शरीर को स्वस्थ रखने के लिए विटामिन डी बहुत जरूरी है। आजकल ज्यादातर लोग विटामिन डी सप्लीमेंट्स के सहारे जी रहे हैं। विटामिन डी वसा में घुलनशील है। विटामिन डी का प्राकृतिक स्रोत सूरज की रोशनी है, जो प्राकृतिक रूप से विटामिन डी की कमी को पूरा कर सकता है। लेकिन खराब जीवनशैली के कारण लोगों को शरीर में विटामिन डी की गंभीर कमी का सामना करना पड़ रहा है।
विटामिन डी2 प्रकार के होते हैं, विटामिन डी2 और विटामिन डी3, ये दोनों मिलकर विटामिन डी बनाते हैं। ऐसे में अगर शरीर में विटामिन डी3 कम हो जाए तो शरीर में दिनभर थकान, कमजोरी और कंपकंपी महसूस होती है। कमजोर रोग प्रतिरोधक क्षमता के कारण आप जल्दी बीमार पड़ते हैं। आइए जानते हैं कि विटामिन डी3 शरीर के लिए क्यों जरूरी है और यह किन चीजों में पाया जाता है।
विटामिन डी3 की कमी के लक्षण
बार-बार बीमार पड़ना- जब शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है तो इसका असर इम्यूनिटी पर पड़ता है। इम्यून सिस्टम कमजोर होने पर आप बार-बार बीमार पड़ते हैं और सर्दी, खांसी या बुखार जैसी समस्याएं बढ़ जाती हैं।
लगातार थकान रहना- कभी-कभी बिना कोई काम किए भी शरीर दिनभर थका हुआ, कमजोर और थका हुआ महसूस करता है। इसका मुख्य कारण शरीर में विटामिन डी3 की कमी है। जब शरीर में विटामिन डी कम हो जाता है तो नींद आने लगती है या ऊर्जा की कमी हो जाती है।
कमर, मांसपेशियों या हड्डियों में दर्द- विटामिन डी2 और डी3 कम होने पर हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। हड्डियों को कैल्शियम नहीं मिल पाता जिसके कारण जोड़ों, पीठ या मांसपेशियों में दर्द महसूस होता है।
विटामिन डी3 की कमी क्यों होती है?
-जब आप बहुत कम समय के लिए धूप में निकलते हैं तो आपके शरीर में विटामिन डी की कमी होने लगती है।
-जिन लोगों का रंग सांवला या काली है, उनकी त्वचा में मौजूद मेलेनिन सूर्य की किरणों को शरीर में प्रवेश करने से रोकता है। इससे विटामिन डी कम हो जाता है।
-अगर किडनी के कार्य में कोई समस्या है तो शरीर में विटामिन डी3 की कमी हो सकती है। किडनी कैल्सीटेरोल नामक हार्मोन का उत्पादन करती है जो हड्डियों को रक्त से कैल्शियम लेने में मदद करता है। लेकिन अगर किडनी में कोई समस्या हो तो विटामिन डी ऐसा करने में असमर्थ होता है।
आहार में शामिल करने के लिए विटामिन डी2 और डी3 के समृद्ध स्रोत
सूरज की रोशनी के अलावा विटामिन डी3 और विटामिन डी2 के स्रोत अलग-अलग हैं। विटामिन डी3 पशु स्रोतों से प्राप्त होता है। इनमें मछली, मछली का तेल, अंडे की जर्दी, मक्खन और आहार अनुपूरक शामिल हैं। विटामिन डी2 पौधों पर आधारित खाद्य पदार्थ जैसे मशरूम और गरिष्ठ खाद्य पदार्थों से प्राप्त होता है।
(Disclaimer: इस लेख में दी गई जानकारियों की Lokmat Hindi News पुष्टि नहीं करता है। इन पर अमल करने से पहले या इसके बारे में अधिक जानकारी लेने के लिए डॉक्टर से जरूर संपर्क करें।)