CDC की इंटरनल रिपोर्ट में दावा, ज्यादा घातक और चेचक की तरह तेजी से फैल सकता डेल्टा वैरिएंट, जानें 6 लक्षण
By उस्मान | Published: July 31, 2021 08:50 AM2021-07-31T08:50:42+5:302021-07-31T08:54:02+5:30
सीडीसी की रिपोर्ट में बताया गया है कि यह अधिक घातक है और टीका लगवा चुके लोग भी फैला सकते हैं
कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट (Covid-19 Delta variant) कोरोना के अन्य सभी वैरिएंट के मुकाबले अधिक गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है और चेचक की तरह आसानी से फैल सकता है। सबसे बड़े खतरे की बात यह है कि यह टीका लगवा चुके लोग भी इसे आसानी से फैला सकते हैं।
अमेरिकी मीडिया हाउस वाशिंगटन पोस्ट ने रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र (सीडीसी) की कोरोना पर एक इंटरनल रिपोर्ट के हवाले से लिखा है कि टीके की सभी खुराकें ले चुके लोग भी बिना टीकाकरण वाले लोगों जितना ही डेल्टा स्वरूप को फैला सकते हैं।
डेल्टा वैरिएंट क्या है ?
डेल्टा वैरिएंट की सबसे पहले भारत में पहचान की गयी थी। कोरोना का यह घातक रूप अधिकतर देशों में फैल चुका है और अमेरिका में इसका सबसे अधिक असर देखा जा रहा है। भारत में भी इसे तीसरी लहर का कारण माना जा रहा है।
यह कितना घातक है, इसे लेकर शुरू से विवाद बना हुआ है। कुछ हेल्थ एजेंसी इसे ज्यादा घातक नहीं मान रही लेकिन इस रिपोर्ट के सामने आने से एक बार फिर खतरा बढ़ता दिख रहा है।
टीका लगवा चुके लोग भी फैला सकते हैं डेल्टा वैरिएंट
सीडीसी की निदेशक डॉ. रोशेल पी वालेंस्की ने माना कि टीका ले चुके लोगों की नाक और गले में वायरस की मौजूदगी उसी तरह रहती है जैसे कि टीका नहीं लेने वालों में। आंतरिक दस्तावेज में वायरस के इस स्वरूप के कुछ और गंभीर लक्षणों की ओर इशारा किया गया है।
रिपोर्ट के अनुसार, डेल्टा स्वरूप, ऐसे वायरस की तुलना में अधिक फैलता है जो मर्स, सार्स, इबोला, सामान्य सर्दी, मौसमी फ्लू और बड़ी माता का कारण बनता है, और यह चेचक की तरह ही संक्रामक है। रिपोर्ट के मुताबिक बी.1.617.2 यानी डेल्टा स्वरूप और गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है।
रिपोर्ट के निष्कर्ष ने डेल्टा स्वरूप को लेकर सीडीसी के वैज्ञानिकों की चिंताएं बढ़ा दी हैं। बताया जा रहा है कि सीडीसी डेल्टा स्वरूप को लेकर आंकड़ों से बहुत चिंतित है। यह स्वरूप गंभीर खतरे का कारण बन सकता है, जिसके लिए अभी कदम उठाने की आवश्यकता है।
कोरोना वायरस डेल्टा वैरिएंट के लक्षण
सीडीसी के अनुसार, डेल्टा संस्करण अमेरिका में कई राज्यों में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. ओक्लाहोमा स्टेट मेडिकल एसोसिएशन के एक पूर्व अध्यक्ष डॉ जॉर्ज मोंक्स ने चेतावनी दी है कि डेल्टा संस्करण 'खांसी, सांस की तकलीफ, बुखार, शरीर में दर्द, बहती नाक जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है।
उन्होंने बताया है कि डेल्टा के मामले में स्वाद और गंध का नुकसान होना जैसे लक्षण नहीं महसूस होते हैं. इसका मतलब है कि अगर आपको इन लक्षणों के अलावा अन्य लक्षण महसूस हो रहे हैं, तो आपको तुरंत जांच करानी चाहिए।
विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि भारत में कहर बरपाने वाले डेल्टा वेरिएंट में किसी को बीमार करने में तुलनात्मक रूप से बहुत कम समय लगता है और लक्षण अपेक्षाकृत कम समय में ही गंभीर हो जाते हैं।
ओक्लाहोमा स्टेट मेडिकल एसोसिएशन के वर्तमान अध्यक्ष डॉ मैरी क्लार्क ने अमेरिकी प्रसारकों को बताया कि जिन लोगों को पूरी तरह से टीका लगवा लिया है, उन्हें भी मास्क पहनने की आवश्यकता है।
टीका लगवाने वालों में कोरोना के लक्षण
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, यूनाइटेड किंगडम में चल रहे एक अध्ययन में यह बात सामने आई है कि दोनों टीके लगवाने लोग भी कोरोना का शिकार हो सकते हैं और उनमें भी कोरोना के लक्षण नजर आ सकते हैं। लेकिन डेटा इस बात की पुष्टि करता है कि इन लोगों में आमतौर पर हल्के लक्षण होते हैं।
* सिरदर्द
* बहती नाक
* छींक आना
* गले में खराश
* गंध की भावना का नुकसान
टीका नहीं लगवाने वालों में कोरोना के लक्षण
कोरोना का टीका नहीं लगवाने वालों में सिरदर्द, गले में खराश, बहती नाक, बुखार, लगातार खांसी और सूंघने की कमी आदि लक्षण नजर आ सकते हैं। इनमें से सूंघने की क्षमता कम होना कोरोना के लक्षणों की सूची में नौवें स्थान पर आ गया और सांस की तकलीफ 30वें स्थान पर आ गया है।