आयुर्वेद में 'अमृत' माना जाता है यह पौधा, इम्यूनिटी बढ़ाकर संक्रमण, डायबिटीज, बुखार, पीलिया जैसी 35 बीमारियां कर सकता है खत्म

By उस्मान | Published: November 26, 2020 09:19 AM2020-11-26T09:19:17+5:302020-11-26T09:20:44+5:30

आयुर्वेद में गिलोय के पौधे के फायदे : कोरोना काल में अगर आप इम्यूनिटी सिस्टम को मजबूत बनाना चाहते हैं तो यह बेहतर विकल्प है

health benefits of giloy in ayurveda : include giloy in your diet to boost immunity system and fight fever, anemia, diabetes, blood pressure, cough, covid-19 symptoms and other 35 diseases | आयुर्वेद में 'अमृत' माना जाता है यह पौधा, इम्यूनिटी बढ़ाकर संक्रमण, डायबिटीज, बुखार, पीलिया जैसी 35 बीमारियां कर सकता है खत्म

गिलोय के फायदे

Highlightsआयुर्वेद में इसे पौधे को एक दिव्या औषधि माना गया हैबुखार की सर्वोत्तम औषधि माना गया हैसूजन कम करने, शुगर नियंत्रित करने, गठिया से लड़ने की क्षमता

आयुर्वेद में कई पेड़-पौधों का इस्तेमाल दवाएं बनाने में किया जाता है। इसका कारण उनमें पाए जाने वाले शक्तिशाली गुण हैं। ऐसा ही एक पौधा गिलोय है। इसे आम भाषा में गुडुची भी कहा जाता है। 

इसके पत्ते पान के पत्ते कि तरह हरे और चौड़े होते हैं। आयुर्वेद में इसे पौधे को एक दिव्या औषधि माना गया है। प्राचीन काल से ही इन पत्तियों का उपयोग विभिन्न आयुर्वेदिक दवाइयों में एक खास तत्व के रूप में किया जाता है।

गिलोय को इस्तेमाल करने के तरीका
आयुर्वेद में इसे बुखार की सर्वोत्तम औषधि माना गया है। गिलोय की पत्तियों और तनों से सत्व निकालकर इस्तेमाल में लाया जाता है। इसकी तासीर गर्म होती है। यह स्वाद में थोड़ा कड़वा होता है। अगर आप सुबह उठ कर इसकी छोटी सी डंडी को चबाकर खाएंगे, तो आपके लिए ये संजीवनी की तरह काम करेगी। 

किन-किन बीमारियों के इलाज की दवा है गिलोय 
- इसमें सूजन कम करने, शुगर नियंत्रित करने, गठिया, दमा और खांसी से लड़ने की क्षमता होती है। यह उल्टी, बेहोशी, कफ, पीलिया, सिफलिस, एलर्जी सहित अन्य त्वचा विकार से लड़ने में भी सहायक है। 

- इसके अलावा यह चर्म रोग, कमजोरी, गले का संक्रमण, खांसी, जुकाम, बुखार, टाइफायड, मलेरिया, डेंगू, पेट के कीड़े, सीने में जकड़न, जोड़ों में दर्द, रक्त विकार, निम्न रक्तचाप, टीबी, लीवर, किडनी, मूत्र रोग, डायबिटीज, गैस, खून की कमी, पीलिया और कुष्ठ रोग से भी बचाने में सहायक है। 

- माना जाता है कि गिलोय की पत्तियों का भूख बढ़ाने वाली पाकृतिक औषधि के रूप में खूब प्रयोग होता है। इसे नीम और आंवला के साथ मिलाकर इस्तेमाल करने से त्वचा संबंधी रोग जैसे एग्जिमा और सोराइसिस से राहत मिल सकती है। 
 
- जिन लोगों को पाइल्स यानि बवासीर की बीमारी है। उन्हें गिलोय के एक चम्मच चूर्ण को छाछ में मिलाकर लेना चाहिए। इससे खून आना बंद होगा। साथ ही दर्द में भी आराम मिल सकता है। 

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- गिलोय का प्रयोग सांप या अन्य जहरीले जानवर के काटने पर शरीर में फैले विष को निकालने में भी किया जाता है। इसके लिए गिलोय की जड़ को पीसकर व्यक्ति को उसका रस पिलाना चाहिए। ऐसा करने से रोगी को उल्टी होगी। नतीजतन शरीर में मौजूद सारा जहर निकल जाएगा।

- गिलोय का उपयोग जोड़ों एवं गठिया के दर्द में भी बहुत लाभकारी है। इसके लिए गिलोय के तने का चूर्ण रोजाना दूध में मिलाकर पीना चाहिए। इससे हड्डियां मजबूत होंगी।

- गिलोय का उपयोग पीलिया रोग में भी बहुत लाभकारी है। इसके पत्तियों को सुखाकर बनाए गए पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर खाने से लाभ मिलता है। आप चाहे तो इसका काढ़ा बनाकर भी पी सकते हैं।

- गिलोय का प्रयोग रक्त शोधक के तौर पर भी होता है। इसलिए गिलोय को पानी में उबालकर काढ़ा बना लें। अब इसे छानकर शहद और मिश्री के साथ मिलाकर सुबह-शाम पिएं, इससे खून साफ हो जाएगा।

- गिलोय पुरानी खांसी को जड़ से खत्म करने में भी कारगर है। इसके इस्तेमाल के लिए दो चम्मच गिलोय का रस हर रोज सुबह पिएं। ऐसा करने से समस्या दूर हो जाएगी। अगर किसी को वायरल बुखार हो गया हो तो इसके लिए आधे गिलास पानी में 3 इंच गिलोय का तना कुट कर अच्छी तरह मिला लें और सुबह इसे छान पी लें।  

Web Title: health benefits of giloy in ayurveda : include giloy in your diet to boost immunity system and fight fever, anemia, diabetes, blood pressure, cough, covid-19 symptoms and other 35 diseases

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