Diet tips: नकली चीजें खाने से कैंसर, बवासीर, अल्सर, पथरी का खतरा, नकली चावल, मिर्च, हल्दी, धनिया और जीरा की पहचान के 10 तरीके
By उस्मान | Published: November 27, 2020 12:51 PM2020-11-27T12:51:31+5:302020-11-27T12:57:55+5:30
ध्यान रहे कोरोना संकट में मिलावटी चीजों को खाने से इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो सकता है
भारत में खाना बनाने के लिए विभिन्न मसालों का इस्तेमाल किया जाता है। अधिकतर लोग पिसे मसालों का उपयोग करते हैं जिस वजह से उनमें मिलावट करना आसान हो जाता है।
वैसे मिलावट सिर्फ मसालों में ही नहीं सब्जी, मिठाई, दूध-दही या फिर अनाज में भी होती है। सबसे बड़ी समस्या यह है कि असली और नकली चीजों की पहचान करना आसान काम नहीं है।
नकली चीजों के सेवन से होने वाली समस्याएं
मिलावट कुछ इस तरह की जाती है कि आप इनके रूप, रंग, आकार और यहां तक कि स्वाद में भी फर्क नहीं कर पाएंगे। आपको बता दें कि इन चीजों के सेवन से आपको कैंसर, किडनी और पेट जुड़ी कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं।
चीजों से तैयार भोजन का सेवन करने से इम्यूनिटी कमजोर होने लगती है। पाचन तंत्र कमजोर होने लगेगा। किडनी स्टोन की समस्या हो सकती है। स्किन एलर्जी होने का भी सामना करना पड़ सकता है। लंबे समय तक नकली चीजों के इस्तेमाल करने से कैंसर जैसा गंभीर रोग हो सकता है।
हम आपको रोजाना खाने में इस्तेमाल होने वाली कुछ चीजों में मिलावट की पहचान करने के उपाय बता रहे हैं ताकि आप स्वस्थ खा सकें और स्वस्थ रह सकें। ध्यान रहे कोरोना वायरस संकट में इन मिलावटी चीजों से आपका इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है।
नकली जीरे की पहचान का तरीका
इसे चैक करने के लिए एक कटोरी में पानी भरकर उसमें जीरा डालें। नकली जीरा पानी में जाते ही टूटने व रंग छोड़ने लगेगा। इसके विपरीत असली जीरा वैसे का वैसा ही रहेगा। इसके अलावा असली जीरे को खुशबू से भी पहचाना जा सकता है।
नकली हल्दी की पहचान का तरीका
एक गिलास में कुछ गर्म पानी लें और सतह पर एक चम्मच हल्दी छोड़ दें। इसे मिक्स ना करें। इसे 20 मिनट तक छोड़ दें। अगर हल्दी नीचे चली जाती है और ऊपर पानी साफ रहता है तो हल्दी असली है लेकिन अगर पानी धुंधला हो जाता है, तो समझ लें कि इसमें मिलावट है।
साबुत हल्दी में मिलावट का पता ऐसे लगाएं ना केवल पाउडर में बल्कि साबुत हल्दी में भी मिलावट की जाती है। इसकी जांच के लिए हल्दी के टुकड़े को एक पेपर पर रखें और ऊपर से ठंडा पानी डाल दे। अगर हल्दी के टुकड़े से रंग निकलने लगे, तो समझ लीजिए कि उसे पॉलिश किया गया है।
नकली दालचीनी की पहचान का तरीका
इसके लिए एक प्लेट में दालचीनी को डालें। कैसिया बार्क को नजदीक से देखने पर उसकी बाहर की परत खुरदुरी नजर आती है। जबकि दालचीनी की परत चिकनी होती है। दालचीनी काफी पतली होती है और इसकी महक भी अलग होती है।
नकली धनिया पाउडर की पहचान का तरीका
पाउडर वाले धनिया में भी खरपतवार को बारीक से पीस कर उसमें मिश्रण कर दिया जाता है जिसे देखने पर उसमें मिलावट की पहचान करना संभव नहीं हो पाता है। धनिया पाउडर से खुशबू नहीं निकलना उसमें मिलावट का एक सबूत है।
नकली लौंग की पहचान का तरीका
लौंग का जब नैचरल ऑइल निकाल लिया जाता है वह पानी के ऊपर तैरने लगती है तो वह असली लौंग नहीं है।
नकली मिर्च की पहचान का तरीका
एक गिलास पानी लें और उसमें एक चम्मच लाल मिर्च पाउडर डाल दें और इसे छोड़ दें। अगर मिर्च पाउडर का रंग लाल हो जाता है तो समझ लें कि इसमें ईट का पाउडर है। लाल मिर्च पाउडर आसानी से पानी में घुलता नहीं है। अगर घुल गया तो समझ लें कि उसमें मिलावट है।
थोड़ा सा लाल मिर्च हथली में रखें और इसे रगड़े। अगर रगड़ने के बाद हथेली में छोड़ा सा भी दरदरा सा कुछ होतो समझ लें कि इसमें ईट या फिर रेत मिलाई गई है।
नकली चावल की पहचान का तरीका
नकली चावल की पहचान करने के लिए थोड़े से चावल को जलाएं। जलने पर प्लास्टिक की स्मेल आती है, तो आप समझ सकते हैं कि यह नकली हैं। आप चाहे तो चावल का पानी को गाढ़ा कर उसे भी जलाकर देख सकते हैं।
एक बोतल में इन चावलों को दो से तीन दिन के लिए उबाल कर रख दें। अगर इन चावलों पर फंगस नहीं लगता तो इसका मतलब है कि ये प्लास्टिक के हैं। अगर चावलों में फंगस लग जाती है, तो इसका मतलब चावल असली है।