रिपोर्ट: 'द लैंसेट' ने माना कोवैक्सीन का लोहा, कोविड-19 के खिलाफ 77.8 फीसदी असरकारक

By रुस्तम राणा | Published: November 12, 2021 09:09 AM2021-11-12T09:09:26+5:302021-11-12T10:29:29+5:30

अध्ययन के मुताबिक, फाइनल चरण के ट्रायल में कोवैक्सीन कोरोना के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी पाई गई है। वहीं, दुनिया भर में खतरनाक डेल्‍टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2% असरदार पाया गया है। 

Covaxin is 77.8% effective against symptomatic Covid | रिपोर्ट: 'द लैंसेट' ने माना कोवैक्सीन का लोहा, कोविड-19 के खिलाफ 77.8 फीसदी असरकारक

रिपोर्ट: 'द लैंसेट' ने माना कोवैक्सीन का लोहा, कोविड-19 के खिलाफ 77.8 फीसदी असरकारक

Highlightsदुनिया भर में  खतरनाक डेल्‍टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2% असरदारवैक्सीन को 25 हजार से अधिक लोगों पर किया गया था ट्रायल

मशहूर मेडिकल जर्नल 'द लैंसेट' ने कोविड-19 की स्वदेशी वैक्सीन 'कोवैक्सीन' का लोहा माना है। जर्नल ने अपने तीसरे चरण के ट्रायल पर यह पाया है कि कोवैक्सीन की दो डोज कोविड-19 के खिलाफ 77.8 फीसदी असरकारक है। इस वैक्सीन को हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने बनाया है। 

अध्ययन के मुताबिक, फाइनल चरण के ट्रायल में कोवैक्सीन कोरोना के खिलाफ 77.8 फीसदी प्रभावी पाई गई है। वहीं, दुनिया भर में खतरनाक डेल्‍टा वेरिएंट के खिलाफ यह टीका 65.2% असरदार पाया गया है। इसके अलावा कोरोना के गंभीर संक्रमण पर कोवैक्सीन 93.4 प्रतिशत प्रभावी पाई गई है। 

लैंसेट में छपे कोवैक्सीन के पियर रिव्यु डेटा के मुताबिक 18 से 59 साल के लोगों पर वैक्सीन 79.4 प्रतिशत प्रभावी है, जबकि 60 साल से ऊपर के लोगों पर कोवैक्सीन 67.8 प्रतिशत प्रभावी है।

इस रिसर्च को भारत बायोटेक इंटरनेशनल लिमिटेड और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) द्वारा वित्त पोषित किया गया था। परीक्षण 16 नवंबर, 2020 और 17 मई, 2021 के बीच हुआ है। इसमें 25,798 वयस्क प्रतिभागी शामिल थे।

'द लैंसेट' की इस रिपोर्ट से पहले विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कोवैक्सीन को इमजेंसी यूज के लिए स्वीकृति प्रदान की है। वर्तमान में कोवैक्सीन का टीका 18 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को लगाया जाता है। इसका पहला और दूसरा डोज 28 दिनों के अंतराल में दिया जाता है। 

वहीं अमेरिकी स्वास्थ्य संस्था नेशनल इंस्टिट्यूट्स ऑफ हेल्थ (NIH) ने भी माना था कि कोवैक्सीन डेल्टा ही नहीं अन्य दूसरे वैरिएंट के खिलाफ भी असरकारक है। इसकी स्टडी में पाया गया कि वैक्सीन से बनी एंटीबॉडीज सार्स-कोव-2 के अल्फा और डेल्टा वेरिएंट को पूरी तरह निष्क्रिय कर देती है।

बता दें की भारत में अभी कोरोना के खिलाफ तीन वैक्सीनों का इस्तेमाल हो रहा है। वहीं भारत बायोटेक की कोवैक्सीन इनमें से एक है, यह स्वदेशी वैक्सीन है। दूसरी वैक्सीन कोविशील्ड भी स्वदेशी वैक्सीन है और इसके अलावा रूस की स्पुतनिक-वी वैक्सीन भी लगाई जा रही है।

Web Title: Covaxin is 77.8% effective against symptomatic Covid

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