COVID-19 vaccine human trials: 103 डिग्री बुखार, कंपकपी, बदन दर्द, बेहोशी, ह्यूमन ट्रायल के दौरान पहला टीका लगवाने वाले व्यक्ति ने शेयर किये अपने अनुभव
By उस्मान | Published: July 8, 2020 03:18 PM2020-07-08T15:18:32+5:302020-07-08T15:18:32+5:30
कोरोना के इलाज के लिए कई दवाओं का ह्यूमन ट्रायल चल रहा है, अमेरिका में पहला टीके लेने वाले व्यक्ति ने अपने अनुभव शेयर किये हैं
कोरोना वायरस का प्रकोप तेजी से बढ़ता जा रहा है। चीन से निकले इस खतरनाक वायरस से दुनियाभर के 547,120 लोगों के मौत के घाट उतार दिया है और 11,973,641 लोग संक्रमित हो गए हैं। कोरोना वायरस का अभी तक कोई स्थायी इलाज नहीं मिला है और दुनियाभर के तमाम वैज्ञानिक दिन-रात इसकी दवा और वैक्सीन खोजने में जुटे हैं।
जाहिर है टीका या दवा बनाना कोई आसान काम नहीं है और यही वजह है कि सात महीने बाद बाद भी इसका स्थायी इलाज नहीं मिला है। टीके या दवा के कई दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। वर्तमान में कोविड-19 का टीका बनाने के लिए चार अलग-अलग अध्ययन जारी हैं। इनमें दो चीन में, एक अमेरिका में और यूनाइटेड किंगडम में जारी है। इनमें से कुछ अध्ययन नैदानिक परीक्षण के तीसरे और अंतिम चरण में पहुंच गए हैं।
इयान हेडन पर हुआ सबसे पहला ट्रायल
तीसरे चरण में वालंटियर को टेस्ट डोज दी जाती है और टीका पर उनकी प्रतिक्रियाओं की निगरानी की जाती है। अमेरिका के वैक्सीन रिसर्च सेंटर और फार्मा कंपनी मॉडर्मा द्वारा विकसित वैक्सीन की पहले ही मानव परीक्षणों की शुरुआत हो चुकी है। इस वैक्सीन के ट्रायल सबसे पहले 29 वर्षीय इयान हेडन नाम के व्यक्ति पर किया गया है।
टीका लगने के बाद चढ़ा तेज बुखार
बताया जा रहा है कि इयान को टीका देने के बाद कई गंभीर प्रतिक्रिया देखने को मिली हैं। एसटीएटी मेडिकल जर्नी के अनुसार, टीका देने के केवल 12 घंटे बाद इयान को 39।5 डिग्री बुखार चढ़ गया था और बढ़ते-बढ़ते 103 डिग्री पर पहुंच गया। उसका बुखार इतना अधिक था कि उसे मेडिकल सेंटर ले जाना पड़ा और आपातकालीन विभाग से छुट्टी देने के बाद वह बेहोश हो गया।
डेली मेल के अनुसार, सिएटेल बायोटेक इंस्टीट्यूट में काम करने वाले इयान को जॉब के दौरान वैक्सीन के बारे में काफी कुछ मालूम था। उन्हें उनके एक कलीग ने ट्रायल प्रोग्राम में शामिल होने की बात कही। इस दौरान सबसे पहले कंपनी की तरफ से हेल्थ चेक-अप के लिए कॉल आया और ब्लड रिपोर्ट आने के बाद कंपनी ने कहा था कि उनकी हालत बिगड़ सकती है। ऐसे खतरे में पड़ सकते हो, जिसे बताया नहीं जा सकता है।
वैक्सीन दिए जाने के बाद उन्हें शुरू के कुछ घंटे तक ऐसा लगा जैसे यह फ्लू का टीका है। इयान को थर्मामीटर से शरीर का तापमान बार-बार चेक करते रहने को कहा गया। लक्षणों को डायरी में लिखने की बात कही। कुछ दिनों तक सब सामान्य रहा और 28 दिन बाद उन्हें दूसरा डोज दिया गया।
लेकिन इस बार अनुभव पहले जैसा नहीं था। शरीर में बदलाव की शुरुआत पहले ही घंटे में हुई और हाथों में दर्द शुरू हुआ। रात को सोते समय अचानक कंपकंपी छूटने लगी। उन्हें नींद नहीं आई और धीरे-धीरे कई लक्षण दिखने शुरू हुए। सिर में और मांसपेशियों में तेज दर्द शुरू हुआ। बुखार बढ़ता गया और शरीर का तापमान 103 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया।
इमरजेंसी में जब चेकअप किया गया तो पता चला कि वैक्सीन के हाईडोज के कारण शरीर में इम्यून रिएक्शन हो गया है। धीरे-धीरे बुखार उतरा और अगले दिन सुबह सब कुछ सामान्य रहा।