्तनों, पानी के पाइप में पाए जाने वाले स्थिर पानी में पैदा हुए मच्छरों के कारण होता है। यह बीमारी एडीज एल्बोपिक्टस मच्छर के काटने से फैलती है। यह मच्छर आपको रात में ही नहीं बल्कि दिन में भी काट सकता है। इसके मुख्य लक्षणों में जोड़ों का दर्द और बुखार शामिल हैं। इस बचने के लिए आपको स्थिर पानी की सतहों या कंटेनरों को साफ करना और कीट से बचाने वाली क्रीम का उपयोग करना चाहिए।
मलेरिया
मलेरिया मादा एनोफिलीज मच्छर के कारण होता है, जो पानी में प्रजनन करते हैं। इसके मुख्य लक्षणों में बुखार, कंपकंपी, मांसपेशियों में दर्द और कमजोरी आदि शामिल हैं। मलेरिया से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है कि आप अपने घर में पानी की टंकी को बार-बार साफ करें और अपने आसपास सफाई रखें।
डायरिया
डायरिया अनहेल्दी चीजें और गंदा पानी पीने से होता है। सावधानी बरतकर आप इस बीमारी से बच सकते हैं। इसके लक्षणों में दस्त, मतली, उल्टी आदि शामिल हैं। इससे बचने के लिए आपको उबला हुआ पानी पीना चाहिए। इसके अलावा घर का खाना इस बीमारी से बचाव का सबसे अच्छा तरीका है।
टाइफाइड
जल जनित बीमारी, टाइफाइड आमतौर पर गंदगी के कारण होती है। गंदा पानी और भोजन टाइफाइड का कारण बनता है। इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, कमजोरी, दर्द और गले में खराश शामिल हैं। हर समय अपने साथ एक हैंड सैनिटाइज़र रखना, स्ट्रीट फूड का सेवन करने और स्वस्थ तरल पदार्थ पीने से बचना आपको टाइफाइड से बचाने में मदद करेगा।
वायरल बुखार
मानसून के दौरान होने वाली यह सबसे आम बीमारी है। इसके प्रमुख लक्षणों में बुखार, सर्दी और खांसी शामिल हैं। इससे आप 3-7 दिनों तक पीड़ित रह सकते हैं। लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।
हैजा
हैजा मानसून की एक ऐसी बीमारी है, जो दूषित भोजन और पानी के सेवन के कारण होती है। दस्त, उल्टी, पेटदर्द और मतली इस मानसून की बीमारी का सबसे आम लक्षण हैं। इससे बचने के लिए आपको खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए।
लेप्टोस्पायरोसिस
इसे वेइल सिंड्रोम के नाम से भी जाना जाता है। लेप्टोस्पायरोसिस गंदे पानी या मैक के संपर्क में आने से होता है। सूजन, शूल, मांसपेशियों में दर्द, सिरदर्द और बुखार आमतौर पर फैलते मानसून की बीमारी के सामान्य लक्षण हैं। यदि आपको चोट या जख्म है, तो इस बीमारी से बचने के लिए बाहर निकलते समय उन्हें कवर करना बेहतर होता है।
पेट में इन्फेक्शन
उल्टी, दस्त और पेट दर्द इस मौसम में होने वाले सबसे आम पेट के संक्रमण हैं। यह दूषित खाद्य और तरल उत्पादों का सेवन करने के कारण होता है। गैस्ट्रोएंटेराइटिस इस समय के दौरान होने वाला एक अन्य आम पेट का संक्रमण है। इससे बचने के लिए उबला हुआ पानी, घर का पकाया भोजन और पर्याप्त स्वस्थ तरल पदार्थ पीने की सलाह दी जाती है।
पीलिया
कमजोरी, पीला पेशाब, आंखों का पीला होना, उल्टी और लिवर की गड़बड़ी पीलिया के लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए। इससे बचने के लिए आपको उबला हुआ पानी, घर का पका हुआ भोजन खाना चाहिए। बाहर के खाने से बचना चाहिए।