क्या भारतीयों में गंदगी की वजह से तेजी से बढ़ रही है इम्यून पावर, कैसे जल्दी ठीक हो रहे हैं मरीज ?
By उस्मान | Published: October 29, 2020 03:29 PM2020-10-29T15:29:50+5:302020-10-29T15:29:50+5:30
अध्ययन में बताया गया है कि स्वच्छता मानकों का कम पालन करने वालों में अधिक 'प्रतिरक्षा' विकसित हो सकती है
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच सेंटर फॉर साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च (सीएसआईआर) द्वारा किए गए अध्ययन में पता चला है कि साफ-सफाई पर ध्यान नहीं देने की वजह से भारत जैसे देशों को अन्य देशों की तुलना में कोविड-19 से बेहतर ढंग से लड़ने में मदद मिल रही है।
इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के अनुसार, मेड्रैक्सिव में प्रकाशित यह अध्ययन बताता है कि जीवन में शुरुआती रोगजनकों के संपर्क में आने से लोगों को उनके जीवन में बाद में एलर्जी से होने वाली बीमारियों से बचने में मदद मिलती है।
अध्ययन में यह पता लगाने की कोशिश की गई है कि क्या महामारी का ऑटोइम्यून डिजीज के प्रसार और स्वच्छता मापदंडों के बीच कोई संबंध है, और कोविड-19 के कारण प्रति मिलियन मृत्यु में भिन्नता कितनी है।
अध्ययन में कहा गया है कि डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेश और हृदय संबंधी बीमारियों जैसे कई गैर-संचारी रोगों और कोविड के बीच एक दिलचस्प संबंध है। इसी तरह, अध्ययन में पाया गया कि 65 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को भी अधिक जोखिम में माना जाता है।
अध्ययन में कहा गया है कि जो लोग स्वच्छता मानकों का कम पालन करते हैं, उनमें अपेक्षाकृत स्वच्छ वातावरण में रहने वाले लोगों की तुलना में अधिक 'प्रतिरक्षा' विकसित हो सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया कि हाई जीडीपी देशों में बेहतर स्वच्छता की वजह से ऑटोइम्यून डिजीज के बढ़ने का जोखिम होता है। इतना ही नहीं यह भी बताया गया है कि बेहतर स्वच्छता प्रथाओं वाली जगहों में रहने वाले लोगों की प्रतिरक्षा कम हो सकती है और उन्हें ऑटोइम्यून डिजीज का ज्यादा खतरा हो सकता है।
इसके उलट लो जीडीपी वाले देशों में इस तरह की बीमारियों का जोखिम कम होने की वजह स्वच्छता पर ध्यान नहीं देना माना गया है।
देश में कोरोना के मामले 80 लाख पार
कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन राहत की बात यह है कि सक्रिय मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है। भारत में कोरोना के मरीज 80 लाख से पार हो गए हैं। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 49,881 नए मामले सामने आए। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 517 मरीजों की मौत हुई है। अबतक 80,40,203 मामले सामने आ चुके हैं, जिसमे से 6,03,687 सक्रिय मामले हैं और 73,15,989 लाख ठीक हो गए हैं, जिन्हें अस्पतालों से छुट्टी दे दी गई है। वहीं, 1,20,527 मरीजों की मौत हो चुकी है।
अब तक कुल 10,65,63,440 नमूनों की जांच
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के अनुसार देश में 28 अक्टूबर तक कुल 10,65,63,440 नमूनों की जांच की गई, इनमें से 10,75,760 नमूनों की जांच बुधवार को की गई। भारत उन कुछ देशों में है जहां रोजाना बड़ी संख्या में जांच की जा रही है। देश में प्रयोगशालाओं के बेहतर नेटवर्क और इस तरह की अन्य सुविधाओं से इसमें पर्याप्त सहायता मिली है।
With 49,881 new https://twitter.com/hashtag/COVID19?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw">#COVID19 infections, India's total cases surge to 80,40,203. With 517 new deaths, toll mounts to 1,20,527 .
— ANI (@ANI) https://twitter.com/ANI/status/1321661467695837184?ref_src=twsrc%5Etfw">October 29, 2020
Total active cases are 6,03,687 after a decrease of 7116 in last 24 hrs
Total cured cases are 73,15,989 with 56,480 new discharges in last 24 hrs. https://t.co/tjnby8bRuy">pic.twitter.com/tjnby8bRuy
पिछले एक सप्ताह से लगातार एक हजार से कम लोगों की मौत हो रही है। यह आंकड़ा दो अक्टूबर से 1,100 से कम है। दस राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों- महाराष्ट्र, कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, असम, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ में ठीक हुए मामलों में से 75 प्रतिशत मामले दर्ज किये गये है।