हो सके तो घर से न निकलें, दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण की छाई 'काली परत', जानें एयर पॉल्युशन के बचाव क्या-क्या है
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Published: October 28, 2019 09:22 AM2019-10-28T09:22:01+5:302019-10-28T09:22:01+5:30
आंकड़ों के मुताबिक सोमवार सुबह लोधी रोड में में पीएम-2.5 का स्तर 500 दर्ज किया गया। ऐसी स्थिति में खुद को बचाना बेहद जरूरी है। वायू प्रदूषण से बचने के लिए तब तक घर से बाहर न निकलें जब तक प्रदूषण कम नहीं हो जाता है। अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो वायु प्रदूषण से बचने के लिए उपाय ये करें...

how protect yourself from air pollution in delhi ncr follow this steps
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रविवार को दिवाली के बाद प्रदूषण की वजह से धुंध छा गई और वायु गुणवत्ता ‘‘बहुत खराब’’ स्तर पर पहुंच गयी। सुप्रीम कोर्ट ने दिवाली पर पटाखा छोड़ने के लिए दो घंटे की सीमा तय की थी लेकिन लोगों ने इसके अलावा भी पटाखे छोड़े। दिल्ली की हवा में पटाखों की तेज आवाज के साथ ही जहरीला धुंआ और राख भर गया और कई स्थानों पर वायु गुणवत्ता का स्तर ‘गंभीर’ स्तर को पार गया।
आंकड़ों के मुताबिक सोमवार सुबह लोधी रोड में में पीएम-2.5 का स्तर 500 दर्ज किया गया। ऐसी स्थिति में खुद को बचाना बेहद जरूरी है। वायू प्रदूषण से बचने के लिए तब तक घर से बाहर न निकलें जब तक प्रदूषण कम नहीं हो जाता है। अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो वायु प्रदूषण से बचने के लिए उपाय ये करें...
हो सके तो घर से ही न निकलें
सबसे जरूरी है कि आप घर से बाहर न निकलें और तब तक न निकलें जब तक प्रदूषण कम नहीं हो जाता। आवश्यकता पड़ने पर ही बाहर निकलें और तब अगर आप बाहर निकल भी रहें हैं बचाव के लिए आवश्यक सामान जरुर रख लें।
मास्क लगाकर बाहर निकलें
अगर आप बाहर निकल रहे हैं तो मास्क लगाकर निकलें। हो सके तो पूरा चेहरा ढक लें। एक मास्क को एक बार ही प्रयोग करें। एक ही मास्क का प्रयोग बार-बार करके आप वायरस और कई तरह के इंफेक्शन फैलाने वाले बैक्टीरिया की चपेट में आ सकते हैं।
- चश्मा पहन कर ही बाहर निकलें। ताकि आंखों में बैक्टीरिया न फैल सके।
- इसके साथ ही बार-बार हाथों से स्कीन को न छूएं।
- घर के बाहर सड़कों को गीला करके रखें ताकि धूल के दूषित कण हवा में न उड़े पाएं।
वायु प्रदूषण से हो सकती हैं ये बीमारियां
-जुकाम
-सांस लेने में तकलीफ
- आंखों में जलन
- खांसी, टीबी और गले में में इन्फेक्शन
- साइनस, अस्थमा
- फेफड़ों से सम्बंधित बीमारियां
गौरतलब है कि शून्य से 50 के बीच के एक्यूआई को ‘अच्छा’, 51 से 100 को ‘संतोषजनक’, 101 से 200 को ‘मध्यम’, 201 से 300 को ‘खराब’, 301 से 400 को ‘बहुत खराब’ और 401 से 500 को ‘गंभीर’ और 500 से ऊपर को अति गंभीर आपात स्थिति की श्रेणी में रखा जाता है।