Coronavirus: वैज्ञानिकों ने बनाया स्पेशल डिवाइस, खून और प्लाज्मा उत्पादों में कोरोना वायरस की मात्रा करेगा कम
By भाषा | Published: June 1, 2020 03:52 PM2020-06-01T15:52:19+5:302020-06-01T15:52:19+5:30
इससे खून चढ़ाने के दौरान वायरस के प्रसार की आशंका को घटाने में मदद मिल सकती है।
अनुसंधानकर्ताओं ने एक अध्ययन के जरिए यह दिखाया है कि कोरोना वायरस को विटामिन रिबोफ्लेविन और पराबैंगनी किरणों के संपर्क में लाया जाए तो ये मानव प्लाज्मा और रक्त उत्पादों (इंसान के खून से बनने वाले उपचारात्मक पदार्थ जैसे रेड ब्लड सेल, प्लेटलेट्स, प्लाज्मा इत्यादि) में वायरस की मात्रा को कम करते है।
यह ऐसी उपलब्धि है जो खून चढ़ाए जाने के दौरान वायरस के प्रसार की आशंका को घटाने में मददगार साबित हो सकती है। अमेरिका की कोलोराडो स्टेट यूनिवर्सिटी (सीएसयू) के वैज्ञानिकों ने कहा कि यह अब भी पता नही चल सका है कि कोविड-19 वैश्विक महामारी के लिए जिम्मेदार कोरोना वायरस या सार्स-सीओवी-2 खून चढ़ाए जाने से फैलता है या नहीं।
अध्ययन में वैज्ञानिकों ने प्लाज्मा के नौ और तीन रक्त उत्पादों के उपचार के लिए मिरासोल पैथोजन रिडक्शन टेक्नोलॉजी सिस्टम नामक उपकरण विकसित किया।
अध्ययन की सह-लेखिका इजाबेला रगान ने कहा, “हमने वायरस की बड़ी मात्रा को घटाया और इलाज के बाद हमें वायरस नहीं मिला।” सीएसयू से अध्ययन के वरिष्ठ लेखक रे गुडरिच द्वारा आविष्कृत यह उपकरण रक्त उत्पाद या प्लाज्मा को पराबैंगनी किरणों के संपर्क में लाकर काम करता है।
अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि यह उपकरण 1980 के दशक में जब एचआईवी खून और रक्त उत्पादों के जरिए फैल गया था से बचने में संभवत: मददगार बना जबकि वैज्ञानिक वायरस के प्रसार का पता लगाने की कोशिश ही कर रहे थे।
हालांकि, गुडरिच ने कहा कि फिलहाल मिरासोल का इस्तेमाल केवल अमेरिका से बाहर खासकर यूरोप, पश्चिम एशिया और अफ्रीका में स्वीकृत है। यह अध्ययन ‘पीएलओएस वन’ पत्रिका में प्रकाशित हुआ है।
कोविड-19 से मरने वालों की संख्या 5,934 हुई
कोविड-19 के 8,392 नए मामले सामने आने के बाद देश में संक्रमण के मामले बढ़कर 1,90,535 हो गए हैं। वहीं 230 और लोगों की जान जाने के बाद वायरस से मरने वालों की संख्या 5,934 हो गई। कोरोना वायरस पर नजर रख रहे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के अनुसार अमेरिका, ब्राजील, रूस, ब्रिटन, स्पेन और इटली के बाद कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित देशों की सूची में भारत सातवें नंबर पर है।
केन्द्रीय गृह मंत्रालय के अनुसार देश में अभी 93,322 लोगों का इलाज जारी है जबकि 91,818 ठीक हो चुके हैं और एक मरीज देश छोड़कर जा चुका है। स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘‘ अभी तक 48.19 प्रतिशत मरीज ठीक हो चुके हैं।’’ कुल पुष्ट मामलों में विदेशी नागरिक भी शामिल है।
मंत्रालय के अनुसार जिन 230 लोगों की जान गई है, उनमें महाराष्ट्र के 89 , दिल्ली के 57 , गुजरात के 31, तमिलनाडु के 13, उत्तर प्रदेश के 12, पश्चिम बंगाल के आठ, मध्य प्रदेश के सात, तेलंगाना के पांच, कर्नाटक के तीन, आंध्र प्रदेश के दो, बिहार, पंजाब और राजस्थान का एक-एक व्यक्ति है। इस वैश्विक महामारी से देश में कुल 5,394 लोगों की जान जा चुकी है।
इनमें से सबसे अधिक 2,286 महाराष्ट्र में, फिर 1,038 गुजरात में, 473 दिल्ली में, 350 मध्य प्रदेश में, 317 पश्चिम बंगाल में, 213 उत्तर प्रदेश में, 194 राजस्थान में, 173 तमिलनाडु में, 82 तेलंगाना में और आंध्र प्रदेश में 62 लोगों की जान गई है। कर्नाटक में मृतक संख्या 51 और पंजाब में 45 हो गई है। वहीं जम्मू-कश्मीर में 28, बिहार में 21, हरियाणा में 20, केरल में नौ और ओडिशा में सात लोगों की इससे जान गई है।
आंकड़ों के अनुसार हिमाचल प्रदेश, झारखंड और उत्तराखंड में कोविड-19 से पांच-पांच लोगों की जान गई है जबकि चंडीगढ़ और असम में चार-चार लोगों की जान अब तक कोरोना वायरस से गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय की वेबसाइट के अनुसार जान गंवाने वाले लोगों में से 70 प्रतिशत को पहले से ही कोई बीमारी थी।