डायबिटीज, मोटापा, किडनी की पथरी को जड़ से खत्म करता है कुट्टू का आटा, नवरात्रि खत्म होते ही दिखेगा असर
By उस्मान | Published: October 12, 2018 09:48 AM2018-10-12T09:48:59+5:302018-10-12T11:01:11+5:30
नवरात्रि २०१८ स्पेशल: यह मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज और फासफोरस जैसी जरूरी पोषक तत्वों का भंडार है। इसके अलावा इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट रूटीन भी होता है, जो कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर लेवल को कम करता है।
नवरात्रि के पर्व के दौरान व्रत में बहुत से लोग कुट्टू के आटे की रोटी खाते हैं। कुट्टू के आटे से रोटी के अलावा पूरी, पराठा, टिक्की आदि चीजें बनाई जाती हैं। कुट्टू के आटे की बनी चीजों को खाकर व्रत के दौरान तुरंत एनर्जी मिलती है। इसमें भरपूर मात्रा में प्रोटीन होता है। जिन लोगों को गेहूं से एलर्जी हो, उनके लिए बेहतरीन विकल्प है। यह मैग्नीशियम, विटामिन-बी, आयरन, कैल्शियम, फॉलेट, जिंक, कॉपर, मैग्नीज और फासफोरस जैसी जरूरी पोषक तत्वों का भंडार है। इसके अलावा इसमें फाइटोन्यूट्रिएंट रूटीन भी होता है, जो कोलेस्ट्रोल और ब्लड प्रेशर लेवल को कम करता है। यह शरीर की कैलोरी को कम करके फैट को बढ़ने से रोकता है। डायबिटीज मरीजों के लिए ये बेहतर विकल्प है क्योंकि ये शरीर में इंसुलिन को भी बढ़ने से रोकता है।
कुट्टू क्या होता है?
कुटटू एक प्रकार का पौधा है जिसे अंग्रेजी में बकव्हीट (Buckwheat) कहा जाता है। इसकी कई नस्लें हैं और अधिकतर नस्लें जंगली हैं। कुट्टू पौधे के सफेद फूल से निकलने वाले बीज को पीसकर इसका आटा तैयार किया जाता है। इसे ही कुटटू का आटा बोलते हैं। इसे खाततौर पर व्रत में इसलिए इस्तेमाल किया जाता है, क्योंकि ना यह अनाज है और न ही वनस्पति। यह एक घास परिवार का सदस्य है। वनस्पति विज्ञान के मुताबिक यह पॉलीगोनाइसी फैमिली का होता है। इसका वनस्पति नाम फागोपिरम एस्कुलेंटम होता है। इस पौधे को जड़ीबूटी के रूप में ब्लड प्रेशर, डायबिटीज आदि की दवाओं में इस्तेमाल किया जाता है।
1) डायबिटीज को करता है कंट्रोल
कुट्टू के आटे में कैलोरी कम होती है और सैचुरेटेड फैट नहीं होता, इसी कारण ये डायबिटीज मरीजों के लिए बेहतर विकल्प है। इसके अलावा इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स होता है। यही वजह है कि इसका सेवन डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।
2) वजन घटाने में सहायक
कुट्टे के आटे में मैग्नीशियम, विटामिन बी, आयरन , कैल्शियम , फॉलेट और जिंक जैसे तत्व मौजूद होते हैं। इस आटे में कार्बोहाइड्रेट 75 फीसदी तो वहीं 25 फीसदी उच्च स्तर का प्रोटीन होता है जो वजन कम करने में मददगार साबित होता है। फाइबर की उच्च और फैट की कम मात्रा वजन घटाने वालों के लिए बेहतर विकल्प है। फाइबर आपको लंबे समय तक भूख नहीं लगने देता और आपको भरा-भरा महसूस होता है और आप बार-बार खाने की आदत से बच जाते हैं।
3) कोलेस्ट्रॉल लेवल को कम करने में मददगार
कुट्टू के आटे में एक खास प्रकार का एसिड होता है जिसे लाइनोलेनिक कहते हैं। ये खास एसिड एचडीएल कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाता है और एलडीएल को कम करता है।
4) हड्डियों को बनाता है मजबूत
कूट्टू के आटे में मैगनीज के साथ प्रोटीन भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो हड्डियों की मजबूती में सहायक होता है। जिससे गठिया रोग या हड्डी से संबंधित कोई भी बीमारी नहीं हो पाती है।
5) किडनी की पथरी से बचाने में सहायक
यह अघुलनशील फायबर का अच्छा स्रोत है और गॉलब्लैडर में पत्थरी होने से बचाता है। अमेरिकन जरनल ऑफ गेस्ट्रोएनट्रोलॉजी के मुताबिक, 5 प्रतिशत ज्यादा घुलनशील फायबर लेने से गाल ब्लैडर की पत्थरी होने का खतरा 10 प्रतिशत कम हो जाता है।