ओमीक्रोन से ज्यादा अब 'डेल्मीक्रोन' बना बड़ा खतरा, यूरोप और अमेरिका में असर, जानिए इस वेरिएंट के बारे में
By विनीत कुमार | Published: December 23, 2021 04:40 PM2021-12-23T16:40:24+5:302021-12-23T16:50:16+5:30
कोरोना वायरस के ओमीक्रोन वेरिएंट के बीच डेल्मीक्रोन नया खतरा बनता जा रहा है। अमेरिका और यूरोप में इसका असर सबसे अधिक देखा जा रहा है।
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के नए वेरिएंट ओमीक्रोन को लेकर दुनिया भर में चिंता है। इसने कोरोना महामारी से दुनिया के जल्द बाहर निकलने की उम्मीदों को गहरा धक्का पहुंचाया है। वहीं, इस बीच अमेरिका और यूरोप में कोरोना के तेजी से बढ़े मामलों के पीछे डेल्मीक्रोन को जिम्मेदार बताया जा रहा है।
जानकारों के अनुसार डेल्मीक्रोन दरअसल डेल्टा और ओमीक्रोन का मिश्रण है और इसमें और तेजी से संक्रमण फैलाने की क्षमता है। कोविड -19 पर महाराष्ट्र के टास्क फोर्स के सदस्य डॉ शशांक जोशी के अनुसार, 'यूरोप और अमेरिका में डेल्टा और ओमीक्रोन के जुड़वां स्पाइक्स डेल्मीक्रोन, के कारण मामलों में ऐसी तेजी है जो महामारी के छोटे सूनामी की तरह है।'
उन्होंने आगे कहा कि यह देखा जाना बाकी है कि भारत में ओमीक्रोन कैसे प्रतिक्रिया करेगा। ये अहम इसलिए है क्योंकि देश में डेल्टा वेरिएंट बेहद घातक साबित हुआ था। जोशी ने कहा कि भारत में डेल्टा सबसे आम है पर दुनिया के अन्य क्षेत्रों में ओमीक्रोन तेजी से डेल्टा की जगह ले रहा है।
ओमीक्रोन से डेल्मीक्रोन कितना अलग है?
ओमीक्रोन SARS-CoV-2 का अत्यधिक परिवर्तित B.1.1.1.529 स्वरूप है, जिसे पहली बार दक्षिण अफ्रीका में खोजा गया था। यह तेजी से फैलता है और वर्तमान में डेल्टा की तुलना में हल्के लक्षण दिखा रहा है। मृत्यु दर डेल्टा संस्करण से कम है, जबकि डेल्मीक्रोन डेल्टा और ओमाइक्रोन के संयोजन का नतीजा है जो मूल रूप से वेरिएंट्स की जुड़वां स्पाइक है।
वैक्सीन से कितना होगा फायदा?
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख ने बुधवार को चेतावनी दी थी कि समृद्ध देशों में अतिरिक्त कोविड वैक्सीन खुराक को रोल आउट करने की हड़बड़ी महामारी को लंबे समय तक खींच सकती है। इससे वैक्सीन की तमाम लोगों तक पहुंच में भी असमानता पैदा हो रही है।
डब्ल्यूएचओ के महानिदेशक टेड्रोस एदनोम गेब्रेयेसिस ने जोर देकर कहा कि पहले से ही टीका ले चुके लोगों के लिए अतिरिक्त खुराक की बजाय दुनिया के हर कोने में टीका पहुंचाने पर जोर होना चाहिए। विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार ओमीक्रोन के मामले अब तक 106 देशों में सामने आ चुके हैं।