दिवाली : पटाखों से जलने पर करें ये 7 घरेलू उपाय, बिल्कुल न करें 10 काम, वरना बढ़ जाएगी मुसीबत
By उस्मान | Published: November 6, 2018 11:14 AM2018-11-06T11:14:49+5:302018-11-06T11:14:49+5:30
अक्सर लोग पटाखे से जल जाने पर बरनॉल, नीली दवा, स्याही, पेट्रोल आदि वगैरह लगा लेते है जिससे उस वक़्त तो जलन ख़त्म हो जाती है लेकिन ये सब लगाने से जला हुआ हिस्सा रंगीन हो जाता है जिससे डॉक्टर को पता नहीं चल पता कि किस तरह का जला हुआ है।
दिवाली या दीपावली का त्यौहार देशभर में 7 अक्टूबर को मनाया जाएगा। दिवाली रोशनी का त्यौहार है। इस खुशी के उत्सव पर दीये जलाए जाते हैं और पटाखे फोड़े जाते हैं। आपको उत्साव और खुशी के साथ-साथ सावधानी भी बरतनी चाहिए। वरना ये रोशनी का फेस्टिवल आपके लिए अंधेरे का कारण बन सकता है। आपने देखा होगा कि इस दिन लोग एकसाथ इकठ्ठा होकर पटाखे जलाते हैं, खासकर बच्चे खूब मस्ती करते हैं। सावधानी नहीं बरतने से जलने का खतरा होता है। वैसे तो हर बार दिवाली के त्योहार पर पटाखे जलाते समय बहुत से लोगो के जल जाने की शिकायत आती है। साथ ही पटाखों से हुए प्रदूषण, आंखों में जलन, दम घुटने, हार्ट अटैक कान बंद होने जैसी दिक्कतों का भी लोगो को सामना करना पड़ता है। हम आपको कुछ टिप्स दे रहे हैं जिन्हें आपको किसी भी घटना से बचने के लिए जरूर फॉलो करने चाहिए।
पटाखों से जलने पर क्या करें
1) जलना भी दो तरह से होता है एक तो सुपरफिशल बर्न जिसमे जलने के बाद दर्द छाला हो जाता है, दूसरा होता है डीप बर्न जिसमे शरीर का जला हिस्सा सुन्न हो जाता है। अगर जले हुए हिस्से पर दर्द हो रहा है तो इसका मतलब हालत गंभीर नहीं है। ऐसे मे जले हुए हिस्से को पानी की धार के नीचे तब रखे जब तक जलन कम ना हो। इससे न सिर्फ दर्द कम होगा बल्कि छाले भी नहीं होंगे।
2) जले हुए हिस्से पर बरनॉल ना लगाए बल्कि उस पर ऑलिव ऑयल लगाएं। इसके बाद भी अगर लगातार दर्द हो रहा हो तो तुंरत डॉक्टर के पास जाएं।
3) अक्सर लोग पटाखे से जल जाने पर बरनॉल, नीली दवा, स्याही, पेट्रोल आदि वगैरह लगा लेते है जिससे उस वक़्त तो जलन ख़त्म हो जाती है लेकिन ये सब लगाने से जला हुआ हिस्सा रंगीन हो जाता है जिससे डॉक्टर को पता नहीं चल पता कि किस तरह का जला हुआ है।
4) घायल हिस्से पर ठंडा पानी डालें। यह बाल्टी या कटोरा या रसोई की सिंक का इस्तेमाल कर या सामान्य नल के नीचे जले हुए स्थान को रखकर किया जा सकता है ।
5) जले हुए हिस्से को कम से कम पन्द्रह मिनट तक ठंडे पानी में रखना चाहिए या तब तक जब तक कि दर्द होना बंद न हो जाए। यदि घायल हिस्से (उदाहरण के लिए चेहरा) को पानी के नीचे लाना कठिन हो, तो साफ चाय के कपड़े या मुलायम कपड़े को ठंडे पानी में भिंगोएं और घायल हिस्से पर इसे रखें, लेकिन इसे रगड़ें नहीं। दोबारा इसे दोहराएं (ठंडे पानी में फिर से भिगोकर), लेकिन जले को रगड़े नहीं। यह ऊतकों की गर्मी को बाहर करने में मददगार साबित होगा और ऐसा करने से आगे और नुकसान नहीं होगा और यह दर्द को कम करदेगा।
6) जब बड़ा हिस्सा प्रभावित हुआ हो और अस्पताल में इलाज की जरूरत हो, तो एक तौलिए में बर्फ लपेटकर यात्रा के दौरान जले हुए हिस्से पर उसे लगाया जा सकता है ।
7) डॉक्टर या एम्बुलेंस का इंतजार करते हुए पीड़ित को आश्वस्त करें और उसे राहत पहुँचाएं। बच्चे को पकड़ कर उसे गले लगाएं। यह सबसे महत्वपूर्ण है, लेकिन इस बात का ध्यान रखें कि उसे कोई नुकसान न पहुंचे।
जलने पर क्या नहीं करना चाहिए
1) त्वचा के जल जाने पर कई लोग जलन से बचने के लिए बर्फ का सहारा लेते हैं। यह बात सही है कि बर्फ की सिकाई से जलन खत्म हो जाएगी, लेकिन बर्फ उस स्थान पर खून को जमा सकती है, जिससे आपका रक्त संचार प्रभावित हो सकता है। इसलिए बर्फ का प्रयोग करने से बचें।
2) कभी भी जले हुए स्थान पर रूई का प्रयोग भूल कर भी न करें। यह त्वचा पर चिपक सकती है, जिससे आपको अधिक जलन होगी। इसके अलावा बैक्टीरिया पनपने की संभावना भी होगी।
3) जले हुए स्थान पर मक्खन या मलहम को तुरंत लगाने से बचें और फफोले पड़ने पर उन्हें फोड़ने की गलती बिल्कुल न करें। इससे संक्रमण फैल सकता है और तकलीफ बढ़ सकती है।
5) अत्यधिक जल जाने पर घर पर उपचार आजमाने के बजाए तुरंत पीड़ित को अस्पताल लेकर जाएं। जले हुए स्थान पर अगर कोई कपड़ा चिपका हुआ हो तो उसे उतारें नहीं, इससे त्वचा के निकलने के का खतरा होता है।
6) बटर, आटा या बेकिंग सोडा आग पर कभी नहीं डालना चाहिए,
7) क्रीम, लोशन या तेल को ट्रीटमेंट के तौर पर कभी इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए,
8) कभी भी कोई भी घाव को खोदना या छीलना नहीं चाहिए,
9) जब तक बहुत जरूरी न हो, तब तक किसी भी घाव को न छेड़ें और न ही उसे हैंडिल करने की कोशिश करें,
10) कभी भी शरीर पर जले कपड़ों को निकालने की कोशिश न करें।
दिवाली पर पटाखे जलाते समय इन बातों का रखें ध्यान
- हमेशा खुले मैदान या स्थान पर ही पटाखे जलाये।
- पटाखे जलने से पहले आसपास देख ले कि कोई आग फैलाने वाली या फौरन आग पकड़ने वाली चीज तो नहीं है।
- जितनी दूर तक पटाखों की चिनगारी जा सकती है, उतनी दूरी तक छोटे बच्चों को न आने दें।
- पटाखा जलाने के लिए स्पार्कलर, अगरबत्ती अथवा लकड़ी का इस्तेमाल करें ताकि पटाखे से आपके हाथ दूर रहें जलने का खतरा न हो।
- रॉकेट जैसे पटाखे जलाते वक्त यह तय कर लें कि उसकी नोक खिड़की, दरवाजे किसी खुली बिल्डिंग की तरफ न हो, यह दुर्घटना की वजह बन सकता है।
- पटाखे जलाते वक्त पैरों में जूते-चप्पल जरूर पहनें।
- हमेशा पटाखे जलाते वक्त अपना चेहरा दूर रखें।
- अकेले पटाखे जलाने के बजाय सबके साथ मिलकर एंजॉय करें ताकि आपात स्थिति में लोग आपकी मदद कर सकें।
- कम से कम एक बाल्टी पानी भरकर नजदीक रख लें।
- किसी भी बड़ी आग की शुरुआत एक चिनगारी से होती है, ऐसे में आग की आशंका वाली जगह पर पानी डालकर ही दूर जाएं।