Human-metapneumovirus: बड़ी ही तेजी से फैल रहा है hMPV वायरस, सर्दी-जुकाम जैसे होते है इसके लक्षण, जानें डिटेल और बचाव का तरीका
By आजाद खान | Published: June 1, 2023 09:22 AM2023-06-01T09:22:27+5:302023-06-01T09:54:13+5:30
जो कोई भी शख्स एचएमपीवी वायरस से संक्रमित हो रहा है उन में खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ जैसे परेशानी देखने को मिल रही है। हालांकि इसका अभी इलाज नहीं निकल पाया है और इससे संक्रमित लोगों को सामान्य दवाएं ही दी जा रही है।

फोटो सोर्स: WikiMedia Commons (https://commons.wikimedia.org/wiki/File:Mangriep.jpg)
Health News: अमेरिका में एक और वायरस ने लोगों की चिंता को बढ़ा दी है जिसके लक्षण सामान्य सर्दी जुकाम की तरह ही है। यहां पर human metapneumovirus (HMPV) नामक एक वायरस के मामले तेजी से बढ़ रहे है जिसे लेकर वहां की सरकार काफी सतर्क हो गई है। सीडीसी के मुताबिक, इस वायरस के बढ़ते मामलों में काफी तेजी से वृद्धि देखी गई है और यह बढ़ोतरी 11 फीसदी हुई है।
जानकार बता रहे है कि जैसे-जैसे लोग अपने काम काज पर लौट रहे है, इस वायरस को फैलने का मौका मिल रहा है और इस कारण इसके मामले भी बढ़ रहे हैं। हालांकि इसके लक्षण सामान्य सर्दी और जुकाम वाले ही है लेकिन कुछ मामलों में ये गंभीर रूप भी ले सकते हैं। ऐसे में क्या है यह वायरस और यह कैसे फैलता है, आइए जान लेते हैं।
क्या है ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) वायरस और इसके लक्षण?
बता दें कि मानव मेटान्यूमोवायरस एक संक्रमण जो इससे प्रभावित लोगों के ऊपरी और निचले रेस्पिरेटरी सिस्टम को टारगेट करता है। इससे सबसे पहले 2001 में खोजा गया था। इसे लेकर यह बात सामने आई है कि ये वायरस भी रेस्पिरेटरी सिंकिटियल वायरस (RSV) की फैमिली से ताल्लुक रखता है।
एचएमपीवी वायरस का लक्षण सामान्य सर्दी-जुकाम की तरह ही होता है। ऐसे में इसके खास लक्षणों खांसी, बुखार, नाक बंद होना और सांस लेने में तकलीफ शामिल हैं। ऐसे में जिन लोगों का स्वास्थ ठीक है उनमें चार से पांच दिन बाद ये लक्षण अपने आप ठीक हो सकते है।
किसके लिए है ज्यादा खतरा, वायरस फैलने की जानकारी और इसका इलाज
बताया जा रहा है कि इसका जोखिम छोटे बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वालों लोगों में ज्यादा है। इस कारण लोगों में घरघराहट, सांस लेने में परेशानी और अस्थमा ट्रिगर का अनुभव हो सकता है। एचएमपीवी वायरस के फैलने के बार में यह बात सामने आई है कि दूसरे रेस्पिरेटरी वायरस की तरह यह वायरस भी संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आने से फैलता है। इसके अलावा ये खांसने, छींकने और वायरस से दूषित वस्तुओं को छूने से भी फैलता है।
हालांकि इस वायरस का इलाज अभी मौजूद नहीं है और इससे बचने के लिए एहतियात करने की सलाह दी जा रही है। यही नहीं अधिकतर मामलों में इसे अपने-आप ठीक होते हुए भी देखा गया है। लक्षण पाए जाने के बाद लोगों को अगर दर्द और बुखार होती है तो उन्हें इसकी सामान्य दवाएं दी जाती है और वहीं संक्रमित लोगों में घरघराहट को कम करने के लिए इनहेलर और स्टेरॉयड का भी इस्तेमाल किया जाता है।