ज्यादा सोने से दिमाग को पहुंच सकता है नुकसान, फर्टिलिटी पर भी पड़ता है बुरा असर

By उस्मान | Published: October 11, 2018 05:35 PM2018-10-11T17:35:11+5:302018-10-11T17:35:11+5:30

एक नए अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि जो कम सोता है या रात में सात से आठ घंटे से ज्यादा की नींद लेता है उसकी समझने-जानने की क्षमता कम हो जाती है।

Medical Problems Linked to Oversleeping | ज्यादा सोने से दिमाग को पहुंच सकता है नुकसान, फर्टिलिटी पर भी पड़ता है बुरा असर

फोटो- पिक्साबे

अधिक सोने से आपके मस्तिष्क के काम करने के तरीके को नुकसान पहुंच सकता है। एक नए अध्ययन में यह बात सामने आयी है कि जो कम सोता है या रात में सात से आठ घंटे से ज्यादा की नींद लेता है उसकी समझने-जानने की क्षमता कम हो जाती है।

कनाडा के वेस्टर्न विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं का कहना है कि पिछले साल जून में शुरू किए गए नींद संबंधी सबसे बड़े शोध में विश्व भर के 40,000 लोग शामिल हुए। ऑनलाइन शुरू की गई इस वैज्ञानिक जांच में एक प्रश्नावली और ज्ञानात्मक प्रदर्शन (काग्नेटिव परफार्मेन्स) वाली गतिविधियों की श्रृंखला शामिल की गई।

वेस्टर्न विश्वविद्यालय के एड्रियन ओवन ने कहा, 'हम वास्तव में विश्व भर के लोगों की सोने की आदतों के बारे में जानना चाहते थे। निश्चित तौर पर प्रयोगशालाओं में छोटे पैमाने पर नींद पर शोध हुए हैं लेकिन हम यह जानना चाहते थे कि वास्तविक जगत में लोगों की नीद संबंधी आदतें कैसी हैं।' 

लगभग आधे प्रतिभागियों ने प्रति रात 6.3 घंटे से कम नींद लेने की बात कही जो अध्ययन में अनुशंसित नींद की मात्रा से एक घंटे कम थी। इसमें एक चौंकाने वाला खुलासा यह हुआ कि चार घंटे या उससे कम नींद लेने वालों का प्रदर्शन ऐसा था जैसे वह अपनी उम्र से नौ साल छोटे हों।

 अन्य आश्चर्यचकित करने वाली खोज यह थी कि नींद सभी वयस्कों को समान रूप से प्रभावित करती है। नींद की अवधि और अत्याधिक कार्यात्मक संज्ञानात्मक व्यवहार के बीच संबंध सभी उम्र के लोगों में समान दिखा।

 शोधकर्ताओं ने पाया कि आपके मस्तिष्क को सही से काम करने के लिए सात से आठ घंटे की नींद चाहिए होती है और डॉक्टर भी इतनी ही नींद लेने की सलाह देते हैं। यह अध्ययन 'स्लीप' पत्रिका में प्रकाशित हुआ है। 

ज्यादा सोने के अन्य नुकसान
वैज्ञानिकों ने एक स्टडी में पाया कि आवश्यकता से अधिक सोने वाले लोगो में टेंशन, डिप्रेशन का शिकार होने की संभावना अधिक होती है। 9 घंटे से ज्यादा सोने से दिमाग की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है, दिमाग सुस्त होने लगता है। अच्छे मानसिक स्वास्थ्य के लिए थकान लगने पर सोना चाहिए और अनावश्यक सोने, आलस करने से बचना चाहिए। अधिक सोने वाली स्त्रियों की गर्भधारण क्षमता प्रभावित होती है। वैज्ञानिकों के अनुसार इस स्लीप पैटर्न से हार्मोन स्राव, मेंसट्रूअल साइकिल प्रभवित होता है, जिससे फर्टिलिटी घट सकती है।

Web Title: Medical Problems Linked to Oversleeping

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