Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, ठीक हुए मरीजों में 5 महीने बनी रहती है एंटीबॉडी, दोबारा संक्रमित होने का खतरा भी कम

By उस्मान | Published: October 29, 2020 04:03 PM2020-10-29T16:03:01+5:302020-10-29T16:03:01+5:30

जानिये क्या एंटीबॉडी और इससे क्या फायदा है

Covid-19: study says, antibody response in mild-to-moderate Covid patients up to 5 months | Covid-19: वैज्ञानिकों का दावा, ठीक हुए मरीजों में 5 महीने बनी रहती है एंटीबॉडी, दोबारा संक्रमित होने का खतरा भी कम

कोरोना वायरस

Highlights90% मरीजों में महीनों तक रहती है एंटीबॉडीएंटीबॉडी मध्यम से उच्च स्तर पर मौजूददूसरी जांच के दौरान एंटीबॉडी के स्तर में हल्की कमी

एक नये अध्ययन में यह दावा किया गया है कि कोविड-19 के हल्के और मध्यम लक्षणों वाले ज्यादातर मरीजों के इस रोग से उबरने के साथ उनके शरीर में मजबूत एंटीबॉडी के रूप में एक रक्षा कवच बन जाता है, जो कम से कम पांच महीने तक कायम रहता है। शरीर की इस प्रतिरोधक प्रतिक्रिया से कोरोना वायरस से दोबारा संक्रमित होने का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है। 

जर्नल ऑफ साइंस में प्रकाशित एक अनुसंधान पत्र के मुताबिक एंटीबॉडी की प्रतिक्रिया का सबंध शरीर द्वारा सार्स-सीओवी-2 वायरस को निष्प्रभावी करने से है, जिससे संक्रमण होता है। 

90% मरीजों में महीनों तक रहती है एंटीबॉडी
अमेरिका स्थित माउंट सिनाई हॉस्पिटल में कार्यरत और अनुसंधान पत्र के वरिष्ठ लेखक फ्लोरियन क्रेम्मर ने कहा, 'हालांकि, कुछ खबरें आई थी कि वायरस से संक्रमण की प्रतिक्रिया में विकसित एंटीबॉडी जल्द समाप्त हो जाती है, लेकिन हमने अपने अध्ययन में इसके ठीक उलट पाया। 

Doctors warn antibody tests aren

हमने पाया कि हल्के या मध्यम दर्जे के लक्षण वाले 90 प्रतिशत कोविड-19 मरीजों में बनी एंटीबॉडी महीनों तक वायरस को निष्प्रभावी रखने में मजबूती से काम करती है।' 

इस निष्कर्ष पर पहुंचने के लिए वैज्ञानिकों ने संक्रमण से ठीक हुए लोगों की इंजाइम लिंक्ड इम्युनोसोब्रेंट एस्से (एलिसा) नामक एंटीबॉडी जांच की, ताकि पता लगाया जा सके कि कोशिका पर वायरस का आक्रमण होने पर बनने वाले इस प्रोटीन का स्तर क्या है। 

एंटीबॉडी मध्यम से उच्च स्तर पर मौजूद
अनुसंधानकर्ताओं ने 30,082 नमूनों की जांच करने के बाद पाया कि अधिकतर लोगों में एंटीबॉडी मध्यम से उच्च स्तर पर मौजूद है, जो वायरस को निष्प्रभावी कर सकते हैं। 

दूसरी जांच के दौरान एंटीबॉडी के स्तर में हल्की कमी
वैज्ञानिकों ने यह भी पाया कि पहली जांच के मुकाबले दूसरी जांच के दौरान एंटीबॉडी के स्तर में हल्की सी कमी आई और तीसरी तथा आखिरी जांच में इसमें और कमी आई। अनुसंधानकर्ताओं ने कहा कि यह संकेत करता है कि एंटीबॉडी कम से कम पांच महीने तक बनी रहती है।  

शरीर में 60-80 दिन तक रहती है एंटीबॉडी
कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति के ठीक होने के 60-80 दिन बाद तक उसके शरीर में एंटीबाडी विद्यमान रहते हैं। सीरो सर्वेक्षण, मैक्स अस्पताल, सीएसआईआर और आईजीआईबी द्वारा संयुक्त रूप से कराये गए अध्ययन में यह बात सामने आई। सर्वेक्षण में पाया गया कि ठीक हो चुके व्यक्ति के शरीर में एंटीबाडी कम से कम 60 दिन तक रह सकते हैं।

एंटीबॉडी क्या है? 
अनुसंधानकर्ताओं ने बताया कि जब वायरस कोशिकाओं को पहली बार संक्रमित करता है तब प्रतिरक्षा तंत्र, वायरस से लड़ने के लिए कुछ देर जीवित रहने वाली प्लाज्मा कोशिकाओं को तैनात करता है जो एंटीबॉडी उत्पन्न करती हैं। उन्होंने कहा कि संक्रमण होने के 14 दिन बाद तक रक्त की जांच में यह एंटीबॉडी सामने आती हैं।

कोरोना से अब तक 1,180,379 लोगों की मौत
पूरी दुनिया में कोरोना का खतरा कम होने का नाम नहीं ले रहा है. चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से अब तक 44,848,431 लोग संक्रमित हो गए हैं जिनमें से 1,180,379 लोगों की मौत हो गई है। इस वायरस से सबसे ज्यादा अमेरिका प्रभावित हुआ है। यहां कोरोना से 233,137 लोगों की मौत हुई है और 9,121,800 लोग संक्रमित हुए हैं। भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है। 

देश में कोरोना के मामले 80 लाख पार
कोरोना का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, लेकिन राहत की बात यह है कि सक्रिय मरीजों की संख्या तेजी से कम हो रही है। भारत में कोरोना के मरीज 80 लाख से पार हो गए हैं। देश में पिछले 24 घंटों के दौरान कोरोना के 49,881 नए मामले सामने आए। यह जानकारी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से दी गई है। अबतक 80,40,203 मामले सामने आ चुके हैं।

Web Title: Covid-19: study says, antibody response in mild-to-moderate Covid patients up to 5 months

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