बड़ी से बड़ी किडनी पथरी को धीरे-धीरे गलाकर बाहर निकाल सकती हैं ये दो चीजें, सिर्फ 2 रूपये में मिलती है दूसरी चीज
By उस्मान | Published: April 22, 2019 11:20 AM2019-04-22T11:20:06+5:302019-04-22T11:20:06+5:30
Health tips in Hindi: डॉक्टर और एक्सपर्ट मानते हैं कि सही भोजन और नियमित व्यायाम के साथ कुछ जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से किडनी से जुड़े रोगों और उनके बढ़ने की गति को धीमी किया जा सकता है।
किडनी से जुड़ा कोई भी रोग खतरनाक होता है। इसके अधिकतर मरीजों के लिए डायलिसिस जिंदगी का जरिया है। डॉक्टर और एक्सपर्ट मानते हैं कि सही भोजन और नियमित व्यायाम के साथ कुछ जड़ी बूटियों के इस्तेमाल से किडनी से जुड़े रोगों के बढ़ने की गति को धीमी किया जा सकता है।
किडनी की पथरी भी आम समस्या बन गई है। पथरी होने पर मरीज का जीना दुश्वार हो जाता है क्योंकि जब इसका दर्द उठता है तो वो असहनीय हो जाता है। मुसीबत यह है कि किडनी की पथरी होने का शुरुआत में पता नहीं चल पाता है। इसके लक्षण तभी दिखाए देते हैं जब किडनी की पथरी का आकार बढ़ने लगता है और यूरीन पास करने में दिक्कत होती है। आप इन दो असरदार उपायों से किडनी की पथरी से छुटकारा पा सकते हैं।
1) पुनर्नवा का पौधा
हम आपको किडनी की पथरी को बाहर निकालने के दो तरीके बता रहे हैं। पहला हाल ही में एक रिसर्च में दावा किया गया है कि 'पुनर्नवा' जैसे पारंपरिक औषधीय पौधे पर आधारित औषधि का फॉर्म्युलेशन किडनी की बीमारी में रोकथाम में कारगर हो सकता है और बीमारी से राहत दिला सकता है। यह रिसर्च बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में हुई जिसे साल 2017 में वर्ल्ड जर्नल ऑफ फार्मेसी ऐंड फ़ार्मासूटिकल्स साइंस में प्रकाशित किया गया।
अध्ययन के अनुसार, किडनी की समस्या से जूझ रही एक महिला को पुनर्नवा से बनाया गया सीरप एक महीने तक दिया गया जिससे उसके खून में क्रैटीनाइन और यूरिया के लेवल में सुधार देखा गया। इंडो अमेरिकन जर्नल ऑफ फ़ार्मासूटिकल रिसर्च में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में भी कमल के पत्ते, पत्थरचूर और अन्य जड़ी बूटियों सहित पुनर्नवा से बनायी गयी औषधि के प्रभाव का जिक्र किया है।
2) नींबू
नींबू के रस की थैरेपी से भी पथरी को ठीक किया जा सकता है। नींबू के रस में साइट्रिक एसिड की मात्रा बहुत ज्यादा होती है जो धीरे-धीरे ऑक्जालेट और सोडियम आदि तत्वों के इस जमाव को घुलाता रहता है। घुलने के बाद पथरी के छोटे-छोटे कण मूत्र मार्ग से ही निकलते रहते हैं। आप नींबू के पानी में आधा चम्मच जैतून का शुद्ध तेल भी मिलाएं।
आयुर्वेद के अनुसार, नींबू पानी में जैतून का तेल मिलाकर रोजाना दिन में दो बार पीने से आपका शरीर हाइड्रेट रहेगा, शरीर में पानी की कमी नहीं होगी और पथरी धीरे-धीरे गल कर मूत्र मार्ग से बाहर निकल जाएगी।
परहेज भी है जरूरी
पथरी अगर छोटी है तो इस पेय के लगातार प्रयोग से धीरे-धीरे किडनी से निकल जाती है। किडनी की पथरी में जितनी जरूरत इसके तत्काल इलाज की होती है। आपको बीज वाले खाद्य पदार्थों जैसे टमाटर, मिर्च आदि न खाएं।
इसके अलावा सोडियम की वजह से भी पथरी बढ़ती है इसलिए नमक का प्रयोग ज्यादा न करें और हाई सोडियम वाले खाद्य पदार्थ जैसे बादाम, मूंगफली आदि न खाएं। मीट, मछली, पालक, चुकंदर, और पत्तों वाली सब्जियों से भी परहेज जरूरी है।