सिर्फ एक कैप्सूल से कंट्रोल होगी Diabetes, अब पेट पर नहीं लगवाने पड़ेंगे इंसुलिन इंजेक्शन
By उस्मान | Published: February 9, 2019 06:45 PM2019-02-09T18:45:57+5:302019-02-09T18:45:57+5:30
डायबिटीज से पीड़ित मरीजों को जीने के लिए नियमित रूप से इंसुलिन का इंजेक्शन लगवाना ही होता है। यही वजह है कि इस कैप्सूल के आ जाने से उन्हें राहत मिल सकती है।
टाइप- 2 डायबिटीज से पीड़ित उन लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है, जो इंसुलिन इंजेक्शन लेटे हैं। वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कैप्सूल बनाया है जिसे आप खा सकते हैं और आपको इंसुलिन इंजेक्शन की जरूरत नहीं पड़ेगी। यह कैप्सूल एक ब्लूबेरी के आकार में आएगा। जाहिर है इससे उन मरीजों को बहुत ज्यादा फायदा होगा जो पेट पर इंसुलिन के इंजेक्शन लगवाते हैं।
डायबिटीज एक गंभीर बीमारी है। दुर्भाग्यवश इसका कोई पुख्ता इलाज नहीं है। सिर्फ बेहतर डाइट और एक्सरसाइज के जरिये ही इसे कंट्रोल किया जा सकता है। डायबिटीज-1 से पीड़ित मरीजों को जीने के लिए नियमित रूप से इंसुलिन का इंजेक्शन लगवाना ही होता है। यही वजह है कि इस कैप्सूल के आ जाने से उन्हें राहत मिल सकती है।
मैसेचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी और हार्वर्ड के वैज्ञानिकों के अनुसार, इस कैप्सूल में कछुए के खोल के आकार की सोमा नामक सूक्ष्म डिवाइस रखी गई हैं जिसके अंदर इंसुलिन या अन्य दवाएं भरी जा सकती हैं। पेट में पहुंचने के बाद सोमा में मौजूद दवा शरीर में रिलीज हो जाएगी। इसके बाद यह सूक्ष्म डिवाइस मलाशय के रास्ते शरीर से बाहर आ जाएगी।
फिलहाल इस उपकरण का प्रयोग सूअरों व चूहों पर किया जा रहा है। तीन सालों में मनुष्यों पर भी इसका चिकित्सकीय परीक्षण शुरू हो जाएगा। अन्य यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने भी इस डिवाइस को बड़ी सफलता माना है।
भारत में डायबिटीज के मरीजों की संख्या
विश्व स्वास्थय संगठन के अनुसार भारत में 31,705,000 डायबिटीज के मरीज हैं और 2030 तक इनकी संख्या 100 फीसदी की दर से बढ़कर 79,441,000 तक पहुंच सकती है। अगर आप या आपके परिवार में कोई डायबिटीज का मरीज है, तो यह खबर आपको खुश कर सकती है।
डायबिटीज कंट्रोल करने के लिए एक्सरसाइज
इंग्लैंड के ग्लासगो विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने कहा है कि एक हफ्ते में सिर्फ 15 मिनट एक्सरसाइज करके डायबिटीज 2 को खत्म किया जा सकता है। यह अध्ययन एक्सपेरीमेंटल फिजियोलॉजी में प्रकाशित हुआ है। अध्ययन के अनुसार, छह हफ्तों तक हर हफ्ते सिर्फ 15 मिनट वर्कआउट करने से इंसुलिन संवेदनशीलता (insulin sensitivity) में सुधार होता है। इतना ही नहीं इससे पुरुषों का मसल्स साइज और स्ट्रेंथ भी बढ़ती है।