सावधान! क्या आप 25-30 साल की उम्र में बूढ़े दिख रहे हैं? यह है इसका एक बड़ा कारण

By उस्मान | Published: March 17, 2019 03:34 PM2019-03-17T15:34:15+5:302019-03-17T15:34:15+5:30

नींद के कारण बुढ़ापे में दिखनेवाली बीमारियां भी होने के आसार होते हैं। विशेष तौर पर मधुमेह, रक्त चाप की बीमारियां उम्र के 40-50 वें वर्ष पाई जाती है।

disease associated with sleep deprivation: causes, symptoms, health risk of lack of sleep | सावधान! क्या आप 25-30 साल की उम्र में बूढ़े दिख रहे हैं? यह है इसका एक बड़ा कारण

फोटो- पिक्साबे

पर्याप्त नींद नहीं होने से बुढ़ापा जल्दी आता है। नींद के कारण बुढ़ापे में दिखनेवाली बीमारियां भी होने के आसार होते हैं। विशेष तौर पर मधुमेह, रक्त चाप की बीमारियां उम्र के 40-50 वें वर्ष पाई जाती है। इसको मानवी शरीर के 'डीएनए' की दोनों बाजुओं में स्थित 'टेलोमर' नामक घटक कारण होता है। जिनकी नींद अच्छी नहीं होती है, उनमें यह घटक कम होता चला जाता है। इससे जल्दी बुढ़ापा आता है।

सुपर स्पेशालिटी हॉस्पिटल के रेस्पीरेटरी व स्लिप मेडीसीन विभाग के प्रमुख डॉक्टर सुशांत मेश्रम पर्याप्त नींद और बुढ़ापा पर हुए शोध के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि चमगादड़ का वजन कुछ ग्राम होता है। लेकिन यह पक्षी उम्र के चालीस साल जीता है। इसके कारणों का शोध किया गया। इसमें पाया गया कि चमगादड़ के 'डीएनए' की दोनों बाजुओं में स्थित 'टेलोमर' उसकी बढ़ती उम्र के साथ कम नहीं होता है। उलटे वह घटक कम होने पर पुन: 'रिजनरेट' होता है। 

इससे चमगादड़ उसके वजन की तुलना में बहुत ज्यादा साल तक जीता है। इसके उलट मानवी शरीर होता है। बढ़ती उम्र के कारण 'टेलोमर' कम होता है। लेकिन निद्रानाश की बीमारी होने पर यह घटक कम होने की गति बढ़ जाती है। इसलिए अच्छी नींद स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी है।

बढ़ता है कैंसर का खतरा 
डॉक्टर के अनुसार, नींद के दो चरण होते हैं। पहल 'रेम स्लीप' और दूसरा 'नॉन रेम स्लीप'। पहले चरण में पलकों का हिलना, सपना दिखना आदि होता है। दूसरे चरण में पेशियां ज्यादा प्रोटीन बनाती है। इसका उपयोग कमजोर पेशियों की मरम्मत और संवर्धन होता है। विशेष तौर पर कैंसर की पेशी नष्ट की जाती है। दूसरे चरण की नींद बहुत महत्वपूर्ण होती है। असल में सही नींद यही होती है। इस नींद के नहीं होने पर कैंसर की बीमारी होने का खतरा होता है। रात पारी में उदाहरण के तौर पर कॉल सेंटर में काम करनेवाली महिलाओं में स्तन के कैंसर का खतरा दस फीसदी ज्यादा होता है।

बांझपन का खतरा
डॉक्टर के अनुसार, नींद के चार चक्र होते हैं। प्रत्येक चक्र लगभग 90 मिनट का होता है। चौथी स्थिति को मीठी नींद कहा जाता है। इससे शरीर की प्रतिकार शक्ति मजबूत होती है। शरीर को लगनेवाले विविध हार्मोन्स बनते हैं। विशेष तौर प्रजनन से जुड़े हार्मोन्स भी बनते हैं। मेश्रम ने कहा कि नींद के चक्र में बार-बार बदलाव होने पर इन हार्मोन के बनने की प्रक्रिया गड़बड़ाती है। इससे बांझपन का खतरा होता है।

अच्छी नींद के उपाय
रोज के सोने और नींद से जागने की समयसारिणी का पालन करें। दिन 45 मिनट से ज्यादा न सोये। सोने से चार घंटे पहले धूम्रपान अथवा मद्यपान न करें। नींद के लिए जाने से छह घंटे पहले चाय-कॉफी अथवा उत्तेजना वाले पेय न लें। सोने से चार घंटे पहले हलका भोजन करें। रोज व्यायाम करें, सोने से पहले व्यायाम न करें। सोने की जगह आरामदायी हो। आवाज अथवा प्रकाश के कारण नींद में खराब नहीं होने का ध्यान रखें।

Web Title: disease associated with sleep deprivation: causes, symptoms, health risk of lack of sleep

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