सर्दियों में दर्द का रखें ख्याल -वात, पित्त, कफ की होती है तकलीफ, इन घरेलू उपायों से दी जा सकती है मात
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: November 18, 2018 08:08 AM2018-11-18T08:08:03+5:302018-11-18T08:08:03+5:30
ठंड का मौसम खुशगवार और ज्यादातर के लिए पसंदीदा होता है. लेकिन कड़कड़ाती सर्दी में पुराना दर्द भी जैसे जिंदा हो जाता है. शरीर में कभी जोड़ दुखते हैं तो कभी वात व पित्त की शिकायत होती है. वात के मरीजों के लिए तो यह मौसम थोड़ा तकलीफदेय ही होता है.
इनके अलावा वरिष्ठ नागरिकों को कंधों और कमर के दर्द की शिकायत रहती है. आयुर्वेद व पंचकर्म विशेषज्ञ डॉ. नितेश खोंडे के मुताबिक ऐसे दर्दों से निपटने के लिए निसर्गोपचार व आयुर्वेद पंचकर्म चिकित्सा रामबाण उपाय है. डॉ. खोंडे ने बताया कि बारिश के खत्म होने के साथ ही शरीर में वात की शुरुआत होती है. इस समय इसका कुदरती इलाज किया जाना चाहिए अन्यथा सर्दियों में दिक्कत होती है. साथ ही पित्त का प्रमाण भी बढ़ता है. अनुचित आहार व अनियमित जीवनशैली के चलते भी लीवर पर असर होता है और एसिडिटी की शिकायत बढ़ती है. शीत ऋतु में त्वचा का शुष्क पड़ना, सोरायसिस की तरह के रोगों का बढ़ना, रीढ़ की हड्डी में दर्द और सुबह उठने पर शरीर में अकड़न जैसी समस्याएं भी पेश आती हैं. घुटने और पांव भी दुखते हैं. इसका एलोपैथी के बजाय आयुर्वेद के जरिए संपूर्ण उपचार संभव है. पर पित्त की तकलीफ कम होती है. सौंठ का घी के साथ सेवन भी इसके लिए लाभकारी है. अरंडी का तेल गुनगुने पानी व दूध के साथ सप्ताह में एक बार रात में सोने के दौरान लेने पर कब्ज व पेट के अन्य विकारों में फायदेमंद साबित होता है.
बॉक्स तिल के तेल दे सकता है राहत शीतकाल में ठंड के कारण शरीर जठराग्नि बढ़ती है. यह किसी भी अन्न व औषधि को पचाने में लाभदायक होती है. इन दिनों वात की दवा लेने पर इसे कम किया जा सकता है. सुबह तिल का तेल कंधे व घुटने पर लगाकर इस मर्ज को घटाया जा सकता है. पीठ के दर्द के लिए भी यह उपाय किया जा सकता है. यह करते रहने से सभी तरह के दर्द से एक माह में निजात मिल सकती है. जठराग्नि का लाभ उठाते हुए पंचकर्म के साथ च्यवनप्राश व ब्रह्मरसायन सुबह नाश्ते के साथ लेने पर शरीर की मांसपेशियों की ताकत बढ़ाई जा सकती है. इससे सालभर रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ रहती है. तिल का तेल त्वचा के लिए भी लाभकारी होता है. इससे रुखड़ त्वचा मुलायम हो जाती है. बॉक्स पित्तनाशक उपचार जीरा, अदरक, काली मिर्च, धनिया पावडर का पेस्ट घी के साथ सेवन करने से वात व पित्त की शिकायत को दूर करने में मदद मिलती है. हल्दी भी दूध के साथ ले.