क्या आपको भी सर्दियों में दूसरों से ज्यादा ठंड महसूस होती है? जानिए क्या है कारण
By शिवेंद्र राय | Published: October 19, 2022 03:30 PM2022-10-19T15:30:56+5:302022-10-19T15:41:01+5:30
कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बाकियों से बहुत ज्यादा ठंड लगती है। अगर तापमान ज्यादा नीचे गिर जाता है तो शरीर के कई अंग काम करना बंद कर देते हैं। मल्टी ऑर्गन फेल्योर होने की वजह से इंसान की मौत भी हो सकती है जिसे हाइपोथर्मिया कहते हैं।
नई दिल्ली: सर्दियों का मौसम शुरू हो रहा है। इस मौसम में ठंड तो सबको लगती है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं जिन्हें बाकियों से बहुत ज्यादा ठंड लगती है। कुछ लोग ऐसे होते हैं जो भीषण सर्दी में भी हल्के गर्म कपड़ों से काम चला लेते हैं वहीं कुछ लोगों को हल्की सर्दी में भी मोटे गर्म कपड़ों की जरूरत पड़ती है। इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे कि ज्यादा ठंड लगने के पीछे का वैज्ञानिक कारण क्या है? साथ ही यह भी बताएंगे कि बाकियों के मुकाबले ज्यादा ठंड लगना कोई बीमारी है या सामन्य बात।
ज्यादा ठंड लगने का कारण क्या है?
दूसरों के मुकाबले ज्यादा ठंड महसूस करना एक चिकित्सकीय स्थिति है जिसे 'कोल्ड इनटॉलरेंस' कहते हैं। साधारण शब्दों में इसे ठंड सहने की कम क्षमता भी कह सकते हैं। जिन लोगों में ठंड सहने की क्षमता होती है वो हल्की ठंड में ही कंपकंपाने लगते हैं। दरअसल जब भी शरीर का तापमान बढ़ता या घटता है तब सबसे पहले यह त्वचा पर महसूस होता है। त्वचा को हमारे शरीर का पहला सुरक्षा घेरा माना जाता है। सर्दियों में जब तापमान गिरता है तो सबसे पहले त्वचा के ठीक नीचे मौजूद थर्मो-रिसेप्टर नर्व्स दिमाग को तरंगों के रूप में संदेश भेजती हैं कि ठंड लग रही है।
त्वचा के दिमाग को संदेश भेजने के बाद दिमाग में मौजूद खास हिस्सा सक्रिय हो जाता है जिसे हाइपोथैलेमस कहते हैं। हाइपोथैलेमस शरीर के अंदर के तापमान और बाहर के तापमान में संतुलन बनाने का काम करता है। हाइपोथैलेमस शरीर के नर्वस सिस्टम संदेश देता है कि हमारा शरीर तापमान के गिरने को बर्दाश्त नहीं कर सकता। ऐसी स्थिति में दिमाग शरीर के अंदर के तापमान को गिरने से रोकता है साथ ही पूरे शरीर को चेतावनी देता है कि तापमान गिर रहा है जिसे आपको संतुलित करना है। दिमाग के संदेशों पर हमारा शरीर तुरंत प्रतिक्रिया देता है और सारे अंगों के साथ मांसपेशियां अपने काम करने की गति को धीमा कर देती हैं।
क्या ज्यादा ठंड लगना बीमारी है?
सामान्य मामलों में ज्यादा ठंड लगना कोई बीमारी नहीं है। लेकिन अगर आपको ज्यादा ठंड के साथ कुछ और भी दिक्कतें आ रही हैं तो चिकित्सक से जरूर संपर्क करना चाहिए। ज्यादा ठंड लगने के कुछ अन्य कारण भी हैं। जैसे कि शरीर में खून का प्रवाह ठीक से ना हो पाना भी हर समय ठंड महसूस होने की वजह होता है। यह स्थिति आमतौर पर उन लोगों में देखने को मिलती है जो डायटबीटीज से पीड़ित हैं या जिन्हें हृदय संबंधी बीमारियां हैं। जिन लोगों की त्वचा पतली है उन्हें भी ज्यादा ठंड लगती है। इसके अलावा शरीर में कीन की कमी होने पर भी बाकियों के मुकाबले ज्यादा ठंड महसूस होती है।
इसके अलावा जिन लोगों का वजन उनकी लंबाई और उम्र के हिसाब से नहीं होता है, उन लोगों को भी ठंड अधिक महसूस होती है। इसकी वजह यह है कि बहुत अधिक पतले लोगों में फैट यानी कि चर्बी की कमी होती है। सर्दियों में शरीर अपना तापमान बढ़ाने क लिए इसी चर्बी का इस्तेमाल करता है। यह चर्बी कम होने के कारण शरीर अपनी जरूरत के हिसाब से गर्मी नहीं बना पाता और आपको अधिक ठंड महसूस होती है।
आम तौर पर लोगों में ये धारणा भी होती है कि जो लोग ठंड के मौसम में पैदा होते हैं उनको कम ठंड लगती है और गर्मियों में पैदा होने वाले लोगों को ज्यादा ठंड लगती है। साफ कर दें कि इस धारणा का कोई वैज्ञानिक आधार नहीं हैं। ये जरूर है कि जो लोग ठंडे प्रदेशों में पैदा होते हैं और वहीं जीवन गुजारते हैं उनमें ठंड सहने की क्षमता गर्म प्रदेशों में रहने वाले लोगों से ज्यादा होती है।
हमारे शरीर की संरचना ऐसी है कि जब हम बार-बार ठंडे तापमान से जूझते हैं तब हमारा शरीर तुरंत उसके हिसाब से संतुलन बनाने लगता है। विशेषज्ञों के अनुसार यह लिंग, उम्र और जीन्स पर भी यह निर्भर करता है कि इंसान को कितनी सर्दी लगेगी।