लिवर एक ऐसा अंग है जो शरीर की भोजन से पोषक तत्वों को लेने और उन्हें ऊर्जा में बदलने में मदद करता है। इतना ही नहीं शरीर में जमा विषाक्त पदार्थों और पुरानी क्षतिग्रस्त रक्त कोशिकाओं को शरीर से बाहर निकालने का काम भी लिवर ही करता है। जब लिवर सही तरह काम नहीं करता है तो शरीर में जमा अपशिष्ट पदार्थ बिलीरुबिन के निर्माण का कारण बन सकते हैं जिससे पीलिया रोग हो सकता है।
आपको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आप क्या खाते और क्या पीते हैं इसका सीधा असर आपके लिवर की कार्यक्षमता पर पड़ता है। हेल्दी डाइट लेने से लिवर को शरीर से बेहतर तरीके से विषाक्त पदार्थों को साफ करने की ताकत मिलती है।
लिवर को कैसे साफ रखें
- प्रति दिन कम से कम आठ गिलास तरल पदार्थ पिएं। पानी और हर्बल चाय बेहतर विकल्प हैं।- रोजाना एक गिलास दूध पीने पर विचार करें।- पपीता और आम जैसे फलों का खूब सेवन करें, जो पाचन एंजाइमों से भरपूर हैं।- प्रति दिन कम से कम 2 1/2 कप सब्जी और 2 कप फल खाएं।- ओटमील, बेरीज और बादाम जैसे उच्च फाइबर वाले खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें।
पीलिया होने पर क्या खाएं
पानीदिन में कम से कम आठ गिलास पानी पीने से आपके लीवर को विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने में मदद मिलती है। इससे आपका वजन भी स्वस्थ बना रहता है और रक्त को पतला करता है, जिससे आपके लिवर को फिल्टर करना आसान होता है।
कॉफी या हर्बल चायकम कॉफी पीने से लिवर के कामकाज में सुधार होता है। इससे सिरोसिस का भी खतरा कम होता है। यह आपके एंटीऑक्सीडेंट के स्तर को भी बढ़ा सकता है, जो शरीर से विषाक्त पदार्थों को साफ करने में मदद करता है। अध्ययन से यह भी पता चलता है कि हर्बल चाय भी लिवर की सफाई करती है।
पाचक एंजाइमस्वाभाविक रूप से पाचक एंजाइम बिलीरुबिन को कम करने में मदद कर सकते हैं। इसके लिए आपको अपनी डाइट में शहद, संतरे के छिलके, अनानासपपीता और आम जैसी चीजों का सेवन करना चाहिए।
फल और सब्जीपीलिया में पाचन एंजाइम वाले फल खाना सबसे विकल्प है। यूएसडीए के दिशा-निर्देश दिए गए स्रोत हर दिन कम से कम 2 1/2 कप सब्जियां और 2 कप फल खाना चाहिए। आप चकोतरा, एवोकाडो, ब्रूसेल स्प्राऊट्स, अंगूर और सरसों का साग आदि का सेवन कर सकते हैं।
फाइबरविशेष रूप से घुलनशील फाइबर लिवर से पित्त को बाहर निकालने में मदद करता है। इससे विषाक्तता कम हो सकती है। विभिन्न प्रकार के खाद्य पदार्थों में फाइबर पाए जाते हैं, जिनमें शामिल हैं -फल, सब्जियां, फलियां, नट्स, साबुत अनाज, जामुन, जई और बादाम।
पीलिया में परहेज
रोगी को भोजन में अधिक भी तेल, तला हुआ भोजन, मिर्च, मसाले, अंडा, साबुत दालें, मीट, पापड़, चटनी, अचार, मेवा, नमकीन, चाय, कॉफी, बाजार के पदार्थ बिल्कुल ना दें।
बीमार व्यक्ति के लिए किसी भी प्रकार की नशीली चीजें जैसे- शराब, सिगरेट, पान मसाला, तंबाकू का प्रयोग करना हानिकारक होता है। इसलिए इससे दूरी बनाकर रखें। सब्जी बनाने में हल्दी का प्रयोग करें।
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भोजन बिल्कुल ताजा एवं स्वच्छ हो। यदि किसी कारण से होटल आदि में खाना पड़े तो कच्ची सब्जियां तथा दूध या दही से बनी वस्तुएं ना खाएं। बाजार की बर्फ बिल्कुल प्रयोग ना करें।
गन्ने का रस वैसे तो पीलिया रोगी के लिए बहुत फायदेमंद होता है। लेकिन यदि गन्ना ठीक से साफ करके रस निकाला जाए और बाजार की बर्फ उसमें ना डलवाए तभी रोगी को यह रस दे।
पीलिया रोगी को ग्लूकोस भी अधिक मात्रा में नहीं दें। इससे भूख कम हो जाती है और पेट भी खराब होने का डर रहता है। जब रोग का असर कम होने लगे तो रोगी को दाल का पानी और बिना घी की रोटी भी दे सकते हैं। पीने का पानी साफ होना चाहिए। यदि हो सके तो पानी उबला हुआ तथा ताजा ही प्रयोग करें।