सोने से कीमती है ये पौधा, बवासीर, नसों में दर्द, बीपी, बवासीर जैसी 13 बीमारियों के इलाज में है असरदार
By उस्मान | Published: December 14, 2019 11:04 AM2019-12-14T11:04:54+5:302019-12-14T11:04:54+5:30
इस पौधे का इस्तेमाल खांसी, चिंता दूर करने, कट या खरोच लगने, त्वचा और बालों की समस्याओं, जोड़ों के दर्द से राहत पाने आदि के लिए भी किया जा सकता है
आपके आसपास विभिन्न प्रकार के पेड़-पौधे होते हैं जिनके बारे में जानकारी नहीं होने के कारण उन्हें बेकार समझकर नष्ट कर दिया जाता है। आपको बता दें कि ऐसा कोई पेड़-पौधा नहीं है, जो किसी ने किसी तरह का औषधीय गुण रखता हो। ऐसा ही एक औषधीय पौधा 'हरसिंगार' का है। आम भाषा में इसे रात की रानी कहा जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसके फूल सिर्फ रात में ही खिलते हैं और सुबह होते-होते वे सब मुरझा जाते हैं।
हेल्थ वेबसाइट मायउपचार के अनुसार, हरसिंगार के पौधे का आयुर्वेद कई समस्याओं के समाधान के लिए इस्तेमाल किया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस पौधे के फूल, पत्तों, छाल, बीज के उपयोग से बवासीर, गंजेपन और साइटिका जैसे रोगों से बचने में मदद मिल सकती है। चलिए जानते हैं इसके और क्या-क्या फायदे हैं।
1) बवासीर से मिलती है राहत
ऐसा माना जाता है कि इस पौधे में पुरानी से पुरानी बवासीर में भी राहत मिल सकती है। इसके लिए रोजाना इस पौधे के एक बीज का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा आप इस पौधे के बीजों को पीसकर प्रभावित हिस्से पर लगा भी सकते हैं। जिससे आपको जल्द ही आराम होगा।
2) गंजेपन की समस्या के लिए
समय से पहले बालों का झाड़ना आजकाल सबसे बड़ी समस्या बन गई है। हरसिंगार के बीजों को पानी के साथ पीसकर उसका पेस्ट बनाकर नियमित रूप से अपने बालों पर लगाते रहने से बालों को झड़ने से बचाया जा सकता है।
3) साइटिका में मिलता है आराम
साइटिका का दर्द बेहद गंभीर होता है और इससे राहत पाने के लिए हरसिंगार काफी मददगार होता है। साइटिका पेन में कमर से लेकर एड़ी तक पैर के पिछले हिस्से में साइटिका नर्वस होता है। जिसमें दर्द की समस्या उत्पन्न हो जाती है। इसके लिए हरसिंगार की तीन-चार पतियों को पानी में उबालकर प्रतिदिन सुबह खाली पेट पीने से लाभ हो सकता है।
4) बुखार के लिए
हरसिंगार में एंटीप्रेट्रिक गुण होता है, जो बुखार को कम करता है। आयुर्वेदिक डॉक्टर लंबे समय तक बुखार को कम करने के लिए हरसिंगार चाय का सुझाव देते हैं। हरसिंगार की छाल का अर्क एक एंटीपायरेटिक के रूप में उपयोगी हो सकता है।
5) मलेरिया के लिए
मलेरिया एक मच्छर जनित बीमारी है जो परजीवी, प्लास्मोडियम के कारण होती है। इस बीमारी में बुखार, मांसपेशियों में दर्द और उल्टी होते हैं। इलाज नहीं कराने से मलेरिया जानलेवा हो सकता है। मलेरिया के लक्षणों को कम करने के लिए इस पौधे का इस्तेमाल किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि मलेरिया के रोगियों को हरसिंगार के पत्ते का पेस्ट देने से उन्हें आराम मिल सकता है।
6) डायबिटीज के लिए
हरसिंगार की पत्तियों का उपयोग रक्त शर्करा के स्तर को कम करने में किया जा सकता है। ऐसा माना जाता है कि हरसिंगार के फूलों के अर्क में एक शक्तिशाली एंटी-डायबिटिक प्रभाव होता है।
7) पेट के कीड़ों के लिए
कभी-कभी उल्टा-सीधा खाने से पेट में कीड़े हो जाते हैं और बच्चों को यह समस्या ज्यादा होती है। इससे आंतों की परेशानी, दस्त और कभी-कभार एनीमिया की समस्या हो सकती है। डॉक्टर इस समस्या के प्राथमिक कारणों के रूप में संक्रमित भोजन, खराब स्वच्छता को जिम्मेदार ठहराते हैं। आंतों के कीड़े के लिए हरसिंगार सबसे आम आयुर्वेदिक उपचारों में से एक है।
इसके अलावा इस पौधे का इस्तेमाल खांसी, चिंता दूर करने, कट या खरोच लगने, त्वचा और बालों की समस्याओं, जोड़ों के दर्द से राहत पाने आदि के लिए भी किया जा सकता है।
इस बात का रखें ध्यान
अगर आप ऊपर बताई गई किसी समस्या से पीड़ित हैं और उसके लिए इस पौधे का इस्तेमाल करना चाहते हैं, तो पहले आपको डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। इसके गलत और अत्यधिक इस्तेमाल से आपको नुकसान हो सकता है।