क्या दूसरी बार भी हो सकता है कोरोना? जानें दूसरी बार कोरोना होने का किसे है सबसे ज्यादा खतरा

By प्रिया कुमारी | Published: July 4, 2020 02:29 PM2020-07-04T14:29:57+5:302020-07-04T14:29:57+5:30

कोरोना के बढ़ते प्रकोप के बीच लोग रिकवर भी हो रहे हैं, ऐसे में ये सवाल में भी मन में आते हैं कि क्या एक बार कोरोना ठीक होने के बाद दोबारा हो सकता है?

Could there be second time corona Know the second risk of high Blood pressure diabetes having corona | क्या दूसरी बार भी हो सकता है कोरोना? जानें दूसरी बार कोरोना होने का किसे है सबसे ज्यादा खतरा

क्या एक बार कोरोना होने के बाद दोबारा कोरोना हो सकता है?

Highlightsक्या एक बार कोरोना होने के बाद दोबारा कोरोना हो सकता है?किसे सबसे ज्यादा दोबारा कोरोना होने का खतरा होता है,जानें।

कोरोना के बढ़ते प्रकोप ने लोगों के जीवन को बहुत ही बुरे तरीके से प्रभावित किया है। दिन पर दिन कोरोना के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि कोरोना से रिकवरी भी हो रही है, लोग ठीक भी हो रहे हैं। लेकिन इस बात को लेकर एक सवाल लोगों के जहन में जरूर आते होंगे कि एक बार कोरोना होने के बाद दोबारा होने के कितने चांस होतें हैं। क्या एक बार ठीक होने के बाद दोबारा कोरोना नहीं होगा? ऐसे कई सवाल मन में उठते रहते हैं इस सवाल का जवाब देने के लिए कई अध्ययन किए गए जिसके बाद पता चला है कि सबसे पहले इस वायरस की खतरा किसे है? पहले इस बात का जानना जरूरी है। 

इस वायरस का सबसे ज्यादा खतरा उन लोगों को है जिन्हें हार्ट और हाई बीपी की बीमारी है। जिनका शरीर कमजोर है, बच्चे बुजुर्गों को ज्यादा खतरा है। इसलिए उन्हें ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। ऐसे कई केस हैं जहां कई बुजुर्ग, बच्चे ठीक हो चुके है। ठीक हो चुके शख्स को फिर से कोरोना होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में और भी ज्यादा सावधान रखने की जरूरत है, खास कर जिन्हें हाई बीपी और ब्लड प्रेशर है।   

किए गए अध्ययन में एक अस्पताल में 938 मरीजों के डाटा को शामिल किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार ऐसे मरीजों के फेफड़ों से कोरोना संक्रमण पूरी तरह ठीक नहीं होता है। टेस्ट में रिपोर्ट नेगेटिव आने पर इन्हें स्वस्थ्य मान लिया जाता है पर कुछ दिन बाद कोरोना वायरस फिर से इन मरीजों पर हमला करता है। आम मरीजों की तुलना में हार्ट और हाई बीपी के मरीजों के लिए यह स्थिति अधिक घातक हो सकती है। ये वायरस सांस की नली और गले को प्रभावित करता है। जो लोग पहले से डायबिटीज दिल से संबंधी किसी भी बीमारी या ब्लड प्रेशर से पीड़ित है। उन पर ये वायरस आसानी से हमला करता है। 

ICMR ने अपनी गाइडलाइन में भी ये जारी किया है लंबी बीमारी से पीड़ित मरीजों को अपना ध्यान रखना चाहिए। ICMR ने ये साफ कहा है कि उक्त बीमारियां होने का मतलब यह नहीं है कि कोरोना संक्रमण होगा ही। डॉक्टरों द्वारा बताई गई दवाई को समय पर लें सरकार द्वारा मंत्रालय और केंद्र सरकार द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का पालन करें और खुद को कोरोना बचाएं। 

देश में कोरोना के मामले

स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार सुबह जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार, भारत में पिछले 24 घंटों के दौरान 442 मरीजों की मौत हुई है। वहीं, कोरोना वायरस के 22 हजार, 771 नए मामले सामने आए हैं, जोकि अभी तक एक दिन में सबसे ज्यादा मामले रिपोर्ट हुए हैं। इसके अलावा कोरोना के अबी 2 लाख 35 हजार, 433 मामले सक्रिय है, जबकि 3 लाख, 94 हजार, 227 मरीज ठीक हो चुके हैं। साथ ही साथ कुल मौतों का आंकड़ा 18 हजार, 655 पहुंच गया है। 
 

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