पेश है सेहत से भरपूर IISR के वैज्ञानिकों की मदद से बनी ‘प्रोटीन कटोरी’, केवल 2 रुपए की लागत से बनी बिस्कुट जैसी टेस्ट वाली कटोरियां बच्चों को भी आ सकती है पसंद

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: June 5, 2022 04:35 PM2022-06-05T16:35:34+5:302022-06-05T16:51:23+5:30

पेश है सेहत से भरपूर IISR के वैज्ञानिकों की मदद से बनी ‘प्रोटीन कटोरी’, केवल 2 रुपए की लागत से बनी बिस्कुट जैसी टेस्ट वाली कटोरियां बच्चों को भी आ सकती है पसंद

Introducing Protein Katori made with the help of madhya pradesh iisr scientists full of health children can also like biscuits made cost 2 rupees | पेश है सेहत से भरपूर IISR के वैज्ञानिकों की मदद से बनी ‘प्रोटीन कटोरी’, केवल 2 रुपए की लागत से बनी बिस्कुट जैसी टेस्ट वाली कटोरियां बच्चों को भी आ सकती है पसंद

पेश है सेहत से भरपूर IISR के वैज्ञानिकों की मदद से बनी ‘प्रोटीन कटोरी’, केवल 2 रुपए की लागत से बनी बिस्कुट जैसी टेस्ट वाली कटोरियां बच्चों को भी आ सकती है पसंद

Highlightsआईआईएसआर के वैज्ञानिकों की मदद से एक छात्रा ने ‘प्रोटीन कटोरी’ को बनाया है। इस ‘प्रोटीन कटोरी’ को आप खा भी सकते है। आईआईएसआर के वैज्ञानिकों के मुताबिक, बच्चे इसे चाव से खा सकते है क्योंकि यह बिस्कुट जैसा दिखता है।

भोपाल: मध्य प्रदेश में पर्यावरण की रक्षा और कुपोषण दूर करने के मकसद से इंदौर के भारतीय सोयाबीन अनुसंधान संस्थान (आईआईएसआर) में एक खास कटोरी तैयार की गई है। प्रोटीन से भरपूर इस कटोरी में न केवल खाद्य पदार्थ रखकर खाए जा सकते हैं, बल्कि इस कटोरी को भी खाया जा सकता है। 

आईआईएसआर के प्रधान वैज्ञानिक ने क्या कहा 

इस मामले में केंद्र सरकार के अधीन आने वाले आईआईएसआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनोज श्रीवास्तव ने रविवार को इसको लेकर पूरी जानकारी दी है। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया, ‘‘आईआईएसआर के वैज्ञानिकों के मार्गदर्शन में एक अन्य संस्थान की स्नातकोत्तर छात्रा नामा हुसैन ने अपनी अनुसंधान परियोजना के तहत चार महीने में यह कटोरी विकसित की है।’’ 

कैसे बनी है यह ‘प्रोटीन कटोरी’

आईआईएसआर के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. मनोज श्रीवास्तव के मुताबिक, ‘प्रोटीन कटोरी’ को सोयाबीन, गेहूं, ज्वार और रागी के आटे के साथ ही बेसन से तैयार किया गया है। उन्होंने इसके स्वाद को लेकर भी बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि यह स्वाद में किसी बिस्कुट की तरह लगती है। 

कितना खर्च आया है इस ‘प्रोटीन कटोरी’ को बनाने में

वैज्ञानिक डॉ. मनोज श्रीवास्तव ने बताया कि अनुसंधान के दौरान ऐसी एक कटोरी तैयार करने में करीब दो रुपए का खर्च आया है, लेकिन बड़े पैमाने पर वाणिज्यिक उत्पादन की स्थिति में इसकी लागत काफी कम हो सकती है। श्रीवास्तव आईआईएसआर की उस इकाई के प्रभारी हैं, जो सोयाबीन से पोषक खाद्य पदार्थ बनाने को लेकर अनुसंधान करती है। 

बच्चे चाव से खा सकते है ‘प्रोटीन कटोरी’ को- मनोज श्रीवास्तव

इस पर बोलते हुए मनोज श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘हमने पाया कि भोजन के साथ खाई जा सकने वाली जो कटोरियां फिलहाल बाजार में उपलब्ध हैं, वे आटे या मैदे की बनी होती हैं। इन्हें उपयोग से पहले तलने की जरूरत पड़ती है और इनमें प्रोटीन भी नहीं होता है।’’ 

श्रीवास्तव के अनुसार, आईआईएसआर में तैयार ‘प्रोटीन कटोरी’ को अगर देश की आंगनबाड़ियों तक पहुंचा दिया जाए तो बच्चों में कुपोषण की समस्या दूर करने में खासी मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा, ‘‘चूंकि, यह कटोरी बिस्कुट जैसी लगती है, इसलिए बच्चे इसे बड़े चाव से खाएंगे।’’ 

तरल पदार्थ खाने पर भी 20 मिनट तक नहीं गलता है ‘प्रोटीन कटोरी’

श्रीवास्तव ने बताया कि गर्म सूप या अन्य तरल पदार्थ रखे जाने पर भी यह कटोरी करीब 20 मिनट तक नहीं गलती है। उन्होंने कहा कि शादी-ब्याह और अन्य बड़े आयोजनों में भोजन के दौरान अगर प्लास्टिक की कटोरी की जगह ‘प्रोटीन कटोरी’ का उपयोग किया जाए तो पर्यावरण का भला भी होगा। श्रीवास्तव के मुताबिक, आईआईएसआर ‘प्रोटीन कटोरी’ की तर्ज पर खाए जा सकने वाले चम्मच और कोन भी विकसित करने पर विचार कर रहा है।

 

Web Title: Introducing Protein Katori made with the help of madhya pradesh iisr scientists full of health children can also like biscuits made cost 2 rupees

स्वास्थ्य से जुड़ीहिंदी खबरोंऔर देश दुनिया खबरोंके लिए यहाँ क्लिक करे.यूट्यूब चैनल यहाँ इब करें और देखें हमारा एक्सक्लूसिव वीडियो कंटेंट. सोशल से जुड़ने के लिए हमारा Facebook Pageलाइक करे