कोरोना के ठीक हुए मरीजों में 'अंधेपन' का कारण बन रहा black fungus, जानें किन लोगों को है ज्यादा खतरा, 10 लक्षण

By उस्मान | Published: May 10, 2021 09:37 AM2021-05-10T09:37:26+5:302021-05-10T09:39:12+5:30

कोरोना से ठीक हुए मरीजों को अंधा बना सकता है यह फंगल इन्फेक्शन

COVID-19 effects: Black fungus claims eyesight of some COVID-19 survivors, know sign and symptoms of Mucormycosis in Hindi | कोरोना के ठीक हुए मरीजों में 'अंधेपन' का कारण बन रहा black fungus, जानें किन लोगों को है ज्यादा खतरा, 10 लक्षण

ब्लैक फंगस के लक्षण

Highlightsकोरोना से ठीक हुए मरीजों में बढ़ रहा है यह रोगअंधेपन का कारण बन सकता है फंगल इन्फेक्शनब्लैक फंगस के नाम से भी जाना जाता है इसे

कोरोना से ठीक हुए मरीजों में अचानक एक खतरनाक फंगल इन्फेक्शन म्यूकोरमाइकोसिस (Mucormycosis) का खतरा बढ़ने लगा है। बताया जा रहा है कि यह खतरनाक फंगल इन्फेक्शन कोरोना से ठीक मरीजों में अंधेपन का कारण बन रहा है। 

लाइव मिंट की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात में म्यूकोरमाइकोसिस की वजह से मरीजों के अंधा होने के कई मामले सामने आए हैं। सूरत स्थित किरण सुपर मल्टी स्पेशियलिटी अस्पताल के चेयरमैन माथुर सवानी ने कहा कि एक मरीज में म्यूकोरमाइकोसिस का पता चला था, जो करीब तीन हफ्ते पहले कोरोना बीमारी से उबर चुका था।

सावनी ने कहा कि यह संख्या अब लगभग 50 हो गई है जबकि 60 से अधिक ऐसे मरीज इलाज का इंतजार कर रहे हैं। सावनी के मुताबिक, अब तक सात ऐसे मरीजों की आंखों की रोशनी चली गई है।

एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि अहमदाबाद में भी रोजाना कम से कम पांच मरीजों का ऑपरेशन किया जाता है। डॉक्टर देवांग गुप्ता ने कहा कि अहमदाबाद में सिविल अस्पताल में 5 से 10 ऐसे मामले मिल रहे हैं, खासतौर दूसरी लहर शुरू होने के बाद। उन्होंने कहा कि इस तरह के पांच मामलों में से कम से कम एक आंख से संबंधित है। उनमें से कई मरीज अंधेपन से पीड़ित हैं।

इस रोग को लेकर नीती अयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल भी चेतावनी दे चुके हैं और अब आईसीएमआर ने भी दिशा-निर्देश जारी किये हैं। बताया जा रहा है कि यह म्यूकॉर नामक कवक के कारण होता है, जो गीली सतहों पर पाया जाता है। यह काफी हद तक उन लोगों के लिए घातक होता है, जो डायबिटीज से पीड़ित हैं। 

म्यूकोरमाइकोसिस या ब्लैक फंगस क्या है?

इस बीमारी को पहले जाइगोमाइकोसिस (Zygomycosis) कहा जाता था। यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन होता है। आमतौर पर यह इंफेक्शन नाक से शुरू होता है। जो धीमे-धीमे आंखों तक फैल जाता है। इसका इंफेक्शन फैलते ही इलाज जरूरी है। अगर आपको नाक में सूजन या ज्यादा दर्द हो, आंखों से धुंधला दिखने लगे तो तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए। 

यह संक्रमण आमतौर पर साइनस, मस्तिष्क या फेफड़ों को प्रभावित करता है और इसलिए सीओवीआईडी -19 से पीड़ित या ठीक होने वाले लोगों में काफी आम हो सकता है।

म्यूकोरमाइकोसिस से जुड़े लक्षण क्या हैं?

म्यूकोरमाइकोसिस आमतौर पर नाक, आंख, मस्तिष्क और साइनस जैसे हिस्सों को प्रभावित कर सकता है। इसके लावा इसके लक्षणों में चेहरे में सूजन, दर्द और सुन्नता, नाक से असामान्य (खूनी या काला-भूरा) डिस्चार्ज होना, सूजी हुई आंखें, नाक या साइनस में जमाव, नाक या मुंह के ऊपरी हिस्से पर काले घाव होना शामिल हैं। इसके अलावा इसके मरीजों को बुखार, खांसी, सीने में दर्द और सांस की तकलीफ जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं। 

किसे है इसका ज्यादा खतरा

यह फंगल संक्रमण आमतौर पर उन रोगियों में देखा जाता है जो कोरोना से ठीक हो गए हैं लेकिन डायबिटीज, किडनी या हार्ट फेलियर या कैंसर जैसी समस्या का सामना कर रहे हैं। इसके अलावा कमजोर इम्यूनिटी सिस्टम वाले कोरोना के रोगियों को इस घातक संक्रमण का अधिक खतरा है।

म्यूकोरमाइकोसिस का इलाज

इसके मरीजों को डॉक्टरों से मदद लेनी चाहिए। एंटिफंगल दवाओं से इसका इलाज हो सकता है। कोई भी दवा डॉक्टरों या किसी विशेषज्ञ की सलाह पर लें। गंभीर मामलों में डेड टिश्यू को हटाने के लिए सर्जरी आवश्यक हो सकती है।

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