ऐसे लोगों को ज्यादा होता है कूल्हे की मवाद वाली दर्दनाक गांठ होने के खतरा, जानें कारण, लक्षण, उपचार और बचाव

By उस्मान | Published: January 8, 2020 07:08 AM2020-01-08T07:08:04+5:302020-01-08T07:08:04+5:30

सही समय पर इलाज नहीं कराने से सर्जिकल की जरूरत पड़ सकती है।

early signs and symptoms of Pilonidal Disease, causes and risk factors, medical treatment and prevention tips | ऐसे लोगों को ज्यादा होता है कूल्हे की मवाद वाली दर्दनाक गांठ होने के खतरा, जानें कारण, लक्षण, उपचार और बचाव

ऐसे लोगों को ज्यादा होता है कूल्हे की मवाद वाली दर्दनाक गांठ होने के खतरा, जानें कारण, लक्षण, उपचार और बचाव

अगर आपने कभी नोटिस किया हो, तो आपको पता चलेगा कि रीढ़ की हड्डी के अंतिम सिरे पर एक गहरा छेद जैसा आकार होता है पिलोनिडल (Pilonidal) कूल्हे की गांठ के नाम से जाना जाता है। कई बार बैक्टीरिया की वजह से इसमें इन्फेक्शन हो जाता है जिसमें तेज दर्द और सूजन होने लगती है। ऐसा होने पर इस हिस्से में मवाद से भरा फोड़ा हो जाता है। 

ब्राइट साइड के अनुसार, हर साल, 10,000 में से 3 लोग कूल्हे की गांठ से पीड़ित होते हैं। पुरुषों में इसके होने की अधिक संभावना हो, लेकिन यह बीमारी किसी को भी प्रभावित कर सकती है। सही समय पर इलाज नहीं कराने से सर्जिकल की जरूरत पड़ सकती है।

कूल्हे में गांठ होने के लक्षण
कूल्हे में गांठ होने पर इस हिस्से में एक बड़े आकार का दाना जैसा दिखाई देता है। आप उठते-बैठते या चलते समय या विभिन्न काम करते समय टेलबोन पर असुविधा महसूस कर सकते हैं। इसमें तेज दर्द होता है, हिस्सा लाल हो जाता है और सूजन आ जाती है। मरीज को बुखार भी महसूस हो सकता है। संक्रमित होने पर इसमें मवाद बन जाती है और उसमें खून भी आ सकता है जिसमें बदबू आ सकती है। इस तरह के लक्षण दिखने पर आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए।

कूल्हे की गांठ के कारण
इसका सही कारण अभी स्पष्ट नहीं है लेकिन कहा जाता है कि इस हिस्से का बाल टूटने के कारण यह समस्या होती है। टूटा हुआ बचा हुआ बाल अंदर चला जाता है जो गांठ के रूप में विकसित होता है। कुछ लोगों को जन्म से मामूली दोष होता है जिसके कारण उनके कूल्हे के बीच की त्वचा अंदर धंस जाती है और इसके कारण टूटा हुआ बाल आसानी से अंदर चला जाता है। 

कूल्हे की गांठ का क्या इलाज है
यदि आपको कूल्हे में गांठ महसूस होती है, तो आपको तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाना चाहिए। इसमें किसी तरह का घरेलू उपचार काम नहीं करता है। डॉक्टर प्रभावित हिस्से की जांच करेंगे और आगे के उपचार के बारे में निर्णय लेंगे। आमतौर पर इसे शल्यचिकित्सा द्वारा हटा दिया जाता है। एक संक्रमण के मामले में, आपको एंटीबायोटिक दवाओं के एक कोर्स से गुजरना पड़ सकता है। गांठ के भीतर संक्रमण हो तो साइनस को खोलने और मवाद, बैक्टीरिया व पदार्थों को निकालने के लिए ऑपरेशन करते हैं। सर्जन त्वचा के प्रभावित हिस्से को काट देते हैं और टांके की मदद से घाव को सिलते हैं। इस तकनीक से घाव को काफी जल्द ठीक किया जा सकता है। इसके अलावा यह बेहद जरूरी है कि ऑपरेशन के बाद घाव की जगह को साफ रखा जाए।

कूल्हे की गांठ को बढ़ाने वाले कारण 
मोटापा, शरीर पर औसत से अधिक बालों का होना, फैमिली हिस्ट्री आदि। इसके अलावा लंबे समय तक ड्राइविंग करने या बैठे रहना जोखिम को बढ़ा सकता है। यह आमतौर पर पुरुषों में यौवन पर और 35 साल से कम उम्र में होता है।

कूल्हे की गांठ से बचने के लिए क्या करें
इससे बचने के लिए आप अपनी जीवनशैली बदल सकते हैं और अपना वजन कम कर सकते हैं। इस हिस्से की विशेष देखभाल करें और सुनिश्चित करें कि यहां स्वच्छता है या नहीं। इसके सलावा आपको अपने टेलबोन के पास बालों को शेव करना चाहिए ताकि पाइलोनाइडल सिस्ट को बनने से रोका जा सके। अगर आप सिटिंग जॉब करते हैं, तो आपको विशेष ध्यान रखना चाहिए।

Web Title: early signs and symptoms of Pilonidal Disease, causes and risk factors, medical treatment and prevention tips

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